‘जग बाणी’ का 42वें वर्ष में प्रवेश

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2019 - 12:34 AM (IST)

हमारे लिए यह हर्ष और गर्व की बात है कि आप का प्रिय पंजाबी दैनिक ‘जग बाणी’ आज 21 जुलाई को अपने 41 वर्ष पूरे करके 42वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।हालांकि शुरूआती दौर में इसे अन्य पंजाबी दैनिकों के साथ कड़ी स्पर्धा का सामना करना पड़ा परंतु ‘जग बाणी’ आदरणीय पिता जी लाला जगत नारायण के आशीर्वाद और परिवार के अन्य सदस्यों चिरंजीव अविनाश तथा अमित के साथ-साथ अब मेरे पौत्रों अभिजय, आरुष, अविनव और पौत्री आमिया की मेहनत और लगन तथा आप लोगों के स्नेह की बदौलत आज सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला पंजाबी दैनिक बन चुका है जिसकी पाठक संख्या 43.86 लाख है। आज मैं 21 जुलाई,1978 को ‘जग बाणी’ शुरू करने के अवसर पर लाला जी द्वारा लिखित सम्पादकीय यहां पेश कर रहा हूं। 

‘जग बाणी का आगमन’
आज हमारा परिवार दैनिक पंजाबी समाचारपत्र ‘जग बाणी’ पंजाबी पढ़े-लिखे भाइयों और बहनों के पढऩे के लिए निकाल रहा है। ‘जग बाणी’ निकालने का विचार चार-पांच वर्ष पहले आरम्भ हुआ था। सरदार प्रकाश सिंह बादल तथा अन्य अकाली व कांग्रेसी नेताओं ने हमें पंजाबी अखबार निकालने का उत्साह दिया था। ‘पंजाब केसरी’ और ‘हिंद समाचार’ के पाठकों में से भी कई भाइयों और बहनों ने यह अनुरोध किया था कि ‘हिंद समाचार’ परिवार को पंजाबी का दैनिक अखबार अवश्य निकालना चाहिए परंतु जेल चले जाने के कारण तथा चुनाव में व्यस्त हो जाने के कारण इस काम में विलम्ब होता चला गया। 

आज बड़ी कठिनाई का सामना करते हुए हम अपने मिशन में सफल हुए हैं। हमारे एक-दो सहयोगी अखबार हमारे ‘जग बाणी’ छापने से प्रसन्न नहीं। हम उनको विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमारा अखबार निकालने का विचार काफी पुराना है और हमारा उनके साथ कोई विद्वेष नहीं है और न ही हमारा उनके साथ कोई मुकाबला है। हमारा अखबार ‘जग बाणी’ विशुद्ध धर्मनिरपेक्ष होगा और किसी भी संस्था के साथ उसका कोई संबंध नहीं होगा। हम ‘जग बाणी’ इसी मनोरथ को सामने रख कर निकाल रहे हैं कि पंजाब की देहाती और शहरी जनता तक अपने विचार प्रस्तुत करके और उनके दुख-दर्द के सांझीदार बन कर ‘जग बाणी’ में उनके कष्टïों को छाप कर सरकार के कानों तक पहुंचा दें कि जनता इस सरकार से किस प्रकार की राहत चाहती है। 

हमारा एक ही उद्देश्य है कि ‘जग बाणी’ जनता का अखबार बने और उसके कष्टïों को सरकार तक पहुंचाए। इसके साथ ही ‘जग बाणी’ के द्वारा धार्मिक नेताओं के विचार भी पाठकों तक पहुंचें। हम बुजुर्गों से लेकर विद्यार्थियों तक के लिए इसको दिलचस्प बनाने की कोशिश करेंगे। इसकी छपाई आफसैट पर होगी और पंजाब तथा सारे देश के नवीनतम समाचार पाठकों को ‘जग बाणी’ में पढऩे को मिलेंगे। यह अखबार विशुद्ध धर्मनिरपेक्ष और स्वतंत्र होगा तथा इसका किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। 

हम रचनात्मक आलोचना करने से नहीं हिचकिचाएंगे जैसा कि हम ‘हिंद समाचार’ और ‘पंजाब केसरी’ में कर रहे हैं। हमें पूरी आशा है कि हमारे पाठक हमारे साथ पूरा सहयोग देकर अपने इस अखबार ‘जग बाणी’ को भी पहले दोनों अखबारों की तरह सफल बनाएंगे। ‘हिंद समाचार परिवार’ सदा हिन्दू-सिख एकता का समर्थक रहा है। पिछले चुनाव में पहली बार सही अर्थों में हिन्दू-सिख एकता बनी थी। इसमें ‘हिंद समाचार परिवार’ ने अपना पूरा हिस्सा डाला था। हम पाठकों को पूरा विश्वास दिलाना चाहते हैं कि ‘जग बाणी’ हिन्दू-सिख एकता के लिए पूरी कोशिश करेगा और जो भाई और बहनें उर्दू और हिन्दी नहीं पढ़ सकते उनके लिए ‘जग बाणी’ प्रकाश का काम करेगा और हिन्दू-सिख एकता का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

इसके अतिरिक्त हिन्दू-सिख एकता को सुदृढ़ बनाने के लिए लेख और सही खबरें छाप कर साम्प्रदायिक अखबारों और साम्प्रदायिक नेताओं के विचारों को चुनौती भी देता रहेगा। हमें पूरा विश्वास है कि पाठक अपना पूरा सहयोग हमें देंगे और ‘जग बाणी’ को भी ‘हिंद समाचार’ तथा ‘पंजाब केसरी’ की तरह पंजाब में चोटी पर पहुंचाने में हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा। धन्यवाद। —जगत नारायण 
आदरणीय लाला जी ने अपने सम्पादकीय में ‘जग बाणी’ के संबंध में जो उद्गार व्यक्त किए हैं ‘जग बाणी’ आज भी उसी मार्ग पर अडिगतापूर्वक चल रहा है। 

‘जग बाणी’ को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए हम अपने पाठकों और संरक्षकों के आभारी हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी इसे आपका स्नेह और संरक्षण उसी प्रकार मिलता रहेगा जिस प्रकार ‘हिंद समाचार’, ‘पंजाब केसरी’ और दिल्ली से प्रकाशित हिंद समाचार परिवार के नए प्रकाशन ‘दैनिक नवोदय टाइम्स’ को मिलता आ रहा है।—विजय कुमार 


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