‘फर्जी अधिकारियों’ का बढ़ता जाल अलग-अलग तरीकों से ‘लूट रहे लोगों को’

Tuesday, Oct 17, 2023 - 04:14 AM (IST)

अब तक तो देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाओं, खादों, कीटनाशकों और  नकली करंसी आदि की बात ही सुनी जाती थी, परंतु अब फर्जीवाड़े की यह बीमारी उच्च सरकारी पदों तक पहुंचती जा रही है। हाल ही में नकली पासपोर्ट तथा ट्रांसपोर्ट अधिकारियों, नकली पुलिस, नकली पी.एम.ओ. और अब ई.डी.(एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट) अधिकारियों आदि के मामले सामने आए हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि जालसाजी का रोग देश में किस कदर बढ़ रहा है : 

* 13 अक्तूबर को सी.बी.आई. अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल और गंगटोक में 50 स्थानों पर छापे मार कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के आरोप में 16 सरकारी अधिकारियों सहित 24 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया, जो रिश्वत लेकर पासपोर्ट जारी करते थे। इस सिलसिले में सिलीगुड़ी के ‘पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र’ के एक वरिष्ठ अधिकारी व एक बिचौलिए को हिरासत में लिया गया है। 
* 13 अक्तूबर को ही दिल्ली में आधा दर्जन कार सवार बदमाशों ने ई.डी. अधिकारी होने की धौंस दिखाकर एक व्यापारी के घर में घुस कर 3.20 करोड़ रुपए लूट लिए। इस सिलसिले में पुलिस ने एक आरोपी विक्की (सोनीपत) को पकड़ा है तथा अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। 

* 13 अक्तूबर को ही कानपुर (उत्तर प्रदेश) में स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर फर्जी मोबाइल नंबरों से महिलाओं को फोन करके उनके विरुद्ध मुख्यमंत्री के हैल्पलाइन नंबर पर अश्लील बातें, वीडियो काल आदि की शिकायतें मिलने की बात कहकर ब्लैकमेल करने और मामला निपटाने के नाम पर उनसे ऑनलाइन पैसा मंगवाने के आरोप में 2 बदमाश पकड़े गए। 
पुलिस ने इनके कब्जे से अन्य चीजों के अलावा 5 मोबाइल, 9 सिम कार्ड, 4 ए.टी.एम. कार्ड, 2 आधार कार्ड आदि बरामद किए।
* 13 अक्तूबर को ही देहरादून (उत्तराखंड) पुलिस ने कुलहाल चौकी प्रभारी पर प्रतिबंधित खनन सामग्री भेजने के लिए दबाव डालने के आरोप में एक फर्जी आई.पी.एस. अधिकारी को गिरफ्तार किया। 

* 10 अक्तूबर को मऊ (उत्तर प्रदेश) के ‘चिरैया कोट बाजार’ में स्वयं को लखनऊ से आया उच्चाधिकारी बताकर पॉलीथीन के विरुद्ध अभियान के नाम पर छापेमारी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से 12 फर्जी रसीदें और अन्य सामान बरामद किया। 
* 9 अक्तूबर को पुलिस ने गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में हथियारों के नकली लाइसैंस बनाकर देने के स्कैंडल में 2 क्लर्कों और एक कम्प्यूटर आप्रेटर के विरुद्ध चार्जशीट दायर करके कार्रवाई करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी, जबकि इस केस में 12 आरोपियों पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। 

* 7 अक्तूबर को गुरुग्राम (हरियाणा) में स्वयं को अपराध शाखा के अधिकारी बता कर लोगों से वसूली करने वाले 3 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। 
* 7 अक्तूबर को ही रामगढ़ (झारखंड) में फर्जी फूड लाइसैंस बनाकर दुकानदारों को ठगने और उनसे मनमानी रकम वसूलने के आरोप में एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
* 5 अक्तूबर को महोबा (उत्तर प्रदेश) में स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.)  तथा सी.बी.आई. का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार करके उसके पास से प्रधानमंत्री कार्यालय तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री के कार्यालय सहित आधा दर्जन फर्जी कार्ड व वी.वी.आई.पी. कार्ड बरामद किए। 

* 3 अक्तूबर को रायपुर (छत्तीसगढ़) में ऑनलाइन जाली ड्राइविंग लाइसैंस बनाकर देने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया। जांच के दौरान कई लोगों के लाइसैंस का नंबर भी एक ही निकला। उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि देश में जालसाजी की बुराई कितनी बढ़ रही है। अत: ऐसे तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि वे देश और समाज को नुकसान न पहुंचा सकें।—विजय कुमार 

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