पंजाब के पूर्व राज्यपाल अर्जुन सिंह की विधवा द्वारा बेटों पर घर से बेदखल करने का आरोप

Thursday, Jun 21, 2018 - 02:23 AM (IST)

भारत में बुजुर्गों को अतीत में अत्यंत सम्मानजनक स्थान प्राप्त था परन्तु आज संतानों द्वारा उनसे दुव्र्यवहार का रुझान अत्यधिक बढ़ जाने से उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय होकर रह गई है। बुजुर्गों से दुव्र्यवहार करने के समाचार पढ़-सुन कर मन विचलित हो जाता है जिनमें से चंद निम्र में दर्ज हैं : 

11 जून को गुजरात के ‘छोटा उदयपुर’ में अपनी बेटी ‘भावना बैरिया’ के पास रहने वाली मानसिक रूप से कमजोर ‘बाली बैरिया’ नामक महिला ने जब खाना न मिलने पर भावना को डांटा तो उसने अपने पति और पुत्र के साथ मिलकर अपनी मां को रस्सी से बांध कर पीट डाला। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें दोहता अपनी नानी को, जो घटना के बाद से लापता है, घर से बाहर धकेलता दिखाई दे रहा है। 

15 जून को ओडिशा के ‘अंगुल’ जिले के ‘बाड़ापादर’ गांव में दुखी श्याम नामक युवक ने घर आकर बेवजह अपनी पत्नी को पीटना शुरू कर दिया और जब उसके माता-पिता ने आकर उसे रोकना चाहा तो उसने हथौड़े से उन पर वार करके दोनों की हत्या कर दी। 16 जून को उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट ‘करहिया’ गांव में एक कलियुगी बेटे ने किसी बात पर नाराज होकर अपनी मां को बुरी तरह पीटा। 17 जून को मध्य प्रदेश में टीकमगढ़ के निकट ‘डूडा’ गांव में एक कलियुगी बेटे मूलचंद ने अपनी मां जानकी बाई कुशवाहा को लाठियों से इतना पीटा कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। 

17 जून को फादर्स डे पर छत्तीसगढ़ के ‘छिंदपुर’ गांव में शराब के नशे में  धुत्त कौशिक यादव नामक युवक ने पहले तो अपने पिता से गाली-गलौच करते हुए उसे पीटा और जब उसकी मां ‘पांचो बाई’ बीच-बचाव करने पहुंची तो उससे भी मारपीट करके दोनों को घायल कर दिया। 18 जून को ओडिशा के ‘गंजम’ जिले में दिवाकर राव नामक व्यक्ति ने सम्पत्ति विवाद के चलते अपने बड़े भाइयों और पिता के साथ बहस के बाद लोहे की छड़ से पीट-पीट कर अपने पिता की हत्या कर दी। 

और अब 19 जून को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के दिवंगत नेता अर्जुन सिंह की 84 वर्षीय पत्नी सरोज कुमारी ने भोपाल की अदालत में दर्ज करवाई एक निजी शिकायत में अपने दोनों बेटों अभिमन्यु और अजय सिंह के हाथों घरेलू हिंसा का शिकार होने और दोनों बेटों पर उन्हें अपने ही घर से बेदखल करने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि श्रीमती सरोज कुमारी के बेटे अजय सिंह मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और इस मामले में सरोज कुमारी ने अजय सिंह की पत्नी सुनीति सिंह को भी प्रतिवादी बनाया है। सरोज का कहना है कि अजय सिंह प्रति मास 10 लाख रुपए कमाने के बावजूद उनकी देखभाल नहीं करते। 

व्हीलचेयर पर आश्रित श्रीमती सरोज कुमारी ने अदालत से सहायता की गुहार लगाते हुए यह भी कहा है कि इस उम्र में उन्हें अपना घर छोड़ कर अलग-अलग जगहों पर रहना पड़ रहा है अत: उन्हें अपने घर में रहने की जगह दिलवाई जाए। उल्लेखनीय है कि आम परिवारों की संतानों द्वारा अपने माता-पिता से दुव्र्यवहार करने के समाचार तो आमतौर पर आते रहते हैं परन्तु समाज के उच्च वर्ग और पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठï नेता स्व. अर्जुन सिंह की पत्नी के साथ इस प्रकार का व्यवहार यह दर्शाता है कि आज के दौर में संतानें किस कदर ‘स्वार्थी’ हो चुकी हैं जो हमारे नैतिक मूल्यों में गिरावट का स्पष्टï प्रमाण है। 

संतानों द्वारा अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ मारपीट और दुव्र्यवहार की ये तो मात्र 10 दिनों में सामने आने वाली घटनाएं हैं। इनके अलावा भी न जाने कितनी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जो प्रकाश में नहीं आ पातीं। संतोष की बात है कि ऐसे में न्यायपालिका अपना दायित्व निभाते हुए पीड़ित बुजुर्गों की मदद को आगे आ रही है। इसी सिलसिले में गत 20 मई को मुम्बई में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला की शिकायत पर बम्बई हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शाहरुख कत्थावाला ने उसके बेटे और बहू को घर से अपना सामान उठाकर ले जाने का आदेश दिया तथा कहा कि मां-बाप से दुव्र्यवहार करने वाली संतान को उनके घर में रहने का अधिकार नहीं है। 

इस तरह की लगातार बढ़ती घटनाओं से सूझवान लोगों का चिंतित होना स्वाभाविक है तथा इस संबंध में गहन ङ्क्षचतन-मनन करके समाज को यह खतरनाक रुझान समाप्त करने के उपाय तलाश करने की जरूरत है। आज की संतानों को स्मरण रखना चाहिए कि जैसा व्यवहार आज वे अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ कर रहे हैं, कल को उनकी संतानें भी उनके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगी।—विजय कुमार  

Punjab Kesari

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