न्यायपालिका की अच्छी पहल हल्के मामलों में पेड़ लगाने की सजा

Thursday, Jun 22, 2023 - 04:58 AM (IST)

आमतौर पर अदालतें विभिन्न अपराधों में दोषियों को कैद या जुर्माने जैसे दंड देती हैं, परंतु अब एक न्यायाधीश ने बहुत हल्के अपराध की सजा के तौर पर दोषियों को पेड़ लगाने की सजा दी है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने 2 पक्षों के बीच कहा-सुनी से जुड़े एक मामले को बंद करने के बदले में आरोपियों को अपने घरों के आसपास 10-10 पेड़ लगाने और 10 वर्ष तक उनकी देखभाल करने का आदेश दिया है। 

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि आरोपियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय और पुलिस का समय नष्ट हुआ है, अत: याचिकाकत्र्ताओं को कुछ सामाजिक कार्य करके इसकी भरपाई करनी चाहिए। यहां उल्लेखनीय है कि इससे कुछ ही दिन पहले इसी से मिलते-जुलते एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न मामलों में दोषियों द्वारा जुर्माने के रूप में हाईकोर्ट में जमा कराई गई 70 लाख रुपए से अधिक राशि का जनहित के लिए इस्तेमाल करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी में इस रकम से 10,000 पेड़ लगाने का आदेश दिया था ताकि यहां के पर्यावरण में सुधार हो सके। 

इस आदेश के अधीन जामुन, कचनार, अमलतास, गूलर आदि के पेड़ लगाए जाएंगे। इसके लिए जगह बताने और निगरानी के लिए अदालत ने 4 वकीलों को नियुक्त किया है तथा इसके लिए ‘उप वन संरक्षक’ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के बैंक खाते में 70 लाख रुपए डाले जाएंगे। ये निर्णय संबंधित पक्षों के मन में पश्चाताप की भावना का संचार करने वाले होने के साथ-साथ उन्हें अच्छे कार्यों के लिए प्रेरणा देने वाले भी हैं। चूंकि देश की अदालतों में बड़ी संख्या में मुकद्दमे लम्बित पड़े हैं इसलिए छोटे-मोटे कम गंभीर मामलों में दोषियों को इस प्रकार की शिक्षाप्रद सजाएं देकर उन्हें सुधारने के साथ-साथ अदालतों पर मुकद्दमों का बोझ कम करने का यह एक अच्छा तरीका सिद्ध हो सकता है।—विजय कुमार 

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