सड़कों पर मंडरा रही ‘मौत’ ‘आवारा और बेसहारा पशु’

Friday, Aug 18, 2023 - 05:18 AM (IST)

देश में लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या तो लोगों की सुरक्षा के लिए पहले ही भारी खतरा बनी हुई है, कुछ वर्षों से सड़कों पर घूम रहे अन्य आवारा पशु,विशेष रूप से परित्यक्त गौवंश भी लोगों की सुरक्षा के लिए भारी समस्या बन गए हैं। गत वर्ष बीमा कम्पनी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में सड़क दुर्घटनाओं का दूसरा सबसे बड़ा कारण आवारा पशु हैं। पेट भरने के लिए कूड़ा-कर्कट के ढेरों में लोगों द्वारा फैंकी हुई गली-सड़ी चीजों और सब्जी मंडियों में मुंह मारते ये आवारा पशु जहां गंदगी फैलाते हैं, वहीं खेतों में घुसकर फसलें भी नष्ट करते हैं। 

अनेक स्थानों पर तो सड़कों पर क्रियात्मक रूप से इन आवारा पशुओं का जैसे ‘कब्जा’ ही हो जाता है जो रास्तों के बीच ‘धरना’ मार कर बैठ जाते हैं, जिससे वाहनों का आवागमन तक अवरुद्ध हो जाता है। प्रस्तुत हैं मात्र लगभग एक महीने में हुई चंद दुर्घटनाओं के उदाहरण : 

* 14 अगस्त को अल्हागंज (उत्तर प्रदेश) में सड़क के बीच खड़े आवारा पशु से टकरा कर एक मोटरसाइकिल सवार युवक की मौत हो गई।
*  14 अगस्त को ही पठानकोट (पंजाब) में लावारिस पशु से मोटरसाइकिल टकराने से 27 वर्षीय युवक की मौत हो गई।
* 13 अगस्त को बिलासपुर (उत्तर प्रदेश) में एक गौवंश से टकरा जाने के कारण एक मोटरसाइकिल सवार युवक की जान चली गई।
* 11 अगस्त को बहराइच (उत्तर प्रदेश) में सड़क पर घूम रहे आवारा पशु को बचाते-बचाते एक कार बेकाबू होकर पलट जाने से उसमें सवार एक युवक की मौत तथा एक अन्य घायल हो गया। 
* 10 अगस्त को अबोहर (पंजाब) में सड़क पर घूम रहे आवारा कुत्ते को बचाने की कोशिश में एक स्कूल वैन बेकाबू होकर पलट जाने से एक बच्चे की मौत हो गई तथा 3 अन्य घायल हो गए। 
*  7 अगस्त को जुगियाल (पंजाब) स्थित ‘रणजीत सागर बांध परियोजना’ की रिहायशी कालोनी, शाहपुर कंडी में विजीलैंस तथा क्वालिटी इंश्योरैंस मकैनिकल कार्यालय के एक कर्मचारी पर कार्यालय से बाहर निकलते ही वहां घूम रहे सांड ने हमला करके उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। 

* 7 अगस्त को ही पठानकोट (पंजाब) में रेलवे कालोनी परिसर में खेल रहे बच्चे के पीछे एक कुत्ता पड़ गया तो उससे बचने के लिए लोहे के गेट पर चढऩे की कोशिश में गिर कर गंभीर रूप से चोटिल हो जाने के कारण उसकी जान चली गई।
* 6 अगस्त को श्रावस्ती (उत्तर प्रदेश) में आवारा पशुओं को बचाने के प्रयास में एक कार बेकाबू होकर पेड़ से जा टकराई जिससे 5 लोगों की मौत हो गई।
* 6 अगस्त को ही हिसार (हरियाणा) में स्कूटी पर जा रहे 2 भाइयों को बेसहारा गाय ने टक्कर मार दी जिससे दोनों भाई घायल हो गए और इनमें से एक के नाक की हड्डी टूट गई।
* 4 अगस्त को धौलपुर (राजस्थान) जिले के ‘दिहोली’ गांव में 2 युवकों की मोटरसाइकिल एक आवारा पशु से टकरा जाने के परिणामस्वरूप एक युवक की मृत्यु तथा दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। 
* 29 जुलाई रात को पातड़ां (पंजाब) में सड़क पर खड़े गौवंश से टकराने के परिणामस्वरूप एक मोटरसाइकिल सवार युवक की जान चली गई।
* 17 जुलाई को अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) में बेसहारा गौवंश से 2 मोटरसाइकिलों की टक्कर के परिणामस्वरूप 3 लोगों की मौत हो गई। 

संबंधित प्रशासन द्वारा आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने में असफल रहने से लोगों में रोष बढ़ रहा है। लिहाजा संबंधित विभागों द्वारा आवारा पशुओं की समस्या से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए यथाशीघ्र प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को इस ‘बिन बुलाई मौत’ से मुक्ति मिल सके। इस समस्या से निपटने के लिए आवारा पशुओं की आबादी बढऩे से रोकने के प्रयास तथा इन्हें बेसहारा छोड़ देने वाले लोगों पर कार्रवाई के अलावा इनके पुनर्वास के लिए कोई संतोषजनक व्यवस्था करने की भी जरूरत है। सड़कों पर घूमने वाले असहाय गौवंश के सींगों पर रिफ्लैक्टर लगाने से भी रात के समय इनके कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में कुछ सहायता मिल सकती है।—विजय कुमार   

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