‘बंगलादेश में अल्पसंख्यकों पर’ ‘बढऩे लगे अत्याचार’

Sunday, Mar 12, 2023 - 05:37 AM (IST)

1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान की हार के बाद अस्तित्व में आए बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं, बौद्ध, ईसाई तथा अहमदी मुसलमानों पर चरमपंथी ताकतों की तरफ से हिंसा जारी है। इसके विरुद्ध गत 25 फरवरी को बंगलादेश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक संगठन ‘हिंदू, बौद्ध, ईसाई ओइक्या परिषद’ की ओर से राजधानी ढाका तथा देश के अन्य हिस्सों में मशालों के साथ रोष प्रदर्शन किया गया।

इस दौरान वक्ताओं ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सत्तारूढ़ ‘अवामी लीग’ सरकार के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वायदों को पूरा करने की मांग की तथा ऐसा न करने पर इस महीने से सभी संभागीय (डिवीजनल) शहरों में रैलियां निकालने व मध्य जुलाई से देश में आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 2018 के अपने चुनावी घोषणापत्र में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग गठित करने, अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम  तथा भेदभाव विरोधी अधिनियम आदि लागू करने के वायदे किए थे।

‘हिंदू, बौद्ध, ईसाई ओइक्या परिषद’ के महासचिव एडवोकेट ‘राणा दासगुप्ता’ ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘‘बंगलादेश अब ‘मुक्ति संग्राम’ के दिनों वाली भावना से पीछे हटने लगा है।’’ उल्लेखनीय है कि बंगलादेश में वर्ष 2022 में 152 हिन्दू महिलाओं को जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाया गया, 66 हिंदू महिलाओं से बलात्कार, (जिनमें से 17 की हत्या कर दी गई) और 154 लोगों की हत्या करने के अलावा अनेक लोग लापता  हो गए।

यही नहीं, 445 हिन्दू परिवारों को देश छोड़़ कर जाने के लिए विवश किया गया। गत वर्ष वहां 333 हिंदुओं को गौमांस खाने के लिए विवश किया गया और 179 धर्म स्थलों पर गौमांस फैंक कर उन्हें अपवित्र करने के अलावा 128 मंदिरों में आग लगाने की घटनाएं हुईं। उपद्रवियों ने 481 हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा और कई मूर्तियां चुरा ली गईं। इस वर्ष 4 फरवरी को एक ही दिन 14 हिन्दू धर्मस्थलों पर हमले करके तोड़-फोड़ की गई। बंगलादेश में रहने वाले लगभग 1 लाख अहमदी मुसलमानों पर भी अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

इस समुदाय के लोगों पर हिंसा की ताजा घटना पंचगढ़ जिले के अहमदनगर शहर में हुई। वहां अहमदिया समुदाय के वार्षिक जलसे के आयोजन का विरोध कर रहे मुस्लिम कट्टïरपंथियों ने जलसे पर हमला करके 2 अहमदी मुसलमानों की हत्या कर दी तथा 3 रातों तक लगातार अहमदी लोगों पर हमले करके 100 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। कट्टरपंथी सुन्नी मौलवियों के उकसाने पर साम्प्रदायिक नारे लगाते हुए उपद्रवियों ने अहमदी मुसलमानों की मस्जिद और अहमदिया मैडीकल क्लीनिक व प्रयोगशाला सहित 179 मकानों एवं 50 दुकानों को या तो लूट लिया या जला डाला।

अहमदिया समुदाय के सदस्यों ने उन्हें रोकने की कोशिश की परंतु सफल न हो सके। लंदन स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ‘द बिटर विंटर’ के अनुसार ये सभी घटनाएं दिन के उजाले में पुलिस के सामने हुईं। अब, जबकि बंगलादेश के आम चुनावों में एक वर्ष से भी कम समय रह गया है अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है जो चिंता का विषय है। यदि इस पर रोक न लगाई गई तो आने वाले चुनावों में अवामी लीग की सरकार को न सिर्फ इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा बल्कि बंगलादेश का सामाजिक ताना-बाना भी बिगड़ेगा तथा अन्य देशों के साथ इसके सम्बन्धों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। -विजय कुमार

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