वैलेंटाइन डे पर सरकारी छुट्टी, प्रेमी जोड़ों को 50 हजार रुपए, मुफ्त हजामत और गधे को राज्य पशु घोषित करने के वादे

punjabkesari.in Sunday, May 06, 2018 - 03:07 AM (IST)

12 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा के चुनावों का मोर्चा पूरी तरह गर्म हो चुका है तथा अनेक दिलचस्प बातें देखने में आ रही हैं : 

इन चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में मतदाताओं को मुफ्त मंगलसूत्र, लैपटॉप और फोन देने जैसे मिलते-जुलते वायदे किए हैं परंतु चामराज नगर से पांच बार विधायक चुने जा चुके ‘वाटल पार्टी’ के नेता ‘वाटल नागराज’ का घोषणा पत्र सबसे अनोखा है। उसने जो वायदे किए हैं उनमें प्रतिवर्ष 14 फरवरी (वैलेंटाइन डे) को सरकारी दफ्तरों में छुट्टी, विवाह करवाने वाले प्रेमी जोड़ों को 50,000 रुपए नकद सहायता, गधे को राज्य पशु घोषित करना, गरीबों व मध्यवर्ग के लिए मुफ्त हजामत व आटोरिक्शा चालकों को मुफ्त रेनकोट देना शामिल है। 

सभी सुपरस्टार सिर्फ अपनी पार्टी के लिए प्रचार करते हैं परन्तु रॉकिंग स्टार के नाम से प्रसिद्ध कन्नड़ स्टार यश तीन विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे तीनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और जद (एस) के तीन अलग-अलग उम्मीदवारों का प्रचार कर रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपने निर्वाचन क्षेत्र चामुंडेश्वरी में प्रचार करने का समय नहीं मिल रहा। उनके बड़े सुपुत्र राकेश की मृत्यु के बाद अब राकेश की पत्नी स्मिता ने यह जिम्मा उठाया है। इन चुनावों में सिद्धारमैया का गांव ‘सिद्धरामागुडी’ भी खूब चर्चा में है जहां एक-दो नहीं बल्कि 30 से अधिक बच्चों के नाम सिद्धारमैया हैं। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि यदि गांव में कोई क्रिकेट टीम बने तो सभी 11 खिलाडिय़ों के नाम सिद्धारमैया ही होते हैं। 

राज्य में जंगलों के निकट स्थित क्षेत्रों के लोगों की मुख्य समस्या जंगली जानवरों के कारण होने वाली मौतें हैं। लिहाजा मैसूरू, टुमकुरु और चित्रदुर्ग आदि जिलों में वोट मांगने आने वालों से इन क्षेत्रों के मतदाता यही पूछते हैं कि इन जानवरों से मुक्ति दिलाने की उनके पास क्या योजना है? चुनाव प्रचार में अमित शाह द्वारा कर्नाटक में भ्रष्टाचार और सिद्धारमैया की 40 लाख रुपए कीमत वाली कलाई घड़ी का मुद्दा खूब उछाला जा रहा है। अमित शाह का कहना है कि अभी तक सिद्धारमैया यह बताने में असफल रहे हैं कि यह घड़ी उन्हें कहां से मिली तथा किसने भेंट की। 

बागलकोट जिले के एक किसान ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि अमित शाह का हैलीकाप्टर उतारने की खातिर भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने रातोंरात उसके खेतों में जे.सी.बी. मशीन चला कर उसकी बोई हुई फसल को उजाड़ दिया और खेत समतल करके वहां हैलीपैड बना दिया। सिद्धारमैया और येद्दियुरप्पा बार-बार अपने मतदाताओं को आश्वासन दे रहे हैं कि उनकी पार्टी के जीतने पर वही मुख्यमंत्री होंगे परंतु दोनों ही आश्वस्त नहीं हैं कि इस मामले में पार्टी उनका समर्थन करेगी। दोनों को ही अपने पार्टी वर्करों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 

बेलगावी में एक चुनावी सभा में येद्दियुरप्पा ने भाजपा समर्थकों को यह कहा है कि  ‘‘आराम से मत बैठो अगर आपको लगता है कि कोई भाजपा के लिए वोटिंग नहीं कर रहा है तो उसके घर जाओ और उसके हाथ-पैर बांध कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए लेकर आओ।’’ अमित शाह का कहना है कि चुनाव में जीत तो दूर की बात है, अगले कुछ वर्षों में राहुल बाबा को कांग्रेस का अस्तित्व दूरबीन लेकर खोजना पड़ेगा। उन्होंने भाजपा कार्यकत्र्ताओं से 15 मई को पटाखे तैयार रखने के लिए कहा है, ‘‘क्योंकि कर्नाटक में भाजपा जीत रही है।’’ 

दूसरी ओर कांग्रेस को अपनी पहले ही ‘भाग्य’ नाम से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिलने की आशा है। इनमें पहली से 10वीं कक्षा के छात्रों को जुराबें, बी.पी.एल. परिवारों के हर सदस्य को प्रतिमास 7 किलो चावल, अल्पसंख्यक महिलाओं को विवाह के लिए 50,000 रुपए अनुदान, 8वीं से 10वीं कक्षा के छात्रों को साइकिल, आंगनबाड़ी व प्राइमरी स्कूल छात्रों को मुफ्त दूध, एस.सी.एस.टी. कालेज छात्रों को मुफ्त लैपटॉप, बी.पी.एल. परिवारों के 58 वर्ष से ऊपर के लोगों को मुफ्त डैंचर लगवाना आदि शामिल हैं। कुल मिलाकर इन चुनावों में दोनों प्रमुख दलों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है और सफलता प्राप्त करने के लिए कोई भी किसी तरह की कमी नहीं छोडऩा चाहता। अब किसके भाग्य में क्या लिखा है इसका पता 15 मई को वोटों का पिटारा खुलने पर ही चलेगा।—विजय कुमार


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Pardeep

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