सांसदों के बाद अब ‘आप’ विधायकों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग

Sunday, Jul 05, 2015 - 12:04 AM (IST)

हाल ही में सांसदों द्वारा अपने वेतन दोगुने करने की मांग से उत्साहित होकर अब दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आम आदमी पार्टी’(आप) के विधायकों ने भी अपने वेतनमान बढ़ाने के लिए आवाज उठा दी है। 

पार्टी विधायकों का कहना है कि खर्च की तुलना में उन्हें बहुत कम वेतन मिलता है। महंगाई बहुत ज्यादा है और दिन भर उनसे मेल-मुलाकात करने के लिए कार्यालय में आने वाले लोगों को चाय-पानी पिलाने पर काफी खर्च आ जाता है। ऐसे में वर्तमान वेतन में उन्हें अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इन विधायकों के अनुसार ‘‘हम ईमानदारी से काम करने वाले लोग हैं इसलिए हमारे वेतनमान में वृद्धि होनी चाहिए।’’ 
 
जहां भाजपा सांसदों ने 4 दिन पूर्व ही वेतन दोगुने करने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी है, वहीं दिल्ली विधानसभा में भाजपा के 3 विधायकों ने अपनी पार्टी के सांसदों की दलीलों के विपरीत तर्क देते हुए ‘आम आदमी पार्टी’ के विधायकों द्वारा वेतनमान बढ़ाने की मांग का विरोध किया है। 
 
भाजपा विधायकों ने अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा है कि, ‘‘यदि केजरीवाल सरकार वेतन में बढ़ौतरी के प्रस्ताव को मान लेती है तो भाजपा हर महीने एक रुपए सैलरी का प्रस्ताव लेकर आएगी।’’
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 97,000 रुपए और विधायकों को 83,000 रुपए मासिक मिलते हैं। उनके भत्तों में पहली बार पैंंशन का भी प्रावधान किया गया है जो पूर्व विधायकों के लिए भी है।
 
राजनीति व्यवसाय न होकर समाज सेवा का एक माध्यम है। इस लिहाज से देखें तो विधायकों को आम जनता की आय की तुलना में पहले ही काफी अधिक वेतन मिल रहा है, अत: जहां ‘आप’ विधायकों की वेतन वृद्धि की मांग अनुचित है, वहीं भाजपा विधायकों द्वारा भी एक रुपए वेतन पर काम करने की पेशकश भी एक ढोंग और दो-मुंहेपन के अतिरिक्त कुछ नहीं है।
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