भारतीय जेलों में मारपीट, कर्मचारियों द्वारा काम में बरती जा रही लापरवाही

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 04:10 AM (IST)

भारतीय जेलें आज घोर अव्यवस्था के चलते ‘सुधार घर’ की बजाय ‘बिगाड़ घर’ बन कर रह गई हैं जिस कारण जेलोंमें ङ्क्षहसा, मारपीट, जेल कर्मियों द्वारा कैदियों को नशे व मोबाइल फोन आदि की सप्लाई में संलिप्तता तक की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं : 

* 25 अक्तूबर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैदियों के दो गुटों के बीच हुई झड़प में 4 कैदियों के एक समूह ने दूसरे गिरोह के सदस्यों पर ब्लेड से हमला करके  3 कैदियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। 
* 29 अक्तूबर को दिल्ली की मंडोली जेल में हुई गैंगवार के दौरान 2 कैदियों ने एक अन्य कैदी पर चाकू से हमला करके उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया जिसकी बाद में मौत हो गई।
* 04 नवम्बर को सैंट्रल जेल फिरोजपुर में तलाशी के दौरान विचाराधीन कैदियों से नशीले पदार्थ की 8 पुडिय़ां बरामद की गईं। 
* 07 नवम्बर को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ सैंट्रल जेल में एक विचाराधीन कैदी की मृत्यु से आक्रोशित कैदियों ने हंगामा कर दिया और जेल के सुधार केंद्र पर कब्जा करके जेलर सहित कई अधिकारियों को बंधक बना लिया। 

* 17 नवम्बर को सैंट्रल जेल बङ्क्षठडा में 2 कैदियों के बीच हुई झड़प के परिणामस्वरूप दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
* 20 नवम्बर को अमृतसर की फतेहपुर जेल में बंद 5 कैदी आपस में भिड़ गए।
* 20 नवम्बर को ही गुरुग्राम की भोंडसी जेल में हत्या जैसे गंभीर अपराधों में बंद 2 गिरोहों के 3 कैदी आपस में उलझ पड़े जिसके बाद उन तीनों को घायल अवस्था में अस्पताल में दाखिल करवाया गया। 

* 20 नवम्बर वाले दिन ही थाना सिटी पुलिस ने फिरोजपुर सैंट्रल जेल परिसर में मोबाइल के पैकेट फैंकने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें से एक जेल का ही सफाई कर्मचारी है।इसी दिन पटियाला सैंट्रल जेल में एक ही ‘कोठरी’ में बंद 4 कैदियों और 3 हवालातियों पर आपस में मिलकर बारी-बारी से 2 मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।

भारतीय जेलों में अव्यवस्था, मारपीट, ब्लेड, चाकू तथा अन्य हथियार, नशीले पदार्थ, मोबाइल फोन आदि पहुंचने के ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं। अत: जेलों में उक्त प्रतिबंधित वस्तुओं का दाखिला रोकने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध करने और इनमें संलिप्त दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार 


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