थमने में नहीं आ रहा ‘नेताओं द्वारा बेहूदा बयानबाजी का सिलसिला’

Wednesday, Apr 24, 2019 - 03:32 AM (IST)

लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के लिए मंगलवार को 117 सीटों पर मतदान के साथ ही देश में 56 प्रतिशत मतदान पूरा हो गया। इन चुनावों के दौरान जहां मतदाताओं में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है वहीं सुप्रीमकोर्ट की फटकार और चुनाव आयोग द्वारा अनेक बड़बोले नेताओं पर कार्रवाई के बावजूद विवादास्पद बयानबाजी का सिलसिला जारी है जिनकी चंद ताजा मिसालें निम्र में दर्ज हैं : 

प्रियंका गांधी ने अमेठी में एक नुक्कड़ सभा में कहा, ‘‘स्मृति ईरानी ने यह कहने के लिए जूते बांटे कि अमेठी के लोगों के पास पहनने को जूते नहीं हैं। वह सोच रही हैं कि ऐसा करके वह राहुल का अपमान कर रही हैं जबकि सच यह है कि वह अमेठी का अपमान कर रही हैं। यदि कोई मांग रहा है तो वही (भाजपा वाले) जो आपके वोट मांग रहे हैं।’’ इस पर स्मृति ने कहा, ‘‘मैं अभिनेत्री रह चुकी हूं, लिहाजा प्रियंका अभिनय न करें तो बेहतर है। जहां तक उन गरीबों की बात है जिनके पैरों में जूते नहीं हैं, तो अगर उनमें  (प्रियंका) जरा-सी भी शर्म बाकी है तो वह खुद आकर देख लें।’’ 

वरिष्ठ सपा नेता आजम खां के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की एक जनसभा में कहा, ‘‘हमें अली भी चाहिए और बजरंग बली भी लेकिन हमें अनारकली नहीं चाहिए।’’ इसके जवाब में जयाप्रदा ने बयान दिया, ‘‘जैसा बाप है वैसा ही बेटा है। तुम्हारे पिता कहते हैं कि मैं आम्रपाली हूं और तुम कहते हो कि मैं अनारकली हूं।’’ एक अन्य बयान में जयाप्रदा ने (बसपा सुप्रीमो मायावती से) कहा, ‘‘आजम खां जिस तरह की टिप्पणियां मेरे बारे में करता है, मायावती, आपको अवश्य सोचना चाहिए। उसकी एक्स-रे जैसी आंखें आपके ऊपर भी कहां-कहां नजर डाल कर देखेंगी।’’ (14 अप्रैल को आजम खां ने एकसभा में जयाप्रदा बारे यह बयान दिया था कि ‘‘मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनका अंत:वस्त्र खाकी रंग का है।’’)

योगी आदित्यनाथ ने रामपुर में भाषण करते हुए कहा कि ‘‘रामपुर के कलंक को मिटा दो। कला की देवी जयाप्रदा को जिता दो।’’ मिजोरम के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘प्लान करके आपने पुलवामा आतंकी हमला करवाया ताकि आपको मौका मिले। अगर मोदी जी चाहें कि 42 जवानों की हत्या करके उनकी चिताओं की राख से अपना राजतिलक कर लें तो जनता नहीं करने देगी।’’ 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने फर्रुखाबाद में संवाददाताओं से बात करते हुए स्वयं को योगी आदित्यनाथ का ‘बाप’ बताते हुए कहा, ‘‘बेटा नाकारा है जो चारे की चोरी कर रहा है।’’ राज्य में गऊओं के चारे के वितरण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘योगी जी से कहिए कि रिश्ते में मैं उनका बाप लगता हूं...अब वह इसके लिए क्या कहेंगे कि बेटा बड़ा नाकारा निकला। गऊ माता को खाना भी नहीं पूरा पहुंचाता।’’

भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने जालना में एक चुनावी सभा में कहा, ‘‘आजकल कोई भी उठता है और नरेंद्र मोदी से पूछने लगता है कि सर्जीकल स्ट्राइक कहां हुई और कितने लोग मरे? लिहाजा सर्जीकल स्ट्राइक का सबूत मांगने वाले राहुल गांधी के गले में बम बांध कर पाकिस्तान भेज देना चाहिए।’’ प्रयागराज में केंद्रीय राज्यमंत्री और राजग की सहयोगी पार्टी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश में विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए बोलीं, ‘‘मोदी के नाम का भूत विपक्ष के सिर चढ़ कर बोल रहा है और इस भूत से बचने के लिए सांप और नेवले ने एक-दूसरे को गले लगा लिया है।’’ 

बदायूं में भाजपा नेता संघमित्रा मौर्य ने अपने समर्थकों को बोगस मतदान करने के लिए प्रेरित करते हुए सलाह दी, ‘‘जो लोग मतदान के लिए न आएं आप उनकी ओर से भी वोट डाल दें क्योंकि एक भी वोट बेकार नहीं जाना चाहिए।’’ मध्य प्रदेश के चुनाव अधिकारियों द्वारा कांग्रेस के प्रचार गीत में ‘चौकीदार चोर है’ के नारे पर रोक लगाने के बाद कांग्रेस ने इसमें नया शब्द ‘ठग मास्टर से बच कर रहना’ जोड़ दिया है और इसके बोल हैं, ‘‘लोगण के रोजगार नाम के नाहीं, ऐसण ठग मास्टर काम के नाहीं।’’ 

आपत्तिजनक बयानबाजी के उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि स्वयं को देश के भाग्यविधाता समझने का दावा करने वाले हमारे विधि निर्माता कितने निम्र स्तर तक जाकर बयानबाजी कर रहे हैं और एक-दूसरे पर व्यक्तिगत लांछन लगाने में भी नहीं चूक रहे। सुप्रीमकोर्ट द्वारा फटकार और चुनाव आयोग द्वारा आपत्तिजनक भाषण करने वाले नेताओं पर अल्पकालिक प्रतिबंध लगाने का कोई असर नहीं हुआ। अत: जरूरत इस बात की है कि आपत्तिजनक बयान देने वाले नेताओं के विरुद्ध कठोर प्रतिबंध के प्रावधान किए जाएं ताकि यह रुझान बंद हो।—विजय कुमार 

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