नकली और विषैली शराब के धंधेबाजों को अब यू.पी. सरकार फांसी पर लटकाएगी

Friday, Sep 22, 2017 - 01:16 AM (IST)

यह बात तो सभी जानते हैं कि शराब जहर है और इसके दुष्प्रभावों में लिवर सिरोसिस, उच्च रक्तचाप, अवसाद, एनीमिया, गठिया, स्नायु रोग, मोटापा, दिल की बीमारी आदि रोगों के अलावा महिलाओं में गर्भपात, गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव और विभिन्न विकारों से पीड़ित शिशुओं का जन्म जैसी समस्याओं का होना आम बात है। 

शराब से बड़ी संख्या में मौतों के परिणामस्वरूप घर उजड़ रहे हैं परन्तु इसके बावजूद जहां लोगों ने शराब पीना जारी रखा हुआ है, वहीं राज्यों की सरकारें भी इसकी बिक्री से होने वाली भारी-भरकम आय को खोना नहीं चाहतीं और इसके उत्पादन में वृद्धि को लगातार प्रोत्साहित कर रही हैं। एक ओर सरकारें शराब की बिक्री को बढ़ा रही हैं तो दूसरी ओर नकली तथा विषैली शराब पीने से देश में बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं:

06 जुलाई को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के गांवों में विषैली शराब पीने से 8 लोगों की मृत्यु तथा 10 लोग बीमार। 09 जुलाई को लखनऊ में कच्ची शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई। गत वर्ष भी कच्ची शराब पीने से लखनऊ तथा आसपास के इलाकों में कई लोगों की मौत हो गई थी। 12 सितम्बर को फिरोजाबाद के थाना फरिहा के फाजिलपुर जरैला गांव में परचून की दुकान पर बिकने वाली देसी शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जिससे 6 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। 

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के आजमगढ़ रौनापार, जीयनपुर, बिलारिया गंज और मुबारकपुर में जहरीली शराब पीने से 2013 से अब तक अलग-अलग हुई 86 लोगों की मौत के मुख्य जिम्मेदार मुलायम उर्फ सुरेंद्र यादव की पौने 2 करोड़ की सम्पत्ति जब्त करने बारे एस.पी. की रिपोर्ट पर जिला मैजिस्ट्रेट ने 19 सितम्बर को मोहर लगा दी। उल्लेखनीय है कि जनवरी, 2016 से जून 2017 के बीच जहरीली शराब पीने से अकेले उत्तर प्रदेश में ही 41 लोगों की मौत हुई थी। इसी को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने नकली और विषैली शराब से होने वाली मौतों या इसके परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए मृत्युदंड या उम्र कैद और 10 लाख रुपए जुर्माना या दोनों का प्रावधान करने का निर्णय किया है। 

इस सम्बन्ध में कानून को अधिक कठोर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश आबकारी कानून में संशोधनों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तथा इसके लिए मौजूदा कानून में धारा 60-ए जोड़ी जा रही है। इसके द्वारा अपराध को जमानत के अयोग्य भी करार दे दिया जाएगा। इस बारे उत्तर प्रदेश कैबिनेट की 19 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में उक्त कानून में 20 से अधिक संशोधन जोडऩे का निर्णय किया गया है। प्रदेश के आबकारी मंत्री जयप्रकाश सिंह के अनुसार इससे प्रदेश में नकली शराब का धंधा रोकने में मदद मिलेगी। 

उन्होंने यह भी कहा कि इस समय विधानसभा का सत्र न होने के कारण अध्यादेश लाया जाएगा। श्री सिंह के अनुसार मृत्यु दंड के प्रावधान को अमली जामा पहनाना केस की गंभीरता के आधार पर निर्भर करेगा। बैठक के बाद राज्यमंत्री एवं सरकारी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा,‘‘आजमगढ़ शराब कांड जैसी घटनाओं से सबक ले कर सरकार ने अवैध शराब के धंधेबाजों के विरुद्ध कड़ा रवैया अपनाने का निर्णय लेते हुए कानून अधिक कठोर बनाए हैं।’’ सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में आबकारी विभाग दूसरा सर्वाधिक कमाई करने वाला विभाग है तथा 2016-17 में इसे इस मद से 14,272 करोड़ रुपए की आय हुई थी। 

आज जितनी बड़ी संख्या में शराब पीने का रुझान बढ़ रहा है और नकली शराब पीने से मौतों के परिणामस्वरूप परिवार तबाह हो रहे हैं, उसे देखते हुए नकली शराब के व्यापारियों को जितनी भी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए कम ही होगी। ऐसे में अन्य राज्यों की सरकारों को भी नकली और विषैली शराब के धंधेबाजों के विरुद्ध कठोर नियम बनाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश देश का तीसरा राज्य होगा जहां नकली शराब के धंधेबाजों के लिए मृत्यु दंड की व्यवस्था की जा रही है।-विजय कुमार

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