‘जूठन छोडऩे से अन्न की बर्बादी’ रोकने के लिए फ्रांस ने उठाए पग

Friday, May 29, 2015 - 01:18 AM (IST)

विवाह समारोह या अन्य घरेलू समारोहों के धूम-धड़ाके में बहुत कम लोग ही यह बात महसूस करते हैं कि ऐसे आयोजनों में जूठन के रूप में छोड़कर जो खाद्यान्न हम कूड़े में फैंक देते हैं उसकी अपराधपूर्ण बर्बादी रोक कर न जाने कितने जरूरतमंदों का पेट भरा जा सकता है। भारत में इस दिशा में कुछ निजी स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आई हैं जिन्होंने विभिन्न पार्टियों-समारोहों आदि में बचे हुए स्वच्छ अन्न को वैज्ञानिक ढंग से रैफ्रीजरेटिड पात्रों में एकत्रित करके जरूरतमंदों तक पहुंचाने की पहल की है।

और अब विश्व के चंद विकसित देशों की सरकारों ने भी इस संबंध में सोचना शुरू कर दिया है और इसी दिशा में एक सार्थक पहल करते हुए फ्रांस की संसद ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण पग उठाया है। फ्रांसीसी संसद द्वारा पारित प्रस्ताव में बड़ी सुपर मार्कीटों के लिए ‘एक्सपाइरी डेट’ चिन्हित लेकिन उस तारीख के बाद भी खाने योग्य और हानि रहित रहने वाली वस्तुओं को नष्ट करने की बजाय जरूरतमंद लोगों के लिए एन.जी.ओ. के माध्यम से बांटने की बात कही गई है। 
 
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि खाने के बिल्कुल योग्य न रही वस्तुओं को खेतों में खाद के तौर पर प्रयोग हेतु दे देने की व्यवस्था कर दी जाए। 
 
खाद्य पदार्थों को नष्ट होने से रोकने के प्रयासों की शृंखला में ही फ्रांस सरकार द्वारा विभिन्न स्कूलों के प्रबंधकों को भी अपने छात्रों को खाद्यान्न नष्ट न करने के लिए प्रेरित करने बारे कहा गया है।
 
फ्रांस सरकार द्वारा खाद्य वस्तुओं को नष्ट होने से रोकने तथा इस्तेमाल योग्य बची हुई खाद्यों वस्तुओं के उचित इस्तेमाल की दिशा में उठाया जाने वाला यह एक अनुकरणीय पग है जो भारत जैसे देश के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है जहां लाखों लोग हर रात को भूखे पेट ही सोने के लिए विवश हैं।  
 

 

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