वोटों के लिए चुनावी राज्यों में ‘केंद्र व राज्य सरकारों ने खोला’ ‘सुविधाओं और रियायतों का पिटारा’

punjabkesari.in Sunday, Feb 28, 2021 - 03:29 AM (IST)

सरकारें अपने कार्यकाल के अधिकांश समय तो राजनीतिक उठा-पटक में जुटी रहती हैं और धन की कमी का रोना रोती रहती हैं लेकिन जब चुनाव निकट आते हैं तो वोट बटोरने के लिए उन्हें जनता को रिझाने की याद आ जाती है। तब लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए वे खजाने का मुंह खोल कर रियायतों का सिलसिला शुरू कर देती हैं। 

चुनाव आयोग द्वारा 26 फरवरी को बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और  पुड्डुचेरी का चुनाव कार्यक्रम घोषित करने और चुनावी आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए इन राज्यों पर केंद्र व राज्य सरकारों ने सौगातों की बौछार कर दी है। पश्चिम बंगाल के मतदाताओं को लुभाने के लिए केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने राज्य के लिए 500 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं देने की घोषणा करने के अलावा अपनी सरकार बनने पर महिलाओं को नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण व मछुआरों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए देने की घोषणा की है। 

सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के प्रयास में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) ने भी राज्य की ‘शहरी रोजगार योजना’ के अंतर्गत अकुशल मजदूरों की दैनिक उजरत 144 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए करने, अद्र्धकुशल मजदूरों की 172 रुपए से बढ़ा कर 303 रुपए करने और कुशल मजदूरों की नई श्रेणी शुरू करके उन्हें 400 रुपए दैनिक उजरत देने के अलावा जरूरतमंदों के लिए 5 रुपए में खाना देने की योजना शुरू कर दी है। तमिलनाडु राज्य में अपनी जड़ें  जमाने के लिए प्रयत्नशील केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने 12,400 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी है। इनमें चेन्नई में 3770 करोड़ रुपए लागत वाले मैट्रो रेल फेज-1 एक्सटैंशन का उद्घाटन, आई.आई.टी. मद्रास के डिस्कवरी कैम्पस का निर्माण, नैवेली की नई बिजली परियोजना राष्ट्र को समर्पित करना आदि शामिल हैं। 

अन्नाद्रमुक सरकार का तीसरी बार सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील मुख्यमंत्री पलानीसामी ने चुनावों की घोषणा से ठीक पहले राज्य की 30 प्रतिशत सीटों पर निर्णायक प्रभाव रखने वाले ‘वनियार समुदाय’ को अति पिछड़े वर्ग के कोटे में से 10.5 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है। किसानों द्वारा सहकारी बैंकों से लिया हुआ स्वर्ण ऋण तथा 12,000 करोड़ रुपए का कृषि ऋण भी माफ कर दिया है जिससे 16 लाख किसान लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार ने अध्यापकों और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों सहित अपने सभी कर्मचारियों की रिटायरमैंट आयु भी 59 वर्ष से बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी है। 

केरल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6000 करोड़ रुपए के पैट्रो कैमिकल प्रोजैक्ट का लोकार्पण किया है वहीं सत्तारूढ़ एल.डी.एफ. ने भी अपनी सरकार बनाए रखने के लिए विभिन्न लोक-लुभावन उपाय किए हैं। हिन्दू समुदाय से जुडऩे की कोशिश में जुटी राज्य की एल.डी.एफ. सरकार ने चुनाव की घोषणा से एक दिन पूर्व सी.पी.पी. आंदोलन और सबरीमाला मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाले 87,600 प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस वापस लेने की घोषणा कर दी है। इस समुदाय के राज्य में 14.5 प्रतिशत वोटर हैं। 

असम में अपनी पार्टी की सत्ता बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की अनेक विकास योजनाओं के रूप में पुलों, जलमार्गों, इंजीनियरिंग कालेज आदि की सौगात दे दी है। इसके अलावा राज्य की भाजपा सरकार ने चाय बागान के मजदूरों की उजरत 262 रुपए से बढ़ाकर 318 रुपए कर दी है तथा पैट्रोल और डीजल 5 रुपए प्रतिलीटर सस्ता करने के अलावा शराब पर लगने वाले टैक्स में भी 25 प्रतिशत की कमी कर देने से राज्य में शराब भी सस्ती हो गई है। 

इसी प्रकार केंद्र की भाजपा सरकार ने केंद्र शासित राज्य पुड्डुचेरी में अपना जनाधार मजबूत करने के लिए अनेक जनकल्याणकारी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के अलावा पैट्रोल-डीजल पर वैट 2 प्रतिशत घटा दिया है। स्पष्टत: उक्त पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकारों ने वहां खुले दिल से तरह-तरह के प्रलोभनों की रेवडिय़ां बांट कर सुविधाओं और रियायतों का अम्बार लगा दिया है। इन सुविधाओं और रियायतों का इन्हें कितना लाभ होगा, यह तो 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।—विजय कुमार 


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