‘सड़क और रेल दुर्घटनाओं से हुई’ नवम्बर महीने की खराब शुरूआत!

punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 03:56 AM (IST)

नवम्बर का महीना भारत में सड़क और रेल दुर्घटनाओं के महीने के रूप में शुरू हुआ है। जहां राजस्थान, तेलंगाना तथा अन्य राज्यों में बड़ी सड़क दुर्घटनाओं में अनेक लोग मारे गए, वहीं 4 और 5 नवम्बर को 2 अलग-अलग रेल दुर्घटनाओं में लगभग 2 दर्जन लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े तथा अनेक घायल हो गए। हालांकि पिछले कुछ समय से भारत में कोई बड़ी रेल दुर्घटना नहीं हुई थी परन्तु यह सिलसिला 4 नवम्बर, 2025 को उस समय टूट गया जब शाम के लगभग साढ़े 4 बजे छत्तीसगढ़ में ‘बिलासपुर’ रेलवे स्टेशन के निकट एक ‘लोकल पैसेंजर ट्रेन’ तथा मालगाड़ी की टक्कर में 10 यात्रियों की जान चली गई और 14 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। 

उक्त लोकल ट्रेन जब ‘कोरबा’ जिले के ‘गतौरा’ तथा ‘बिलासपुर’ रेलवे स्टेशनों के बीच में ट्रैक पर थी, तभी उसके चालक ने निर्धारित लाल सिग्नल पार कर दिया और गाड़ी सामने खड़ी मालगाड़ी के पिछले हिस्से से टकरा गई। इस दुर्घटना के परिणामस्वरूप ‘लोकल ट्रेन’ की पहली बोगी मालगाड़ी की अंतिम बोगी के ऊपर चढ़ कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर यात्रियों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें और धुएं का गुबार फैल गया। अनेक यात्री डिब्बों में फंस गए जिन्हें स्थानीय लोगों ने राहत कर्मचारियों की सहायता से किसी तरह बाहर निकाला। 

दक्षिण-पूर्व रेलवे के सूत्रों के अनुसार शुरुआती तौर पर इस दुर्घटना का कारण ‘लोकल ट्रेन’ के चालक द्वारा सिग्नल लांघना ही प्रतीत होता है। ‘लोकल ट्रेन’ का चालक संभवत: सिग्नल पर रुक नहीं सका और ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई। इस रेल दुर्घटना के बाद जांच अब इस दिशा में केंद्रित हो गई है कि लोकल ट्रेन ने आखिर सिग्नल क्यों तोड़ा। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 5 लाख रुपए तथा सामान्य रूप से घायल यात्रियों को एक लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं अगले दिन 5 नवम्बर को भी सुबह लगभग साढ़े 9 बजे एक अलग किस्म की रेल दुर्घटना हुई।

‘कार्तिक पूर्णमा’ के मौके पर ‘मिर्जापुर’ में गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं की गाड़ी मिर्जापुर के निकट ‘चुनार’ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 4 पर रुकी। तब कई यात्री दूसरी ओर जाने के लिए प्लेटफार्म नम्बर 4 पर उतर कर फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने की बजाय गलत दिशा में उतर कर रेल पटरी पार करने लगे और उसी समय विपरीत दिशा से पूरी रफ्तार से (थ्रू) आ रही ‘नेताजी एक्सप्रैस’ की चपेट में आ गए। इसके परिणामस्वरूप 8 महिला यात्रियों की मौत हो गई। सभी महिलाएं ‘मिर्जापुर’ तथा ‘सोनभद्र’ जिलों के विभिन्न गांवों की रहने वाली थीं। 

निश्चय ही उक्त दोनों घटनाएं अत्यंत दुखद हैं और इस तथ्य का स्पष्टï प्रमाण हैं कि भारतीय रेल किस कदर बड़ी दुर्घटनाओं के जोखिम पर है। फिर कभी ऐसी अप्रिय स्थिति पैदा न हो इसके लिए भारतीय रेल प्रणाली के कार्यकलाप और रख-रखाव में तुरंत बहुआयामी सुधार लाने की जरूरत है। इन दुर्घटनाओं में पहला सबक यह है कि सिग्नल की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए और इसके साथ ही ‘चुनार’ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के गलत साइड में उतरने से हुई दुर्घटना रेल यात्रियों के लिए एक सबक है कि रेल गाडिय़ों में चढ़ते या उतरते समय सही प्लेटफार्म का ही इस्तेमाल करना चाहिए वर्ना इस तरह की घटनाएं भविष्य में भी होती ही रहेंगी।—विजय कुमार 


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