मध्यप्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के लिए फिल्मी कलाकार, दंगल, मुशायरे और फैशन शो शुरू

punjabkesari.in Saturday, Oct 13, 2018 - 02:14 AM (IST)

अगले महीने मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम व छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी दल सक्रिय हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में तो चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही भाजपा ने सितम्बर के अंतिम सप्ताह में भोपाल में बाजे-गाजे के साथ ‘कार्यकत्र्ता महाकुंभ’ आयोजित कर डाला था। इसमें कार्यकत्र्ताओं में भोजन को लेकर खूब लूट मची। अपने हाथों में प्लेटें लेकर कार्यकत्र्ता एक से दूसरे पंडाल में भागते नजर आए। किसी के हाथ सब्जी, किसी के हाथ पूड़ी और किसी कार्यकत्र्ता के हाथ सिर्फ चावल ही आए। अनेक कार्यकत्र्ता पूड़ी के साथ चावल खाते नजर आए तो कुछ चावल के साथ बालूशाही खा रहे थे। 

अब जबकि विधिवत चुनाव कार्यक्रम घोषित हो गया है, सभी दल तरह-तरह के आयोजनों में जुट गए हैं। इसी शृंखला में अपनी सभाओं में बालीवुड सितारों को निमंत्रित करने के अलावा ग्वालियर में मैराथन दौड़, इंदौर और उज्जैन में फैशन शो, आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर, कवि सम्मेलन-मुशायरों व लोक नृत्य समारोहों आदि का आयोजन किया जा रहा है। ‘जय आदिवासी युवा संगठन’ नामक नए राजनीतिक दल ने युवाओं को लुभाने के लिए अभिनेता गोविंदा को एक चुनाव सभा में भाषण देने के लिए बुलाया तथा अपने अगले कार्यक्रम में मिथुन चक्रवर्ती को बुलाने जा रहा है। प्रदेश को दहलाने वाले ‘व्यापमं’ घोटाले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आनंद राय ने हाल ही में उक्त संगठन के साथ नाता जोड़ा है। उनके अनुसार, ‘‘सत्ता में आने पर हम गोविंदा की फिल्में टैक्स फ्री कर देंगे ताकि देहाती इलाकों के लोगों का सस्ते में मनोरंजन हो सके।’’ 

खंडवा में भाजपा विधायक लोकेंद्र सिंह तोमर ने बीड-खंडवा शटल रेलगाड़ी की वर्षगांठ मनाई और केक काटा। भोपाल के कांग्रेसी नेता गोविंद गोयल फैशन शो, मुशायरा और कुश्ती मुकाबले तक करवा चुके हैं। ‘आम आदमी पार्टी’ भी नुक्कड़ नाटकों द्वारा युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। राज्य के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में भागवत कथा, रामकथा एवं जगरातों आदि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले राजनीतिज्ञ महसूस करते हैं कि युवाओं की भाषणों और धार्मिक कार्यक्रमों में दिलचस्पी नहीं होती लिहाजा उन्होंने भी अन्य कार्यक्रम करने का फैसला किया है। ‘कम्प्यूटर बाबा’ व अन्य संतों का आशीर्वाद पाने के लिए बड़ी संख्या में छोटे-बड़े नेता पहुंच रहे हैं। बाबाओं और संत समाज का राज्य की जनता पर बहुत प्रभाव है जिस कारण कोई भी राजनीतिक दल व नेता इनकी उपेक्षा नहीं कर सकता। मालवा-निमाड़ में मजबूत पकड़ रखने वाले कथावाचक ‘कमल किशोर नागर’ से हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने भेंट की। 

इनके अलावा ‘दद्दा जी’ और ‘पंडोखर सरकार’ के यहां भी मंत्रियों और नेताओं द्वारा हाजिरी भरने का सिलसिला शुरू है। कई मंत्री इनके भक्त हैं। ‘ऋषभ चंद्र सूरीश्वर’ जिनका जैन समाज पर अत्यधिक प्रभाव है, से प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ 2 बार भेंट कर चुके हैं।  ‘शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती’, ‘भैया जी सरकार’, ‘स्वामी नर्मदानंद’, ‘योगेंद्र महंत’, ‘स्वामी हरिहरानंद’ आदि का भी राज्य के लाखों मतदाताओं पर प्रभाव है। इसी बीच कथावाचक ‘देवकी नंदन ठाकुर’ ने अलग ‘अखंड भारत पार्टी’ बनाकर प्रदेश में भाजपा के विरुद्ध चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। इस समय जबकि टिकट अभिलाषी टिकट पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, ऐसे में आई.टी. की दिग्गज कम्पनी इंफोसिस में 12 लाख रुपए मासिक वेतन पाने वाला मूक-बधिर साफ्टवेयर इंजीनियर सुदीप भी नौकरी छोड़ कर चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी कर रहा है। उसका कहना है कि, ‘‘मैं बोल नहीं सकता पर चुप नहीं बैठूंगा। अमरीका, नेपाल व यूगांडा में मूक बधिर जन प्रतिनिधि हैं। मैं विधानसभा में पहुंचा तो अपनी बात कहने के लिए संकेत भाषा का ज्ञाता रखने की अनुमति लूंगा।’’ कुल मिलाकर राज्य में राजनीतिक परिदृश्य हर बीतने वाले दिन के साथ दिलचस्प होता जा रहा है जिसमें आने वाले दिनों में और भी नए रंग जुड़ेंगे।—विजय कुमार 


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Pardeep

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