सफलता की लहर पर सवार ‘भाजपा को बड़े नेताओं की चेतावनी’

Saturday, Apr 20, 2019 - 04:19 AM (IST)

इस समय जबकि भारतीय जनता पार्टी सफलता की लहर पर सवार है तथा 2019 के चुनावों में अपनी जीत पक्की समझ रही है, कुछ ऐसे बयान सामने आए हैं जिन पर भाजपा नेतृत्व को ध्यान देने की आवश्यकता है। 

पहला बयान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी का है जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनके अजेय रहने संबंधी एक प्रश्र के उत्तर में कहा कि ‘‘वर्ष 2004 को मत भूलिए। उस समय भी वाजपेयी जी अजेय लग रहे थे लेकिन हम विजयी हुए थे। इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है।’’ 

दूसरा बयान 2014 के चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी के विरुद्ध चुनाव लडऩे वाले भाजपा नेता अजय अग्रवाल का है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एहसान फरामोश बताया और कहा है कि ‘‘अगर निष्पक्ष चुनाव होंगे तो आप जो 400 सीटों का दावा कर रहे हैं, देशभर में उसकी जगह सिर्फ 40 सीटों पर भी सिमट सकते हैं।’’ 

भाजपा के वरिष्ठï नेता श्री शांता कुमार ने भी कहा है कि सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्ष 2004 को याद रखने की दी गई नसीहत गलत नहीं है। यह बात वह स्वयं कई दिनों से पार्टी में कह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2004 में भी कहा जाता था कि वाजपेयी जी का कोई विकल्प नहीं है लेकिन फिर भी भाजपा हार गई थी। यह सच है कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है लेकिन चुनाव में जीत-हार के लिए कभी एक फैक्टर जिम्मेदार नहीं होता।’’ 

इसी प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि ‘‘पहले राजशाही सरकारें 30 से 50 साल में बदलती थीं परन्तु अब हर 5 साल में बदलने की संभावना रहती है। ऐसे में (सरकार का) कोई भरोसा नहीं है। अत: जब तक है उसका सदुपयोग करें।’’ उक्त चारों टिप्पणियां इस तथ्य की पुष्टि करती हैं कि राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। अत: बड़ी पार्टियों को हर प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।—विजय कुमार  

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