सड़कों पर मंडरा रही ‘मौत’ ‘आवारा और बेसहारा पशु’

Wednesday, Aug 16, 2017 - 11:38 PM (IST)

देश में लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या तो लोगों की सुरक्षा के लिए पहले ही भारी खतरा बनी हुई है, कुछ वर्षों से सड़कों पर घूम रहे अन्य आवारा जानवर, विशेष रूप से परित्यक्त गौवंश, लोगों की सुरक्षा के लिए भी भारी समस्या बन गए हैं। 

पेट भरने के लिए कूड़ा-कर्कट के ढेरों और सब्जी मंडियों में लोगों द्वारा फैंकी हुई गली-सड़ी चीजों में मुंह मारते ये आवारा पशु जहां गंदगी फैलाते हैं, वहीं खेतों में घुसकर फसलें भी नष्ट करते हैं। अनेक स्थानों पर तो सड़कों पर क्रियात्मक रूप से इन आवारा पशुओं का जैसे ‘कब्जा’ ही हो गया है जो रास्तों के बीच ‘धरना’ मार कर बैठ जाते हैं जिससे वाहनों का आवागमन तक अवरुद्ध हो जाता है। केवल पंजाब में ही 1.10 लाख के लगभग आवारा पशु सड़कों पर भटक रहे हैं। पिछले वर्ष अकेले पंजाब में ही इनके चलते हुई सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 290 लोगों की मौत हुई और यह समस्या केवल पंजाब तक ही सीमित नहीं बल्कि हरियाणा, हिमाचल, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान सहित देश के अनेक राज्यों में फैली हुई है। 

यहां प्रस्तुत हैं मात्र लगभग 3 सप्ताह के दौरान हुई चंद दुर्घटनाएं: 
26 जुलाई को राजस्थान के बूंदी जिले में ‘केशवराय पाटन’ के निकट ‘कोटलालसेट मैगा हाइवे’ पर अचानक चढ़ आए आवारा पशु से भिड़ंत में मोटरसाइकिल सवार 21 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गई। 26 जुलाई को ही दवाई लेकर आ रहा अबोहर में मोटरसाइकिल  सवार 22 वर्षीय युवक सड़क पर अचानक सामने आए पशु से टकरा कर मौत के मुंह में चला गया तथा उसके पीछे बैठी महिला बुरी तरह घायल हो गई। 30 जुलाई को आवारा पशु को बचाने की कोशिश में जालंधर में मकसूदां के निकट 3 कारें आपस में भिड़ गईं। 31 जुलाई रात को कोटा के निकट राजस्थान के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बाबू लाल वर्मा की कार तथा सड़क पर घूम रही भैंस में टक्कर के चलते मंत्री के निजी सहायक की मृत्यु व ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। 

04 अगस्त को मानसा के निकट एक युवक का मोटरसाइकिल ‘राम दित्तेवाला चौक’ के निकट आवारा पशुओं की चपेट में आ गया जिससे युवक की मृत्यु हो गई तथा पीछे बैठा उसका साथी घायल हो गया। 07 अगस्त को उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के ‘हरगांव’ थाना क्षेत्र में आवारा पशु से टकरा कर मोटरसाइकिल में आग लग जाने से बुरी तरह झुलसे युवक की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मृत्यु हो गई। 08 अगस्त को सतना (मध्य प्रदेश) के कचहरी परिसर में गुस्साए सांड ने एक घंटे तक भारी उत्पात मचाया और लोगों को दौड़ा-दौड़ा  कर परेशान करने के अलावा लगभग आधा दर्जन कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश के ‘औरैया’ में एक बाइक के आवारा सांड से टकरा जाने पर मोटरसाइकिल सवार युवक-युवती घायल हो गए। 

12 अगस्त को राजस्थान के ‘कोटा’ में  मोटरसाइकिल सवार युवक अंधेरे में बैठी भैंस से टकरा कर बुरी तरह घायल हो गया जिसकी बाद में मृत्यु हो गई। 13 अगस्त को ग्रेटर फरीदाबाद के ‘फरीदपुर खेड़ीकेलां’ स्थित ‘मास्टर रोड’ पर आवारा पशुओं की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल युवक की 15 अगस्त को मृत्यु हो गई। 15 अगस्त को हांसी में दिल्ली रोड पर गढ़ी के निकट मोटरसाइकिल की आवारा पशु से टक्कर में गोगामेड़ी दर्शन के लिए जा रहे दिल्ली निवासी युवक की मृत्यु हो गई जबकि बाइक के पीछे बैठा युवक घायल हो गया। संबंधित प्रशासन द्वारा आवारा पशुओं से निजात दिलाने में असफल रहने से लोगों में रोष बढ़ रहा है तथा विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनों का सिलसिला भी शुरू हो गया है जिसमें महिलाएं भी भाग ले रही हैं। लिहाजा संबंधित विभागों द्वारा आवारा पशुओं की समस्या से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए यथाशीघ्र प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को इस ‘बिन बुलाई मौत’ से मुक्ति मिल सके। 

इस समस्या से निपटने के लिए जहां आवारा पशुओं की आबादी बढऩे से रोकने के प्रयास किए जाने की आवश्यकता है वहीं इनके पुनर्वास के लिए कोई संतोषजनक व्यवस्था करने की भी जरूरत है। सड़कों पर घूमने वाले अनाथ गौवंश के सींगों पर रिफ्लैक्टर लगाने से भी रात के समय इनके कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में भी कुछ सहायता मिल सकती है।—विजय कुमार   

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