‘चंद पुलिस कर्मचारियों की करतूतें’

Thursday, May 14, 2015 - 12:14 AM (IST)

देश भर में कानून-व्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। चिंतनीय बात यह है कि कानून के रक्षक कहलाने वाले ही कानून के भक्षक बन रहे हैं। पुलिस वालों की ऐसी करतूतें लगातार सामने आ रही हैं जिनसे पता चलता है कि पुलिस बल के चंद सदस्य किस हद तक कत्र्तव्य विमुख हो चुके हैं। इनकी हाल ही की चंद करतूतें निम्र में दर्ज हैं : 

* 17 अप्रैल को मोगा के गांव भिंडरकलां की युवती से एन.आर.आई. रविन्द्र जोत व एस.एस.पी. कार्यालय की एकाऊंट ब्रांच के हवलदार अंग्रेज सिंह द्वारा दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। 
 
* 4 मई को उत्तर प्रदेश में बिजनौर के निकट धामपुर में दुष्कर्म की शिकार एक अद्र्धविक्षिप्त महिला को कुछ पुलिस कर्मचारियों ने रस्सियों से बांधकर जमीन पर घसीटा जिससे वह लहूलुहान हो गई। 
 
* 4 मई को ही कोच्चि में एल.एल.एम. परीक्षा में नकल करने की कोशिश करते हुए पकड़े जाने पर त्रिशूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक टी.जे. जोस को कक्ष निरीक्षक ने परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया तथा दोष सिद्ध होने पर उसका तबादला कर दिया गया।
 
* 4 मई को ही फाजिल्का थाना सिटी पुलिस ने एक ढाबे में हैरोइन और अफीम का नशा कर रहे एक ए.एस.आई. जगतार सिंह व दो हवलदारों राज कुमार तथा अमरजीत सिंह को पकड़ा।
 
* 5 मई को नकोदर पुलिस थाने के असिस्टैंट सब-इंस्पैक्टर त्रिलोचन सिंह तथा 2 कांस्टेबलों जसविन्द्र सिंह और बलविन्द्र सिंह को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित किया गया। इनकी निगरानी में अस्पताल लाया जा रहा एक विचाराधीन कैदी चकमा देकर फरार हो गया था।
 
* 5 मई को ही गांव छन्ना शेर सिंह (कपूरथला) की 16 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया कि किसी विवाद के सिलसिले में पूछताछ के लिए 26 अप्रैल को तलवंडी चौधरियां पुलिस का ए.एस.आई. पूर्ण चंद उनके घर आया तथा उसे और उसकी मां को बालों से पकड़ कर घसीटा। फिर उसे और उसके भाई को थाने में ले जाकर उन पर अमानवीय अत्याचार किया। 
 
* 9 मई को संगरूर पुलिस ने 4 पुलिस कर्मचारियों हवलदार गुरलाल सिंह, हवलदार चरणजीत सिंह, राजा सिंह व होमगार्ड हरजिन्द्र सिंह को 1 किलो 800 ग्राम चरस सहित गिरफ्तार किया। इन पर चरस सहित पकड़ी 3 महिलाओं को 30,000 रुपए रिश्वत लेकर छोडऩे का भी आरोप है। 
 
* 10 मई को श्री मुक्तसर साहिब की दोदा पुलिस चौकी का स्टाफ किसी शिकायत पर पिता-पुत्र सुखदेव व धर्मप्रीत को उठा कर ले गया और उन्हें छोडऩे के बदले में उनसे 10 हजार रुपए मांगे। जब उन्होंने रुपए नहीं दिए तो उनकी बुरी तरह पिटाई की गई जिससे उन्हें काफी चोटें आईं।
 
* 11 मई को नई दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस के एक हैड कांस्टेबल सतीश ने मध्य दिल्ली के पॉश गोल्फ लिंक इलाके में 3 बेटियों के साथ स्कूटी पर जा रही एक महिला रमणजीत कौर को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में रोका व 200 रुपए रिश्वत न देने पर पहले तो सतीश ने उससे गाली-गलौच की और फिर उस पर ईंट दे मारी जिससे वह घायल हो गई। 
 
* 12 मई को दिल्ली के बदरपुर इलाके में पुलिस सब-इंस्पैक्टर ऋषिपाल ने महरौली-बदरपुर रोड पर टोल प्लाजा के निकट फ्लाईओवर पर सफाई कर रही 6 महिलाओं को अपनी तेज रफ्तार कार के नीचे कुचल दिया जिनमें से 3 की घटनास्थल पर ही मृत्यु तथा 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गईं। 
 
* 12 मई को ही हरियाणा के हांसी में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति हड़पने के मामले में हुई गुड्डी नामक महिला व उसके बेटे संदीप की हत्या के सिलसिले में हिसार पुलिस ने चंडीगढ़ की महिला पुलिस इंस्पैक्टर सत्यबाला, उसकी बहन असिस्टैंट इंस्पैक्टर राजबाला और उसके भाई कांस्टेबल दलजीत सिंह को गिरफ्तार किया है और इनका एक अन्य भाई जगजीत सिंह फरार है। 
 
पुलिस कर्मचारियों की करतूतों के ये तो चंद उदाहरण हैं जबकि ऐसे और भी मामले हुए होंगे जो पकड़े नहीं जा सके। यदि रक्षक ही भक्षक बन कर आम जनता पर अत्याचार तथा समाज विरोधी कृत्य करने लगेंगे तो फिर भला देश में कानून व्यवस्था की स्थिति कैसे बनी रह सकती है और आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो सकती है। इसके लिए यह आवश्यक है कि समाज के ऐसे अपराधियों को शिक्षाप्रद तथा कठोर दंड दिया जाए ताकि दूसरे कर्मचारियों को ऐसा न करने की नसीहत मिले।      
 
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