भारतीय जनता पार्टी में ‘यह क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है’

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2015 - 12:34 AM (IST)

हमने 20 जून के सम्पादकीय ‘एक वर्ष बाद भाजपा पर लग रहा ग्रहण’  में लिखा था, ‘‘स्वयं को ‘पार्टी विद ए डिफ्रैंस’ कहने वाली भारतीय जनता पार्टी भी अब उसी तरह के आरोपों में घिरती जा रही है जिस तरह के आरोप वह स्वयं विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पर लगाती रही है।’’ भाजपा में लगातार चल रहा ऐसा घटनाक्रम हमारे इस कथन की पुष्टिï कर रहा है  :

‘शैक्षिक योग्यता कांड’ को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्मृति ईरानी पर तीन अलग-अलग मौकों पर चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता बारे तीन हलफनामों में भिन्न-भिन्न जानकारियां देने का आरोप है जो जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125 (ए) के अंतर्गत अपराध है और इस संबंधी याचिका दिल्ली की एक अदालत ने स्वीकार कर ली है।
 
आई.पी.एल. के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी की सहायता के मामले मेंं उसके यात्रा दस्तावेज की पैरवी से संबंधित 18 अगस्त, 2011 के वसुंधरा राजे (राजस्थान की मुख्यमंत्री) के हस्ताक्षरों वाले एक दस्तावेज के सामने आने से वसुंधरा राजे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वसुंधरा ने ललित के आव्रजन पेपर पर गवाह के रूप में इस शर्त पर हस्ताक्षर किए थे कि इसे गुप्त रखा जाएगा। इस दस्तावेज के सामने आने के बाद वसुंधरा राजे से त्यागपत्र की मांग ने जोर पकड़ लिया है। 
 
महाराष्ट के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े की फर्जी डिग्री का मामला चल ही रहा था कि राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री ‘पंकजा मुंडे’ 206 करोड़ रुपए के ‘चिक्की घोटाले’ में फंस गई हैं। ‘पंकजा मुंडे’ पर आरोप है कि उन्होंने एक ही दिन में करोड़ों रुपए का सामान बगैर टैंडर निकाले खरीदने का आदेश दिया जिसमें 206 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। 
 
पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री 82 वर्षीय श्री यशवंत सिन्हा ने कहा है, ‘‘जिन लोगों की उम्र 75 वर्ष से अधिक है उन्हें पार्टी ने 26 मई, 2014 को ‘ब्रेन डैड’ करार दे दिया और उनमें मेरे अलावा श्री अडवानी व मुरली मनोहर जोशी आदि शामिल हैं।’’ 
 
श्री यशवंत सिन्हा ने नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा,‘‘पहले भारत को बनाओ फिर सब ठीक हो जाएगा।’’  उन्होंने यह भी कहा,‘‘हमने मंदी पर नियंत्रण पा लिया है, यह बात आंकड़ों में ही सही है, यथार्थ में नहीं क्योंकि हमने विकास दर दिखाने के नियम बदल डाले हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि हम एक साल के आंकड़े तैयार करें और कहें कि 7.4 प्रतिशत या 8 प्रतिशत या 20 प्रतिशत की दर से विकास कर रहे हैं।’’ 
 
भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर विपक्ष की आलोचना झेल रहा भाजपा नेतृत्व अब अपने ही पूर्व ‘ङ्क्षथक टैंक’ गोविंदाचार्य के निशाने पर भी आ गया है। भूमि विधेयक बारे संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में इसका विरोध करते हुए उन्होंने कहा,‘‘वर्तमान सरकार तो जितनी जल्दी हो सके गरीबों से उनकी भूमि छीन कर कार्पोरेट घरानों को दे देना चाहती है जबकि इसने अपने चुनाव घोषणापत्र में भूमि गरीबों को बांटने का वायदा किया था।’’ 
 
यही नहीं, युवा भाजपा सांसद कीॢत आजाद ने 14 जून को यह ट्वीट किया, ‘‘सुषमा स्वराज अपनों की साजिश की शिकार हुई हैं और यह भाजपा की ‘आस्तीन के सांप’ की रची हुई साजिश का नतीजा है।’’ 
 
अब कीॢत आजाद ने 24 जून को वित्त मंत्री अरुण जेतली के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की धमकी देते हुए आरोप लगाया है,‘‘दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ दिल्ली के बार में 2 अक्तूबर, 2013 को शराब परोसी गई थी जबकि 2 अक्तूबर को गांधी जयंती पर देश भर में मद्यनिषेध होता है। इस दिन कहीं भी शराब परोसना अपराध है और इसके लिए जेतली उत्तरदायी हैं।’’ 
 
नौकरशाही में भी भाजपा सरकार को लेकर असंतोष दिखाई दे रहा है। पिछले 8 महीनों में सरकार के 4 महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुख विभिन्न कारणों से त्यागपत्र दे चुके हैं वहीं 2008 के मालेगांव विस्फोट, जिसमें 4 लोग मारे गए थे, के मामले में विशेष सरकारी वकील ‘रोहिणी सालियान’ ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि पिछले एक साल से, ‘‘जब से राजग सरकार सत्ता में आई है’’  उन पर केस कमजोर करने और नर्म रवैया अपनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि इस मामले में चंद हिन्दू कट्टïरपंथियों पर आरोप हैं।
 
चंद दिन पहले विभिन्न मुद्दों को लेकर सर्वश्री लाल कृष्ण अडवानी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार तथा सुरेंद्र जैन अपना असंतोष व्यक्त कर चुके हैं और अब भाजपा के अंदर और बाहर चल रहा उक्त घटनाक्रम यह दर्शा रहा है कि भाजपा ‘पार्टी विद ए डिफ्रैंस’ न रह कर ‘पार्टी आफ डिसिडैंट्स’  बन रही है।

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