‘डाक्टरों पर बढ़ रहे हमले’‘ऐसे में कैसे कर पाएंगे रोगियों का इलाज’

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2024 - 05:14 AM (IST)

पिछले दिनों जहां देश में कोलकाता की एक रैजीडैंट डाक्टर के बलात्कार व हत्या का मामला चर्चा में रहा, वहीं अब डाक्टरों के साथ मारपीट के मामले भी सामने आ रहे हैं। चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 18 अगस्त रात को मुम्बई के ‘सायन अस्पताल’ में एक मरीज के साथ आए शराब के नशे में धुत्त उसके रिश्तेदारों ने वार्ड में ड्यूटी दे रही महिला डाक्टर के साथ गाली-गलौच कर डाली। मरीज ने भी अपने चेहरे से उतारी गई खून से सनी पट्टियां डाक्टर के चेहरे पर मलने की कोशिश की। 
* 10 सितम्बर को कर्नाटक में चिकमंगलूर के जिला अस्पताल में मैडीकल करवाने के लिए पहुंची एक महिला ने किसी बात पर गुस्से में आकर डाक्टर की पिटाई कर दी।
* 14 सितम्बर को गुजरात के भावनगर में कुछ व्यक्ति एक महिला के सिर पर लगी चोट के इलाज के लिए पहुंचे। जब डाक्टरों ने मरीज के परिजनों को एमरजैंसी वार्ड के बाहर अपनी चप्पलें उतारने के लिए कहा तो उन्होंने एक डाक्टर को बुरी तरह पीट डाला। 

* और अब 19 सितम्बर को लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में मरीज के साथ आए तीमारदारों ने ड्यूटी पर तैनात एक महिला डाक्टर को लातों और घूंसों से बुरी तरह पीट डाला और उसे बालों से खींचकर घसीटा तथा गालियां दीं। इस दौरान मरीज के साथ आए तीमारदार अपने मरीज को बिना डिस्चार्ज करवाए अपने साथ लेकर चले गए। डाक्टरों के पेशे को सबसे आदर्श पेशा माना जाता है जो मौत के मुंह में पहुंचे हुए लोगों को जीवन दान देते हैं। ऐसे में उनके साथ यदि इस प्रकार का व्यवहार किया जाएगा तो वे मरीजों का इलाज किस प्रकार कर पाएंगे। इस तरह के हालात को देखते हुए जहां अस्पतालों में सख्त सुरक्षा प्रबंध करने की आवश्यकता है, वहीं इस तरह के अपराधों में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करना भी समय की मांग है ताकि इस रुझान पर रोक लग सके।—विजय कुमार 


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