जी-20 सम्मेलन के लिए भिखारियों और बेघरों को शैल्टरों में भेजा जा रहा

punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2023 - 04:11 AM (IST)

दिल्ली में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन के कारण राजधानी को सजाया जा रहा है और बड़े पैमाने पर पौधे आदि लगाए जा रहे हैं, दिल्ली की साफ-सफाई के अलावा सुरक्षा प्रबंध चाकचौबंद किए जा रहे हैं। जी-20 के सम्मेलन को देखते हुए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग और दिल्ली अर्बन शैल्टर इम्प्रूवमैंट बोर्ड (डी.यू.एस.आई.बी.) की संयुक्त टीमों ने लगभग 4000 बेघर लोगों और भिखारियों को रोहिणी तथा द्वारिका के आश्रय गृहों में भेज दिया है जबकि कुछ और अतिक्रमणकारियों को भी नई दिल्ली और सैंट्रल दिल्ली के सार्वजनिक स्थलों से अगले कुछ दिनों में हटाया जाएगा। इनमें से अधिकतर फ्लाईओवरों तथा सड़कों पर रहते हैं।

इन लोगों को उन क्षेत्रों से हटाया गया है जहां जी-20 के अतिथियों के दौरा करने की संभावना है। इनमें राजघाट, शांति वन, अक्षरधाम, लोटस टैम्पल तथा चांदनी चौक सहित कुछ क्षेत्र शामिल हैं जहां मेहमान अथवा उनके परिजन विजिट कर सकते हैं। दिल्ली सरकार ने इस कार्य के लिए 12 टीमें बनाई हैं जो सड़कों, फ्लाईओवरों, अंडरपासों, रास्तों तथा अन्य खुले क्षेत्रों से बेघरों को हटाएंगी। 

उल्लेखनीय है कि डी.यू.एस.आई.बी. ने दिसम्बर में अपने चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में एक 4 सदस्यीय समिति का गठन किया था जिसे आई.एस.बी.टी. के निकट हनुमान मंदिर, राजघाट, शांति वन, आई.टी.ओ. तथा अन्य क्षेत्रों से भिखारियों को शिफ्ट करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने को कहा गया था। 29 भागीदार देशों के सैंकड़ों गण्यमान्य अतिथि जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस सप्ताह यहां पहुंचेंगे जिन्हें 23 होटलों में ठहराया जाएगा। वे समारोह के मुख्य स्थल प्रगति मैदान जाने के लिए 61 रास्तों का इस्तेमाल करेंगे। 

जी-20 सम्मेलन के लिए शहर में बड़े पैमाने पर सौंदर्यीकरण किया गया है और भिखारियों को हटाना भी उसी अभियान का हिस्सा है। इस समय यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि राजधानी की चमक-दमक के पीछे छिपा इसका दूसरा चेहरा विदेशी मेहमानों के सामने न आ सके। परंतु भिखारियों और बेघरों को शरणस्थल प्रदान करने और उन्हें जरूरी सुविधाएं प्रदान करने का काम तो प्रशासन को सामान्य हालात में भी करना चाहिए ताकि वे फ्लाईओवरों के नीचे और फुटपाथों पर अपनी रातें गुजारने के लिए विवश न हों और ऐसी नौबत भी न आए कि जरूरत पडऩे पर फुटपाथों पर बैठे भिखारियों और बेघरों को उठा कर शैल्टरों में डालना पड़े।  


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