देश में ‘फर्जी’ का बोलबाला पकड़े जा रहे नकली ‘अधिकारी’ और ‘जज’

punjabkesari.in Sunday, Nov 03, 2024 - 02:56 AM (IST)

अब तक तो देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाइयों, खादों, कीटनाशकों, करंसी आदि की बातें सुनी जाती थीं, पर अब यह बीमारी विभिन्न विभागों के नकली अधिकारियों, नकली जजों, ई.डी. और पुलिस अधिकारियों आदि तक पहुंच गई है जिसके 3 महीनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

  • 10 अगस्त को दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल ने 2 पुलिस कर्मचारियों को नकली आयकर अधिकारी बन कर एक बिजनैसमैन के घर छापा मारने और रिश्वत के रूप में मोटी रकम मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया।  
  • 23 अगस्त को सागर (मध्य प्रदेश) में स्वयं को कभी ‘इकोनॉमिक आफैंसेज विंग’ (ई.ओ.डब्ल्यू.) का असिस्टैंट डायरैक्टर और कभी कोई अन्य अधिकारी बताकर सरकारी कर्मचारियों तथा आम लोगों को ठगने के आरोप में एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया।  
  • 30 अगस्त को भारत की गुप्तचर संस्था ‘अनुसंधान और विश्लेषण विंग’ (रॉ) में स्वयं को डी.आई.जी. लैवल का आई.पी.एस. अधिकारी बताकर लोगों पर रौब जमाने वाले इंद्रनील राय नामक ठग को नोएडा (उत्तर प्रदेश) की कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तार किया। वह एक होटल में परिवार सहित 25 दिनों से ठहरा हुआ था और पैसे मांगने पर फर्जी आई.डी. दिखाकर होटल के मैनेजर पर रौब डाल रहा था।  गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने स्वीकार किया कि वह फर्जी अधिकारी बन कर होटलों में रहता और मुफ्त में खाता-पीता था। 
  • 16 सितम्बर को कोरबा (छत्तीसगढ़) में आधी रात के समय नकली  ट्रैफिक इंस्पैक्टर (टी.आई.) और पुलिस अधिकारी बन कर वहां से गुजरने वाले ट्रकों से अवैध रूप से एंट्री फीस वसूल करने के आरोप में एक कोयला खदान के 4 अधिकारियों और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया। 
  • 1 अक्तूबर को सूरत (गुजरात) में स्वयं को कस्टम का वरिष्ठ अधिकारी बताकर 7 लोगों से 15.12 लाख रुपए ठगने के आरोप में एक जालसाज को पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया।
  • 22 अक्तूबर को अहमदाबाद (गुजरात) में फर्जी अदालत चला कर आदेश पारित करने वाले ‘मोरिस सैमुअल’ नामक वकील को हिरासत में लिया गया। वह 5 वर्षों से विशेष रूप से गांधीनगर क्षेत्र में आने वाली भूमि के मामलों में फर्जी आदेश पारित करता था जिसके लिए उसने अहमदाबाद में एक फर्जी अदालत भी कायम कर रखी थी। उसने अपने दफ्तर को बिल्कुल अदालत की तरह बना रखा था और उसके साथी अदालत के कर्मचारी या वकील के रूप में खड़े होकर यह जाहिर करते थे कि कार्रवाई असली है। इस तरकीब से ‘मोरिस सैमुअल’ ने 11 से ज्यादा मामलों में अपने ही पक्ष में आर्डर पारित किए। 
  • 23 अक्तूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘विशेष कार्य अधिकारी’ (ओ.एस.डी.) बन कर पुलिस के वरिष्ठï अधिकारियों को धमकाने तथा उन पर अपने परिचितों को बृजपुरी इलाके में एक विवादित सम्पत्ति का स्वामित्व दिलाने में मदद करने के लिए दबाव बनाने के आरोप में एक जालसाज नवीन कुमार सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया।
  • 25 अक्तूबर को ही प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) के अधिकारी बन कर एक व्यापारी से 5 करोड़ रुपए की वसूली करने के प्रयास में दिल्ली पुलिस ने 7 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया। 
  • और अब 31 अक्तूबर को चूरू (राजस्थान) जिले की साहवा थाना पुलिस ने बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर लगभग 13 लाख रुपए की ठगी करने वाली देवगढ़ निवासी अंजू शर्मा नामक फर्जी महिला थानेदार को गिरफ्तार किया।

वह खुद को दिल्ली पुलिस में उपनिरीक्षक बताकर 3 वर्ष से दिल्ली-जयपुर और हरियाणा में सुविधाओं का लाभ उठा रही थी। उसके पास से फर्जी पुलिस वर्दी, आई.डी. कार्ड और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि देश में जालसाजी किस कदर बढ़ रही है। अत: जहां लोगों को ऐसे शातिरों से सतर्क रहने की जरूरत है, वहीं ऐसे समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि वे देश और समाज से धोखा न कर सकें। -विजय कुमार


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