हरियाणा का सी.आई.डी. विभाग फिसड्डी और यू.पी. पुलिस करती जबरन वसूली

Wednesday, Jan 01, 2020 - 02:52 AM (IST)

प्राय: आम लोग सरकारी विभागों के कामकाज पर असंतोष व्यक्त करते ही रहते हैं परन्तु अब सरकारी विभागों का कामकाज कितना बिगड़ चुका है इसका संकेत हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज द्वारा राज्य के सी.आई.डी. विभाग तथा उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद श्री कौशल किशोर द्वारा राज्य के पुलिस विभाग पर हाल ही में की गई टिप्पणियों से मिलता है। श्री अनिल विज ने हरियाणा के सी.आई.डी. विभाग के कार्यकलाप पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि ‘‘सी.आई.डी. विभाग की कारगुजारी आशानुरूप नहीं है।’’ ‘‘कई बार अखबारों में रिपोर्ट पहले छप जाती है और सी.आई.डी. को बाद में पता चलता है, लिहाजा इस विभाग में सुधार की गुंजाइश है और मैंने एक महीने में ही महसूस कर लिया है कि यह विभाग बहुत फिसड्डी है।’’

इसी को देखते हुए श्री विज ने गृह सचिव विजय वर्धन के नेतृत्व में सी.आई.डी. के कामकाज में सुधार बारे सुझाव देने के लिए एक तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है जिसमें दो डी.जी.पी. स्तर के अधिकारी शामिल हैं। यह समिति सी.आई.डी. विभाग में आमूलचूल सुधार के लिए सुझाव देगी तथा बताएगी कि इसकी कारगुजारी सुधारने के लिए तकनीक का किस प्रकार इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद कौशल किशोर अपने राज्य की पुलिस के कार्यकलाप से दुखी हैं तथा उन्होंने राज्य में बेकाबू अपराधों के लिए वहां की पुलिस के नकारात्मक रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार, ‘‘पुलिस के नकारात्मक रवैये के कारण ही राज्य में हत्याएं और लूटमार की घटनाएं बेरोकटोक जारी हैं। यदि पुलिस जब्री वसूली करेगी तो फिर लोगों के मन में उसका भय अपने आप समाप्त हो जाएगा।’’

‘‘पुलिस वाले तो जन प्रतिनिधियों की भी नहीं सुनते। सीतापुर जिले में अधिकांश एस.एच.ओ. के मनमानी से काम करने के कारण आम लोगों के लिए समस्याएं पैदा हो रही हैं।’’ प्राय: विरोधी दल जब सरकारी विभागों के काम की आलोचना करते हैं तो सत्ताधारी लोग यह कह कर उसकी उपेक्षा कर देते हैं कि विरोधी दलों का तो काम ही आलोचना करना है परन्तु जब सत्ता प्रतिष्ठïान से जुड़े लोग ही अपने किसी विभाग की आलोचना करें तो इसमें संशय नहीं रह जाता कि सचमुच स्थिति पर तुरन्त ध्यान देने की जरूरत है।—विजय कुमार

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