‘वोटिंग मशीनों में कैद हुआ’ ‘उम्मीदवारों का भाग्य’

punjabkesari.in Thursday, May 11, 2023 - 03:59 AM (IST)

इस वर्ष होने वाले राज्य विधानसभाओं के चुनावों को अगले वर्ष होने वाले लोकसभा के चुनावों के ट्रेलर के रूप में देखा जा रहा है। इसी शृंखला में 10 मई को कर्नाटक विधानसभा के चुनावों के अतिरिक्त जालंधर लोकसभा सीट पर उप-चुनाव तथा 3 अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, ओडिशा और मेघालय में 4 विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनाव सम्पन्न होने के बाद पिछले लगभग एक महीने से मचा हुआ शोर अब थम गया है।

इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटियां लगाए जाने से दफ्तरों का ठप्प कामकाज भी दोबारा बहाल हो गया और लोगों तथा चुनाव प्रचार में जुटे नेताओं ने भी राहत की सांस ली है। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव और जालंधर की लोकसभा सीट के उप-चुनाव को सभी पक्षों ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर लड़ा। कर्नाटक में भाजपा के प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी, जे.पी. नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, शिवराज चौहान, हेमंत बिस्वा सरमा, देवेंद्र फडऩवीस जैसे स्टार प्रचारक पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में 26 किलोमीटर व 10 किलोमीटर लम्बे रोड शो निकाले। इसी प्रकार वहां कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में सोनिया, राहुल व प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार आदि ने भी रोड शो निकाले। जालंधर से लोकसभा सीट के लिए उप-चुनाव में ‘आप’ प्रत्याशी सुशील रिंकू, कांग्रेस प्रत्याशी करमजीत कौर चौधरी, भाजपा प्रत्याशी इंदर इकबाल सिंह अटवाल तथा शिअद-बसपा गठबंधन प्रत्याशी डा. सुखविंदर कुमार सुक्खी के चुनाव प्रचार में सभी पार्टियों के प्रमुख नेताओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

चूंकि लोगों में चुनाव परिणामों बारे उत्सुकता भी पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है, इसी कारण 2 टी.वी. चैनलों पर कर्नाटक में मतदान से पहले ही एक-दूसरे के विपरीत संभावित सर्वे परिणाम घोषित किए गए, जो नहीं करना चाहिए था। ऐसे सर्वेक्षणों से मतदाताओं का निर्णय प्रभावित होता है। अत: चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेकर मतदान से पहले के सर्वेक्षणों पर रोक लगानी चाहिए, ताकि मतदाता भ्रमित न हों। -विजय कुमार


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