यदि हमारी सरकार ने अच्छा काम नहीं किया तो दूसरों को मौका देने में दिक्कत नहीं : गडकरी

Wednesday, Apr 10, 2019 - 03:48 AM (IST)

अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध श्री नितिन गडकरी ने अपना राजनीतिक करियर ‘भारतीय जनता युवा मोर्चा’ और ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ से शुरू किया। वह 1995 से 1999 तक महाराष्टï्र सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहे। इसी दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में राज्य में सड़कों, राजमार्गों और फ्लाई ओवरों का जाल बिछाने के अलावा मुम्बई-पुणे एक्सप्रैस वे का निर्माण करवाया और अपने मंत्रालय को नीचे से ऊपर तक नया रूप दिया। 

वह महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष के अलावा 1 जनवरी, 2010 से 22 जनवरी, 2013 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे और वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, पोत परिवहन और जलसंसाधन तथा नदी विकास मंत्री के रूप में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। श्री नितिन गडकरी अपने काम को लेकर जितनी चर्चा में रहते हैं उतना ही अपने बेबाक बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं और उनके द्वारा दिए गए कुछ  बेबाक बयान निम्र में दर्ज हैं : 

10 मार्च, 2018 को भाजपा के ‘अच्छे दिन’ वाले नारे पर प्रश्रचिन्ह लगाते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘अच्छे दिन होते ही नहीं हैं। यह तो मानने वाले पर निर्भर करता है। अच्छे दिन का मतलब है रोटी, कपड़ा और मकान।’’ 24 दिसम्बर, 2018 को वह बोले, ‘‘जीत के कई बाप होते हैं लेकिन हार अनाथ होती है। संस्था के प्रति जवाबदेही साबित करने के लिए पार्टी के नेतृत्व को हार और विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’ 04 जनवरी, 2019 को उन्होंने कहा, ‘‘देश को इस समय जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनमें बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। हर कोई सरकारी नौकरी नहीं प्राप्त कर सकता।’’ 

02 फरवरी को उन्होंने पार्टी वर्करों से कहा, ‘‘जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वह देश नहीं संभाल सकता। ऐसे में पहले अपना घर संभालें तथा अपने बच्चे, संपत्ति देखने के बाद पार्टी और देश के लिए काम करें।’’ और अब अपने ताजा बयान में देश में चल रहे सत्ता संग्राम के बीच श्री नितिन गडकरी ने भारतीय जनता पार्टी के दोबारा सत्ता में आने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘‘यदि हमारी सरकार ने अच्छा काम नहीं किया तो दूसरों को मौका देने में कोई दिक्कत नहीं तथा वोट करने से पहले जनता को सरकार द्वारा पिछले पांच वर्ष में किए गए काम को भी ध्यान में रखना चाहिए।’’ मतदाताओं को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर लोगों को लगता है कि हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है तो अन्य पाॢटयों को मौका मिलना चाहिए।’’ 

एन.डी.टी.वी. से बातचीत करते हुए श्री गडकरी बोले, ‘‘इस बार सरकार की परीक्षा है। सत्ता में जो पार्टी होती है उसे उसके काम के आधार पर आंका जाता है। यदि जनता को लगता है कि हमारी सरकार ने काम नहीं किया तो उन्हें दूसरों को मौका देना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि राजनीति सिर्फ सत्ता में आने के लिए है जबकि राजनीति समाज के लिए होती है।’’ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एन.डी.ए. की बदौलत एक बार फिर सत्ता में आने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इसीलिए सरकार ने अलग-अलग सैक्टर के लोगों के लिए अपने विदाई बजट में अनेक लोक-लुभावन वायदे किए हैं। 

इनमें एक वायदा गरीब किसानों के खाते में नकदी के सीधे ट्रांसफर का भी है। सरकार ने गरीब किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 6000 रुपए डालने का वायदा किया है जिसकी 2000 रुपए की पहली किस्त उनके खाते में डाली भी जा चुकी है। इस बीच जहां नोटबंदी और जी.एस.टी. को लेकर विरोधी दलों की ओर से लगातार हमलों के बीच सरकार अपने फैसलों को आम जनता के हित में बताने में लगी हुई है, श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह कभी भी जाति के आधार पर और परिवारवाद को लेकर राजनीति नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘‘कई बार मैं लोगों से मजाक में कहता हूं कि पिछले पांच वर्षों में मैंने जो कुछ भी किया है वह सिर्फ एक ट्रेलर है। अभी पूरी फिल्म बाकी है।’’

श्री गडकरी ने यह भी कहा, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। मैंने सोने के पिंजरे में बैठने का कभी सपना नहीं देखा। मान लीजिए अगर मैं प्रधानमंत्री बन भी गया तो फुटपाथ पर खाने कैसे जाऊंगा? मैं जहां हूं वहीं ठीक हूं।’’श्री गडकरी के उक्त बयान को गलत नहीं कहा जा सकता जिसमें उन्होंने स्वच्छ राजनीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि वह निष्पक्ष राजनीति के पक्षधर हैं जो एक अच्छे राजनीतिज्ञ का सबसे बड़ा गुण है।—विजय कुमार 

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