दिल्ली के उपद्रवों पर भाजपा के अपने ही सहयोगी उठा रहे उंगली

Tuesday, Mar 03, 2020 - 01:49 AM (IST)

इस समय जहां सी.ए.ए. को लेकर दिल्ली के हाल ही के उपद्रवों बारे आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा भाजपा के ही 2 सहयोगी दलों ‘शिअद’ के वरिष्ठतम नेता प्रकाश सिंह बादल तथा ‘लोजपा’ के रामविलास पासवान ने भाजपा नेतृत्व पर उंगली उठा दी है। 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल ने 1 मार्च को बठिंडा में कहा कि‘‘दिल्ली में ताजा उपद्रवों से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों में असुरक्षा और अनिश्चितता की भावना बढ़ रही है।’’ 

उन्होंने दिल्ली के उपद्रवों को अत्यधिक परेशानकुन बताया और इनके  कारण देश में शांति, भाईचारक सांझ तथा धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर मंडरा रहे खतरों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा ‘‘धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर ही पूरा देश खड़ा है अत: देश में रह रहे विभिन्न समुदायों के सदस्यों में विश्वास बहाल करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।’’ राज्य तथा केंद्र सरकारों को देश में साम्प्रदायिक सौहार्द सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा ‘‘देश का अंदरूनी माहौल तथा खासतौर पर दिल्ली में हुई ताजा दुखद घटनाएं चिंता का विषय है। अल्पसंख्यकों के दिलों में डर, असुरक्षा की भावना तथा अनिश्चितता का माहौल लगातार बढ़ रहा है, जिसे दूर करने और साम्प्रदायिक सौहार्द बढ़ाने के लिए सरकार को कठोर पग उठाने होंगे।’’ 

भाजपा की एक अन्य गठबंधन सहयोगी ‘लोक जनशक्ति पार्टी’ के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी इन उपद्रवों के लिए भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए इन उपद्रवों को ‘राष्ट्रीय कलंक’ करार दिया है और केंद्र सरकार से फास्ट ट्रैक अदालतों में इन मामलों की सुनवाई करके दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की मांग की है। प्रकाश सिंह बादल तथा रामविलास पासवान के उक्त बयानों पर अपनी ओर से कोई टिप्पणी न करते हुए हम इसका निर्णय अपने पाठकों और भाजपा के नेतृत्व पर ही छोड़ते हैं। वे स्वयं ही फैसला करें कि क्या सही है, क्या गलत और भविष्य में ऐसी चीजें रोकने के लिए उन्हें कौन से कदम उठाने चाहिएं!—विजय कुमार 

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