केंद्र व हरियाणा सरकारें झुकीं अब गेंद जाट आंदोलनकारियों के पाले में

Monday, Feb 22, 2016 - 01:11 AM (IST)

जाटों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन से हरियाणा में आठवें दिन भी स्थिति लगातार हिंसक और संवेदनशील बनी हुई है। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री खट्टर व सभी राजनीतिक दलों द्वारा जाटों से विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील को जाटों ने रद्द कर दिया है।

 
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संगठन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के अनुसार,‘‘हरियाणा सरकार द्वारा जाटों को आरक्षण देने के संदर्भ में कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया गया है तथा उसके इरादे ठीक नहीं हैं। भाजपा सरकार जाटों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रही है। जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक हम सड़कों से नहीं हटेंगे।’’
 
‘‘सरकार ने हमें धोखा दिया है। सरकार ने 6 महीने पहले कहा था कि वह आरक्षण देगी लेकिन उसके बाद उसने आॢथक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने की बात की परंतु हमें ओ.बी.सी. से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है।’’ 
 
जाट नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग से छेड़छाड़ किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी जबकि भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि ओ.बी.सी. कोटे के लिए निर्धारित आरक्षण में कटौती करके उसे जाटों को देने पर वह पार्टी से त्यागपत्र दे सकते हैं। इस पर उन्हें पार्टी नेे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। 
 
राज्य के कई हिस्सों में कफ्र्यू लगा हुआ है और अब तक 12 लोग मारे जा चुके हैं। फरीदाबाद में होडल बंचारी में भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया, पुलिसवालों के मोबाइल छीन लिए, अनेक स्थानों पर मीडिया वालों को फोटो खींचने से मना किया तथा उनसे बदसलूकी भी की गई।
 
राज्य में अब तक 9 रेलवे स्टेशनों को अग्नि भेंट किया जा चुका है। 21 फरवरी को सुबह भीड़ ने बसाई रेलवे स्टेशन के टिकट काऊंटर, गन्नौर रेलवे स्टेशन जलाने तथा 2 रेल इंजनों को क्षतिग्रस्त करने के अलावा अनेक स्थानों पर रेल पटरियां उखाड़ दीं। अभी तक कम से कम 1000 रेल गाडिय़ों के संचालन पर असर पड़ा है।
 
वैष्णो देवी में माता के दर्शनों को आए 30,000 तीर्थयात्री जम्मू में फंसे हुए हैं। अन्य अनेक स्थानों पर भी यही हाल है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। रोहतक और भिवानी में उपद्रवी भीड़ को देखते ही गोली मार देने के आदेश दिए गए हैं। अनेक स्थानों पर मंत्रियों के पुतले फूंके गए और राज्य में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
 
रोहतक और झज्जर में तोड़-फोड़, आगजनी और अन्य दुकानों को लूट लिया गया। भिवानी और सोनीपत जिले में 2 पुलिस चौकियों, दुकानों, बसों, मोटरसाइकिलों, एक ए.टी.एम. तथा एक सहकारिता बैंक के रिकार्ड को आग लगा दी गई। प्रशासन ने अधिक प्रभावित इलाकों में वायु मार्ग से निगरानी शुरू कर दी है और कई जगह सेना ने फ्लैग मार्च भी किए हैं। 
 
ङ्क्षहसा की लहर फैलते-फैलते गुडग़ांव तथा दूरदराज के इलाकों तक पहुंच गई है। यहां तक कि इसकी आंच दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में मथुरा तक महसूस की जाने लगी है। राजधानी दिल्ली में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में औसतन 10 प्रतिशत वृद्धि हो गई है। यहां तक कि विमान सेवाओं ने भी अपने किराए बढ़ा दिए हैं।
 
मूनक नहर से दिल्ली को पानी की आपूर्ति बंद कर दिए जाने से दिल्ली की 60 प्रतिशत आबादी के लिए पानी का संकट पैदा हो गया है जिसके दृष्टिगत सोमवार को दिल्ली के स्कूल-कालेजों में छुट्टी कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशंका व्यक्त की है कि सोमवार सुबह को अधिकांश दिल्ली वासियों को पानी नहीं मिल पाएगा।
 
जहां गृह मंत्रालय ने हरियाणा में पिछले तीन दिन भेजी गई अद्र्धसैनिक बलों की 33 कम्पनियों के अलावा 17 कम्पनियां और भेज दी हैं, वहीं प्रतिरक्षा मंत्री मनोहर पाॢरकर ने सेनाध्यक्ष जनरल सुहाग को आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटने और राष्ट्रीय राजमार्गों से कब्जा समाप्त करवाने के लिए खुली छूट दे दी है। 
 
इसी बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार दोपहर जाट व खाप नेताओं से भेंट की जिसमें जाटों को आरक्षण देने पर सहमति व्यक्त करने के साथ ही इस बारे उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की घोषणा करके सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन समाप्त होने का रास्ता साफ कर दिया है और इस संबंध में हरियाणा विधानसभा के अगले अधिवेशन में विधेयक लाया जाएगा।
 
अब जबकि सरकार ने जाट आंदोलनकारियों की मांग स्वीकार कर ली है, जितनी जल्दी यह आंदोलन समाप्त हो उतना ही अच्छा होगा क्योंकि अभी तक इससे 20,000 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है, 12 लोग मारे जा चुके हैं और 150 से अधिक घायल हुए हैं।   
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