रैगिंग करने वाले छात्रों को अदालत की फटकार ‘इससे तो अच्छा आप अनपढ़ ही रहें’

Monday, Feb 26, 2024 - 04:51 AM (IST)

शराब पीने के लिए पैसे न देने पर नवंबर, 2023 में एक अन्य छात्र को बैल्ट से पीटने, उसका सिर ट्रिमर से मूंड देने और उसे 5 घंटों तक होस्टल के कमरे में बंद रखने के आरोप में आपराधिक मामला झेल रहे ‘पी.एस.जी. कॉलेज ऑफ टैक्नोलॉजी’ में इंजीनियरिंग के 8 छात्रों को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन. वैंकटेश ने जम कर फटकार लगाई है।

22 फरवरी, 2024 को न्यायमूर्ति एन. आनंद वैंकटेश ने आरोपी छात्रों से कहा, ‘‘यदि आप रैगिंग जैसे घृणित कृत्य में लिप्त होंगे तो आपके कॉलेज आने का क्या लाभ? ऐसे कृत्यों में लिप्त होने से बेहतर है कि आप अनपढ़ और अशिक्षित ही बने रहें। यदि कोई व्यक्ति किसी को पीड़ा पहुंचा कर आनंद प्राप्त कर रहा है, तो इसका अर्थ है कि वह मनोरोग का शिकार है।’’छात्रों के यह कहने पर कि यह उनकी भूल थी और अब वे ऐसी गलती नहीं दोहराएंगे, न्यायाधीश एन. वैंकटेश ने कहा,‘‘अब आप लोगों के करने के लिए और बचा ही क्या है? आप लोग पहले ही बहुत नुकसान कर चुके हैं। क्या आपको पता है कि उस युवक को कितनी पीड़ा हुई होगी? यदि आप लोगों ने अमल नहींं करना तो स्कूल में अच्छी बातें सीखने का औचित्य ही क्या है?’’ 

22 फरवरी, 2024  को पीड़ित छात्र के साथ-साथ आठों आरोपी अदालत में अपने अभिभावकों के साथ अपने विरुद्ध कार्रवाई रद्द करवाने की याचिका के साथ मौजूद थे जिसमें बताया गया था कि उन्होंने पीड़ित छात्र से माफी मांग ली है अत: वे अब इस मामले को और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। पीड़ित छात्र, जो अपने पिता के साथ अदालत में मौजूद था, ने न्यायमूर्ति वैंकटेश को बताया कि आरोपियों ने अपने कृत्य के लिए माफी मांग ली है। पीड़ित के पिता ने भी कहा कि आरोपियों ने उनके घर आकर गिड़गिड़ाकर माफी मांगी थी जिसपर उन्होंने छात्रों के विरुद्ध कार्रवाई रद्द करवाने का फैसला किया है। इसके बाद जज ने आरोपी छात्रों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई रद्द कर दी। 

आठों आरोपी छात्र घटना के दिन से ही निलम्बित चले आ रहे थे, जिनके विरुद्ध पुलिस ने भारतीय दंड संहिता तथा तमिलनाडु रैगिंग विरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया था। न्यायमूर्ति एन.वैंकटेश का यह कहना सही है कि यदि पढ़-लिख कर भी बुरे काम ही करने हैं, तो इससे अच्छा है कि आदमी अनपढ़ ही रहे। ऐसे में किशोरों के माता-पिता और शिक्षकों को उनके हिंसक व्यवहार के संकेतों के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए क्योंकि जब बच्चे किसी समूह में कार्य करते हैं तो उनके आक्रामक और हिंसक होने की संभावना अधिक होती है। साथ मिल कर वे सशक्त महसूस करते हैं और कानून का भय भी उनमें कम हो जाता है। 

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