भारत छोड़ विदेशों में बसने वाले करोड़पतियों में लगातार हो रही वृद्धि-‘चिंताजनक’

Tuesday, Feb 06, 2018 - 03:17 AM (IST)

विश्व के अमीर लोगों पर शोध करने वाली संस्था ‘न्यू वल्र्ड वैल्थ’ की एक रिपोर्ट में दुनिया के सबसे धनी देशों की सूची में भारत को छठा स्थान दिया गया है। 

रिपोर्ट में भारत को 2017 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला ‘संपत्ति बाजार’ बताया गया है। भारत की कुल संपत्ति 2016 में 6584 अरब डालर से बढ़ कर 2017 में 8230 अरब डालर हो गई। इसमें 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि पिछले दशक (2007-2017) में देश की कुल संपत्ति में 160 प्रतिशत का उछाल आया है जबकि यह 2007 में 3165 अरब डालर थी। 

रिपोर्ट के अनुसार करोड़पतियों की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। यहां 20,730 करोड़पति हैं जबकि अरबपतियों के लिहाज से भारत का स्थान अमरीका, चीन के बाद विश्व में तीसरा है तथा यहां 119 अरबपति हैं। बेशक भारत एक संभावनाओं से परिपूर्ण देश के रूप में उभर कर सामने आ रहा है परंतु इसके बावजूद देश से पलायन करके विदेश जा बसने वाले भारतीय करोड़पतियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ‘न्यू वल्र्ड वैल्थ’ और ‘एल.आई.ओ. ग्लोबल’ की ओर से हाल ही में जारी एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार पिछले 14 वर्षों में भारत से लगभग 61,000 करोड़पति विदेशों में जाकर बस गए हैं।

वर्ष 2016 में भारत से 6100 करोड़पतियों ने अपना स्थायी निवास (डोमीसाइल) बदला और विदेश जाकर बस गए जबकि इससे एक वर्ष पूर्व 2015 में 4000 करोड़पति विदेश जाकर बसे थे। वर्ष 2017 में देश छोडऩे वाले करोड़पतियों में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान 7,000 ऊंची नैटवर्थ वाले भारतीयों ने अपना स्थायी निवास बदल लिया है। यह चीन के बाद विदेश जाने वाले करोड़पतियों की दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। स्थायी निवास बदलने के रुझान के अनुसार भारत के करोड़पति अमरीका, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा और न्यूजीलैंड गए हैं जबकि चीनी करोड़पतियों का रुझान अमरीका, कनाडा और आस्ट्रेलिया की ओर है। 

वैश्विक स्तर पर 2017 में 10,000 चीनी करोड़पतियों ने अपना डोमीसाइल बदला था। जहां तक अन्य देशों के अमीरों का संबंध है तुर्की के 6000, ब्रिटेन के 4000, फ्रांस के 4000 और रूस के 3000 करोड़पतियों ने अपना डोमीसाइल बदला है। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारत से दूसरे देशों को अमीरों का पलायन लगातार बढ़ रहा है और यह एक विडम्बना ही है कि एक ओर तो भारत सरकार ने देशी और विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में ही वस्तुओं के निर्माण और निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ अभियान आरंभ किया है, परंतु दूसरी ओर भारत से बड़ी संख्या में करोड़पति विदेशों को अपना स्थायी निवास बना रहे हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा स्कूल एवं कालेजों की शिक्षा की गुणवत्ता, संपत्ति खरीदने में सहूलियत तथा टैक्स आदि कारणों से हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप हमारे करोड़पति विदेशों की ओर आकॢषत हो रहे हैं। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि विदेशी पूंजी आकॢषत करने के लिए पग उठाने के साथ-साथ भारतीय धन कुबेरों को विदेश जाने से रोकने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं आरंभ की जाएं ताकि देश का पैसा देश में ही रहे और देश के विकास में इस्तेमाल किया जा सके।—विजय कुमार   

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