देश के कोने-कोने से बरामद हो रहे ‘विस्फोटक और अन्य शस्त्रास्त्र’

Thursday, Feb 08, 2018 - 02:31 AM (IST)

इस समय जहां देश बाहरी तौर पर खतरे का सामना कर रहा है वहीं देश के भीतर जगह-जगह विस्फोटक बरामद हो रहे हैं। इससे स्पष्टï है कि देश विरोधी शक्तियां देश के भीतर से भी हालात बिगाडऩे की लगातार कोशिश कर रही हैं। 

11 जनवरी को केरल के ‘मलपूरम’ जिले के ‘कुट्टी पुरम’ में  5 बारूदी सुरंगों से 400 से अधिक 7.34 एम.एम. की गोलियां बरामद की गईं। इससे पूर्व भी पुलिस ने काफी मात्रा में यहां से विस्फोटक बरामद किए थे। 17 जनवरी को पटना यूनिवॢसटी के ‘नदवी होस्टल’ से भारी मात्रा में बम बनाने का सामान बरामद किया गया। 18 जनवरी को मध्यप्रदेश में भोपाल की ‘बैरसिया’ पुलिस ने एक ट्रैक्टर की डिग्गी से 215 नग इलैक्ट्रिक डैटोनेटर (हरा), 18 नग इलैक्ट्रिक डेटोनेटर (ग्रे) और 65 नग विस्फोटक जिलेटिन जब्त किया। 

20 जनवरी को बिहार के बोधगया में विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर से सुरक्षा कर्मियों ने एक लावारिस थैला बरामद किया जिसमें अमोनियम नाइट्रेट समेत दूसरे विस्फोटक और तार लगे थे। 24 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में पम्पोर रेलवे स्टेशन के निकट कांधीझाल-तंगपोरा गांव में एक प्रैशर कुकर में रखा आई.ई.डी. बरामद हुआ। 29 जनवरी को बी.एस.एफ. ने अमृतसर सैक्टर में ओल्ड सुंदरगढ़ बार्डर आऊट पोस्ट पर मैगजीन सहित 7.65 एम.एम. का एक पिस्तौल और 6 राऊंड जब्त किए। 29 जनवरी को मध्यप्रदेश में झाखलोन थाना के अंतर्गत ‘धोराचौकी’ पुलिस ने 49 डायनामाइट एवं 50 डैटोनेटर कब्जे में लिए। 

29 जनवरी को जिला टास्कफोर्स ने झारखंड में ‘इचाक’ के साड़म ‘टेप्सा’ में भारी मात्रा में विस्फोटक नाइट्रेट की छड़ें बरामद कीं। 02 फरवरी को बंगाल के ‘धुलियन’ में छापेमारी के दौरान 200 किलो विस्फोटक बरामद हुए जिनमें भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट के साथ-साथ आई.ई.डी. बनाने वाले कई सामान शामिल हैं। 03 फरवरी को राजस्थान में ‘भिवाड़ी’ के एक फ्लैट से पुलिस ने 10 हजार मीटर कार्डेक्स वायर एवं 500 मीटर डैटोनेटर बरामद करके एक युवक को गिरफ्तार किया। 05 फरवरी को झारखंड के ‘पलामू’ में ‘नोडीहा बाजार’ थाना क्षेत्र के ‘भीतीहरवा’ प्राथमिक स्कूल में स्कूल के शौचालय से पुलिस तथा सी.आर.पी.एफ. की टीम ने माओवादियों द्वारा रखे हुए 2 केन बम, 10 नग डैटोनेटर, 30 मीटर कार्डेक्स तार, बैटरी आदि बरामद किए। 

06 फरवरी को झारखंड के ही कोडरमा में ‘डोमचांच’ थाना के अंतर्गत ढोढाकोला के खंडहरनुमा भवन से पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए जिनमें 20 पेटी पावर जैल व जिलेटिन शामिल है। 06 फरवरी को बंगाल के मुॢशदाबाद जिले के ‘सागरदीखी’ स्थित 2 ठिकानों से आई.ई.डी. बनाने में इस्तेमाल होने वाली जिलेटिन स्टिक, 50 डैटोनेटर, तार, बैटरी, सॢकट बोर्ड समेत अन्य सामान बरामद किया गया। 06 फरवरी को गुरदासपुर में कस्सोवाल बार्डर आऊटपोस्ट के निकट 3 ए.के.-47 राइफलें, ए.के.-47 के 6 मैगजीन और 150 कारतूस, 6 हाई एक्सप्लोसिव हैंड ग्रेनेड, दो चीनी सैमी-आटोमैटिक पिस्तौल और इसके 2 मैगजीन व 100 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। 06 फरवरी को झारखंड में ‘लोहरदगा’ जिले के ‘पेशरार’ थाना क्षेत्र के ‘मुरहूकर्चा’ गांव स्थित एक मकान से 238 किलो बम बनाने में प्रयुक्त होने वाला सेफ्टी फ्यूज, तार व अन्य सामान बरामद किया गया। 

मात्र लगभग 3 सप्ताह की अवधि के दौरान विस्फोटकों की बरामदगी की उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि देश में कितनी बड़ी मात्रा में तबाही का सामान इधर से उधर किया जा रहा है। यदि यह सारा विस्फोटक चल जाए तो कितनी तबाही हो सकती है, यह अनुमान लगाना कठिन नहीं। सीमा पार से तो पहले से ही भारत को भारी खतरे का सामना करना पड़ रहा है, यदि देश के भीतर भी स्थिति विस्फोटक हो गई तब तो इस पर काबू पाना ही मुश्किल हो जाएगा। अत: सरकार को इस समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए अधिक से अधिक छापे मार कर स्थिति पर काबू पाने की आवश्यकता है जिसके लिए दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई वांछित है ताकि दूसरों को सबक मिले और देश के भीतर लोग सुख-शांतिपूर्वक रह सकें।—विजय कुमार

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