‘आतंकी तहव्वुर राणा से सच उगलवाना’‘जांच एजैंसियों के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं’
punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 04:57 AM (IST)

26 नवम्बर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 166 लोगों की मौत तथा 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन हमलों के दौरान ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के 10 आतंकियों ने 4 दिन तक मुंबई में अलग-अलग स्थानों पर गोलाबारी की जिससे पूरा देश दहल गया था। सुरक्षा एजैंसियों की कार्रवाई के दौरान इनमें से पकड़े गए एकमात्र आतंकी ‘अजमल कसाब’ को फांसी दी जा चुकी है और इस हमले के एक ‘मास्टर माइंड’ कनाडा निवासी पाकिस्तानी मूल के नागरिक ‘तहव्वुर राणा’ को हमले के 17 साल बाद अब अमरीका से भारत प्रत्यर्पित किया गया है।
कोर्ट ने ‘राणा’ से पूछताछ के लिए उसे 18 दिनों की एन.आई.ए. हिरासत में भेजा है। एजैंसी को संदेह है कि ‘राणा’ ने मुंबई ही नहीं, बल्कि भारत के कई अन्य शहरों को आतंकी हमलों का निशाना बनाने की योजना बनाई थी। एन.आई.ए. उसे आतंकवादी संगठनों ‘लश्कर-ए-तैयबा’ और ‘हरकत-उल-जेहादी इस्लामी’ के नैटवर्क से जोड़कर जांच कर रही है। ‘तहव्वुर राणा’ से राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) ने 11 अप्रैल को करीब 3 घंटे पूछताछ की, जिसमें वह अपनी खराब तबीयत का हवाला देकर लगातार टालमटोल करता रहा तथा याद नहीं और पता नहीं कहता रहा।
‘तहव्वुर राणा’ 1990 के दशक में पाकिस्तानी सेना में डाक्टर के रूप में सेवाएं दे चुका है। इसके बाद वह कनाडा में जा बसा और ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के साथ काम करता रहा। भारत में हमलों से पहले उसने कई बार रेकी भी की थी। ‘तहव्वुर राणा’ जैसे खतरनाक आतंकवादी से सच उगलवाने के लिए उसका लाई डिटैक्टर टैस्ट करवाया जाए और फिर भी तसल्ली न हो तो अधिक गहराई और सख्ती से उससे पूछताछ की जाए ताकि सच सामने आ सके। —विजय कुमार