भारत के साथ लगती सीमा पर बनाए गांवों में चीन आबादी बसाने लगा

Monday, Feb 19, 2024 - 04:50 AM (IST)

चीन अपनी आदर्श गांवों की अवधारणा को, जिसे वहां की भाषा में ‘शियाओकांग’ कहते हैं, उत्तर-पूर्व क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट तक लेकर पहुंच गया है जहां वह 2019 से ही अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और अतिरिक्त तैनाती के साथ काम कर रहा था। लोहित घाटी तथा अरुणाचल प्रदेश के तवांग सैक्टर के पार एल.ए.सी. के किनारे बने इन गांवों को ‘शियाओकांग बार्डर डिफैंस विलेजेस’ का नाम दिया गया है जिन्हें नागरिकों के साथ-साथ सेना के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

चीन ने पिछले 5 वर्षों से अधिक समय के दौरान तिब्ब्त स्वायत्त क्षेत्र ततालद्दाध और अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं सहित एल.ए.सी. के साथ-साथ 628 गांवों का निर्माण किया है और अब उसने अपनी इस योजना को अमली रूप देकर एल.ए.सी. के निकट निर्मित दोमंजिला इमारतों में, जो कुछ समय पहले तक खाली पड़ी थीं, अपने लोगों को बसाना शुरू कर दिया है। चीन के इस कदम ने, जिसे भारतीय रणनीतिकार जमीन कब्जाने की उसकी रणनीति का ही एक हिस्सा मानते हैं, भारत की ङ्क्षचताओं को बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि इन गांवों में जिन लोगों को जगह दी जा रही है वे संभवत: पूर्व सैनिक हैं और इन मकानों का इस्तेमाल रहने के साथ-साथ प्रतिरक्षा के उद्देश्यों से भी किया जा सकता है।

भूटान की सीमा के निकट स्थित सीमावर्ती गांवों में भी चीन बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है ताकि पूर्वोत्तर के इलाकों को शेष भारत से काटने की क्षमता विकसित कर सके। इसके जवाब में भारत ने भी पिछले 3-4 वर्षों में अपने गांवों को विकसित करने की योजना बनाई है। ‘वाइब्रैंट विलेजिस कार्यक्रम’ के अंतर्गत 663 सीमावर्ती गांवों को सभी सुविधाओं से लैस करके आधुनिक गांवों में विकसित किया जाएगा। इसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के साथ लगने वाले कम से कम 17 गांव शामिल हैं।

इसके साथ ही भारत ने अपने बुनियादी सीमा ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया है जिसमें एल.ए.सी. के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण करके उन्हें आपस में जोडऩा और कनैक्टिविटी में सुधार करना शामिल है। हालांकि इस क्षेत्र में निर्माण कार्य जारी है लेकिन अनिश्चित मौसम वाला दुर्गम इलाका होने के कारण निर्माण पूरा करने में समय लगेगा अत: भारत को चीन की उक्त गतिविधियों को देखते हुए सीमा पर तत्काल अपने चौकसी प्रबंध मजबूत करने की जरूरत है।

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