‘स्वतंत्रता के 78 वर्ष बाद भी’ ‘हो रहे दलितों पर अत्याचार’

punjabkesari.in Sunday, Apr 20, 2025 - 04:13 AM (IST)

छुआछूत और जाति आधारित भेदभाव मिटाने के लिए महात्मा गांधी तथा अन्य महापुरुषों ने अनथक प्रयास किए परंतु इसके बावजूद स्वतंत्रता के 78 वर्ष बाद भी देश में अनेक स्थानों पर दलित भाईचारे के साथ भेदभाव जारी है। ‘राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो’ के अनुसार देश में प्रतिदिन दलितों पर अत्याचारों के 150 से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं। इनमें बारात में घोड़ी पर न चढऩे देना, विवाह आदि समारोहों पर डी.जे. न बजाने देना, मंदिर में प्रवेश न करने देना, बीमारी या अन्य कारणों से काम करने से इंकार करने पर उनकी पिटाई करना आदि शामिल हैं। गत वर्ष देश में दलितों पर हुए अत्याचारों के 51,656 मामलों में से उत्तर प्रदेश  सर्वाधिक 12,287 मामलों के साथ प्रथम स्थान पर, 8651 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर तथा 7732 मामलों के साथ मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा। दलित भाईचारे के सदस्यों पर अत्याचारों की चंद घटनाएं निम्न में दर्ज हैं : 

* 30 जुलाई, 2024 को नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) जिले में दबंगों ने ‘प्रेम नारायण’ नामक एक दलित का अपहरण करने के बाद उससे 2 लाख रुपए मांगे। जब उसने यह रकम देने में असमर्थता व्यक्त की तो बंधक बनाकर पीटने के बाद उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया। 
* 13 सितम्बर, 2024 को ‘अमरोहा’ (उत्तर प्रदेश) में कोचिंग सैंटर चलाने वाले एक दलित युवक को दूसरी बिरादरी के लोगों ने घर में बंद करके बुरी  तरह पीटा और जबरन पेशाब पिलाया। पीड़ित के अनुसार शिकायत करने पर पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की।

* 18 सितम्बर, 2024 को ‘नवादा’ (बिहार) के ‘मांझी टोला’ इलाके में भूमि विवाद के चलते दलितों की बस्ती को आग लगाकर 34 घरों को क्षतिग्रस्त कर देने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 
* 24 दिसम्बर, 2024 को ‘कप्तान गंज’ (उत्तर प्रदेश) में दबंगों ने एक दलित किशोर को जन्मदिन की पार्टी में बुलाकर उसे नंगा करके पीटा और पेशाब पिलाते हुए उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया। 
जब पीड़ित किशोर ने आरोपियों को यह वीडियो डिलीट करने को कहा तो दबंगों ने थूक कर उससे चटवाया। पुलिस में शिकायत करने पर भी जब कोई सुनवाई न हुई तो आहत होकर किशोर ने आत्महत्या कर ली। 
* 2 फरवरी, 2025 को ‘अयोध्या’ (उत्तर प्रदेश) में एक लापता दलित युवती की निर्वस्त्र लाश मिली। उसके हाथ-पैर रस्सी से बांधे हुए थे तथा उसकी आंखें निकाल ली गई थीं। उसकी कई हड्डिïयां तोड़ दी गई थीं और चेहरे एवं माथे पर अनेक घाव थे। शव को देख कर कई महिलाएं बेहोश हो गईं।  

* 7 अप्रैल, 2025 को ‘बांदा’ (उत्तर प्रदेश) में दबंगों ने कुछ दलितों को बुरी तरह पीट डाला और गालियां निकालीं। दलितों का दोष सिर्फ यह था कि दलितों ने दबंगों से अपनी गली से ट्रैक्टर धीरे निकालने को कहा था क्योंकि स्कूल का समय होने के कारण बच्चे उसके नीचे आकर दब सकते थे। 
* 13 अप्रैल, 2025 को ‘प्रयागराज’ (उत्तर प्रदेश) के ‘इसोटा’ गांव में ‘देवी शंकर’ नामक दलित युवक की अधजली लाश उसके घर से कुछ दूरी पर मिली। मृतक के परिजनों का आरोप है कि ‘देवी शंकर’ द्वारा भारी थकान के कारण दबंगों के खेतों में काम करने में असमर्थता व्यक्त करने पर उसकी हत्या की गई। 
* 17 अप्रैल, 2025 को ‘आगरा’ (उत्तर प्रदेश) में डी.जे. की तेज आवाज को लेकर कुछ लोगों ने ‘रोहित’ नामक दलित दूल्हे की बारात पर हमला करके कई बारातियों को घायल  कर दिया तथा दूल्हे को भी घोड़ी से नीचे गिरा दिया। 
* और अब 18 अप्रैल, 2025 को कोरबा (छत्तीसगढ़) जिले में राजस्थान से मजदूरी करने गए 2 दलित युवकों  ‘अभिषेक भाम्बी’ और ‘विनोद कुमार’ ने जब अपनी मजदूरी मांगी तो दबंगों ने इन युवकों को चोरी के आरोप में फंसा दिया, नंगा करके करंट लगाया तथा ‘प्लास’ से उनके नाखून उखाड़ दिए।

‘सर्वधर्म समभाव’ की विचारधारा में विश्वास रखने वाले हमारे देश का कमजोर और दलित वर्ग से संबंध रखने वाले लोग अभिन्न हिस्सा हैं। उन्हें भी दूसरे लोगों की भांति ही सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। एक ओर कुछ सरकारें दलितों को लुभाने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही हैं, जैसा कि बिहार की जद (यू)-भाजपा सरकार कर रही है, और दूसरी ओर दबंगों द्वारा इस तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं। दलित भाईचारे पर प्रभावशाली लोगों द्वारा इस प्रकार के अत्याचार करना उनकी संकीर्ण विचारधारा का ही परिचायक और सरासर अनुचित है। अत: ऐसे अपराधों में शामिल होने वालों तथा शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई न करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि इस बुराई पर रोक लग सके। —विजय कुमार 


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