विभिन्न राज्यों में पैंशनरों का फर्जीवाड़ा

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2016 - 01:11 AM (IST)

देश में फर्जीवाड़े का धंधा लगातार जारी है और शायद ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां यह न हो रहा हो। इस वर्ष दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने 38 हजार लोगों द्वारा फर्जी तरीके से पैंंशन का लाभ उठाने का घोटाला पकड़ा जिसके अनुसार पिछले वर्षों में 300 करोड़ रुपए गलत हाथों में जा चुके हैं।

 
इसी वर्ष उत्तर प्रदेश में भी महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा विधवाओं को दी जाने वाली पैंशन में सरकारी खजाने को हर साल लगभग 72 करोड़ रुपए की चपत लगने का पता चला। पड़ताल में 17 लाख विधवाओं में से 2 लाख से अधिक के नाम और पते फर्जी पाए गए। 
 
इसी शृंखला में अब उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग द्वारा बुुजुर्गों, महिलाओं और विकलांगों को दी जाने वाली 1000 रुपए मासिक पैंंशन में भारी फर्जीवाड़े का पता चला है जिसके अंतर्गत राज्य में काफी समय पहले मर चुके कम से कम 8225 लोगों को कई वर्षों से पैंशन दी जा रही थी।
 
अब इस घोटाले का खुलासा होने के बाद मृतक पैंशनरों के परिवारों से उन्हें दी जा चुकी राशि ब्याज सहित लौटाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है और इसके साथ ही ऐसे पग भी उठाए जा रहे हैं जिनसे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी चूक न हो। 
 
प्रत्येक क्षेत्र में नुक्सान उठा चुकने के बाद लकीर पीटने की हमारी आदत बन चुकी है। उत्तराखंड में पैंशनरों के फर्जीवाड़े का पता चलने के बाद मृतकों के आश्रितों से उसकी वसूली करने की कार्रवाई भी इसी का एक नमूना है। 
 
नि:संदेह किसी भी किस्म का फर्जीवाड़ा सभी स्तरों पर संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत का ही परिणाम होता है। इसे रोकने के लिए इससे जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और दूसरे राज्यों में चल रहे ऐसे घोटालों का पता लगा कर उनकी जांच में तेजी लाना आवश्यक है।                     
 

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