‘फैमिली कोर्ट’ का अच्छा निर्णय कमाऊ पत्नी देगी बेरोजगार पति को गुजारा भत्ता

Saturday, Feb 24, 2024 - 04:49 AM (IST)

मध्य प्रदेश में एकतरफा प्रेम में पड़ी महिला और उसके परिवार वालों ने एक युवक को डरा-धमका कर उसे आर्य समाज मंदिर में वर्ष 2022 में विवाह के लिए मजबूर कर दिया था जबकि युवक इस शादी के लिए राजी नहीं था। इस संबंध में इंदौर की एक ‘फैमिली कोर्ट’ में पीड़ित युवक के वकील मनीष झारोला ने दायर की शिकायत में कहा था कि : 

‘‘शादी के कारण युवक अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने की वजह से बेरोजगार है और अपना घर चलाने में असमर्थ है जबकि उसकी पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है और अच्छी रकम कमाती है।’’ युवक के वकील की दलीलों से सहमत होकर ‘फैमिली कोर्ट’ ने एक अभूतपूर्व फैसले में युवक की ‘कमाऊ पत्नी’ को अपने बेरोजगार पति को गुजारे के लिए हर महीने 5000 रुपए देने तथा पति (युवक) द्वारा उसके विरुद्ध दायर मुकद्दमे पर आया खर्च भी अलग से देने का निर्देश दे दिया है।

आमतौर पर वैवाहिक विवादों के मामलों में अदालतें पुरुष को यह आदेश देती हैं कि वह अपनी पत्नी को गुजारे के लिए प्रतिमास एक निश्चित रकम दे परंतु उक्त अदालत ने इसके विपरीत कमाऊ पत्नी को अपने बेरोजगार पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश देकर एक नया उदाहरण पेश किया है। 

यह निर्णय इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विवाह के समय पति-पत्नी सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करते हैं और इसीलिए पत्नी को पुरुष की ‘अद्र्धांगिनी’ कहा गया है। अत: जब पत्नी के गुजारे के लिए उसे एक निश्चित रकम देने का उसके पति को आदेश दिया जा सकता है तो पत्नी को भी उस स्थिति में यह आदेश देना उचित ही लगता है, जब पत्नी कमाऊ हो और पति बेरोजगार।—विजय कुमार 

Advertising