सन 2100 तक विश्व में वृद्धों की संख्या कई गुणा बढ़ेगी

Monday, Jul 20, 2020 - 01:33 AM (IST)

‘वाशिंगटन इंस्टीच्यूट फॉर हैल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूशन के विश्वविद्यालय के शोधकत्र्ताओं ने 2017 में वैश्विक प्रजनन दर लगभग 2.4 प्रतिशत तक घटा दिया है तथा ‘लैंसेट’ में प्रकाशित उनकी अध्ययन परियोजना में बताया गया है कि 2100 तक यह 1.7 प्रतिशत की दर से नीचे गिर जाएगी। उनके अनुसार जापान की जनसंख्या 2017 के 12.8 करोड़ के शिखर से गिरने का अनुमान है जो सदी के अंत तक 5.3 करोड़ से भी कम हो जाएगी। इटली में इसी अवधि के दौरान 6.1 करोड़ की जनसंख्या के 2.8 करोड़ तक गिरने का अनुमान है। 

स्पेन, पुर्तगाल, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया सहित ऐसे 23 देश और हैं जिनकी जनसंख्या आधी से भी अधिक घट जाने की संभावना बताई जा रही है। प्रोफैसर क्रिस्टोफर मरे के अनुसार यह अचंभित करने वाली स्थिति होगी।  चीन वर्तमान में दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है, जिसके वर्ष 2100 तक लगभग 73.2 करोड़ तक पहुंचने से पहले चार वर्षों में 1.4 अरब के शिखर पर पहुंचने की उम्मीद है। भारत सर्वाधिक जनसंख्या होने के कारण पहले नम्बर पर अपनी जगह बनाएगा। ब्रिटेन की जनसंख्या के 2063 में 7.5 करोड़ तक पहुंच कर 2100 तक 7.1 करोड़ तक गिरने का अनुमान है। परिणामस्वरूप, शोधकत्र्ताओं का विचार है कि सदी के अंत तक 8.8 अरब तक गिरने से पहले, पृथ्वी पर लोगों की संख्या 2064 के आसपास 9.7 अरब हो जाएगी। 

प्रोफैसर क्रिस्टोफर मरे के अनुसार, यह एक बहुत बड़ी समस्या होगी। दुनिया के अधिकांश लोग प्राकृतिक रूप से जनसंख्या में गिरावट का कारण बन रहे हैं। ‘‘मुझे लगता है कि यह इतनी बड़ी और असाधारण बात है कि हमें समाजों को पुनर्गठित करना होगा।’’ 

अध्ययन परियोजना के अनुमान के अनुसार :
* 2017 में  पांच वर्ष की आयु से छोटे बच्चों की संख्या 68.1 करोड़ से घटकर 2100 में 40.1 करोड़ हो जाएगी। 
* 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 14.1 करोड़ से बढ़कर 88.6 करोड़ हो जाएगी ! 

प्रो. मरे कहते हैं, ‘‘यह बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव पैदा करेगा। बड़े पैमाने पर वृद्ध दुनिया में होंगे तो कर का भुगतान कौन करेगा? बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का भुगतान कौन करेगा? बुजुर्गों की देखभाल कैसे होगी? क्या लोग तब भी काम से रिटायर हो पाएंगे?’’ 

प्रोजैक्ट रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत पहले नंबर पर होगा तो 2100 तक तीन अरब से अधिक लोगों वाले अफ्रीका की आबादी आकार में तिगुनी होने की उम्मीद है। अध्ययन यह भी कहता है कि नाइजीरिया 79.1 करोड़ की जनसंख्या के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा। हालांकि यह सब एक अनुमानित शोध के मुताबिक है, परंतु ध्यान देने योग्य जो बात है, उसमें से सबसे जरूरी भारत के लिए दिए गए निर्देश हैं। माना गया है कि यदि भारत अपनी स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को सुधार कर विश्व स्तर पर ले आए तो इसका जनसमूह न केवल देश, बल्कि संसार भर में प्रभावशाली स्थान और रूप में रह सकेगा!

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