देश की अर्थव्यवस्था में योगदान हिमाचल व उत्तराखंड के माननीयों के वेतन में कटौती

Sunday, Sep 13, 2020 - 03:47 AM (IST)

एकाएक आई महाआपदा ‘कोरोना’ से विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा कर रह गई है जिससे निपटने के प्रयासों के चलते सरकारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ गया है। इसी को देखते हुए विभिन्न संस्थाएं पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रही हैं। ‘कोरोना’ के परिणामस्वरूप सरकार के कोष पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कुछ कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 11 सितम्बर को प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों, बोर्डों तथा कार्पोरेशनों के चेयरमैनों और वाइस चेयरमैनों के वेतन में 1 अप्रैल, 2020 की पिछली तारीख से 30 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव बिना किसी विरोध के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। सरकार इस बारे पहले ही अध्यादेश ला चुकी है। 

यहां यह बात भी प्रशंसनीय है कि विधायक सुखविंद्र सिंह ‘सुक्खू’ (कांग्रेस) ने इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि वेतन से यह कटौती 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाए। इस पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि विधायक यदि चाहें तो स्वेच्छा से अधिक वेतन कटवा सकते हैं। 

सुखविंद्र सिंह ‘सुक्खू’ के संशोधन का स्वागत करते हुए माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि ‘‘कोरोना से युद्ध जीतने के लिए बहुत बड़ी कुर्बानी की जरूरत है।’’ अत: इस अदृश्य शत्रु को पराजित करने के लिए जरूरी संसाधन जुटाने हेतु टाले जा सकने वाले सरकारी खर्चों पर रोक लगा कर सरकार के कोष पर बोझ घटाना चाहिए। 

यहां उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 18 अगस्त को उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के विधायकों के वेतन और भत्तों में पिछली तारीख से 30 प्रतिशत कटौती करने के फैसले को लागू करने के लिए अध्यादेश जारी किया था क्योंकि प्रदेश के 71 विधायकों में से सत्तारूढ़ और विरोधी दलों के चंद विधायक सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे थे। 

इसी प्रकार केंद्र सरकार 14 सितम्बर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सांसदों के वेतन में एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत कटौती वाले अध्यादेश को विधेयक का रूप देने जा रही है और इस धन का उपयोग कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में किया जाएगा।देश की अर्थव्यवस्था बचाने में अपना योगदान करने के लिए हम दोनों प्रदेशों की सरकारों तथा केंद्र सरकार के उक्त पगों का स्वागत करते हैं और आशा करते हंै कि अन्य राज्यों की सरकारें भी यथाशीघ्र ऐसा ही करके ‘कोरोना’ के इस संकटकाल में देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने में अपना योगदान डालेंगी।—विजय कुमार 

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