‘एक जर्मन नाई के पोते’ ‘डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर जीता अमरीका के राष्ट्रपति का चुनाव’
punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2024 - 05:45 AM (IST)
अमरीका के 47वें राष्ट्रपति के लिए 5 नवम्बर को मतदान हुआ जिस पर सारे विश्व की नजरें टिकी हुई थीं। इसमें अंतत: डोनाल्ड ट्रम्प 301 इलैक्टोरल वोट प्राप्त करके दूसरी बार अमरीका के राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए। 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प एक जर्मन नाई के पोते हैं जिनका जन्म न्यूयार्क शहर में हुआ था। वह पहली बार 2016 में अमरीका के राष्ट्रपति चुने गए थे तथा 2020 के चुनाव में डैमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन से हार गए थे परंतु इस बार के चुनाव में दोबारा जीत कर वह 132 वर्ष बाद पिछले चुनाव में हारने के बाद दोबारा चुनाव जीतने वाले राष्ट्रपति चुने गए हैं।
1884 में ग्रोवर क्लीवलैंड अमरीका के राष्टï्रपति चुने गए थे परंतु 1888 में हारने के बाद 1892 में वह दोबारा अमरीका के राष्ट्रपति चुने गए थे। डोनाल्ड ट्रम्प के चुनावी अभियान का नारा था ‘मेक अमरीका ग्रेट अगेन’। उनके प्रचार अभियान में ‘टेस्ला’ तथा ‘स्पेस एक्स’ के सी.ई.ओ. एलन मस्क, मॉडल एम्बर रोज़, रियलिटी टी.वी. स्टार कैटलिन जैनर, अभिनेता जाचारी लेवी जैसी हस्तियां जुटीं जबकि कमला हैरिस के लिए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा, गायिकाओं लेडी गागा तथा बियोंस नोवेल्स एवं गायिका-अभिनेत्री जैनिफर लोपेज़ आदि ने प्रचार किया।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीकी अर्थव्यवस्था, महंगाई और अवैध आव्रजन की समस्या को मुद्दा बनाने के अलावा अमरीका फस्र्ट की नीति अपनाने, टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन को मिली बढ़त कम करने के लिए अपने देश में नई प्रतिभाओं को बुलाने की बात भी कही है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका के मतदाताओं से तीसरे विश्व युद्ध को टालने के लिए भी उन्हें (ट्रम्प) जिताने का आह्वान किया। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला देवी हैरिस की हार के पीछे सत्ता विरोधी लहर, मतदाताओं की उनके प्रति विश्वास में कमी और डैमोक्रेटिक पार्टी के अंदर असंतोष जैसे कई कारण शामिल थे। हालांकि उन्होंने अपने प्रचार में महिलाओं के मुद्दे उठाए परंतु डोनाल्ड ट्रम्प तथा कमला हैरिस को मिलने वाले महिला वोटों का भी अधिक अंतर नहीं रहा। जहां कमला को 54 प्रतिशत महिला वोट मिले, वहीं ट्रम्प ने 40 प्रतिशत महिला वोट लिए।
अपनी विजय के बाद प्रथम संबोधन में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, ‘‘अगले 4 वर्ष अमरीका के लिए स्वर्ण युग होगा। यह अमरीका के लोगों की शानदार जीत है जो हमें अमरीका को फिर से महान बनाने में सक्षम बनाएगी। हम मिल कर अमरीका के लिए शानदार भाग्य के द्वार खोलने जा रहे हैं।’’ डोनाल्ड ट्रम्प अपनी चुनावी रैलियों में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ले चुके हैं। दीवाली पर उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘दोस्त’ बताया तथा भारत-अमरीका संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताते हुए दोनों देशों के बीच सांझेदारी को और आगे बढ़ाने का वायदा किया।
डोनाल्ड ट्रम्प चीन के कट्टïर विरोधी माने जाते हैं। उनके पहले कार्यकाल में अमरीका तथा चीन के रिश्ते काफी खराब हो गए थे। वह चीन को ‘वायरस’ तक करार दे चुके हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि यह स्थिति भारत और अमरीका के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगी। अपने पहले कार्यकाल के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमरीका, आस्ट्रेलिया, भारत और जापान के गठजोड़ ‘क्वाड’ को मजबूत करने के लिए काफी सक्रिय नजर आए थे। यह चीन और पाकिस्तान के बीच भारत की स्थिति अधिक मजबूत कर सकता है।
अमरीकी थिंक टैंक में ‘इंडो पैसिफिक’ के विश्लेषक डेरेक ग्रासमैन के अनुसार, ‘‘ट्रम्प के जीतने से भारत और अमरीका की वर्तमान रणनीति जारी रहेगी और कुल मिलाकर इस मामले में भारत अधिक फायदे में रहेगा।’’ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और इसराईल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू तथा विश्व के अनेक नेताओं ने डोनाल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है। पिछली बार डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने पर नेतन्याहू इतने खुश हुए थे कि उन्होंने इसराईल के एक इलाके का नाम ही ट्रम्प के नाम पर रख दिया था। इस बीच ट्रम्प के विजय के निकट पहुंचते ही ईरान की मुद्रा रियाल अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है। -विजय कुमार