हरियाणा के कस्बे ‘सफीदों’ में एक दिन

punjabkesari.in Monday, May 04, 2015 - 10:19 PM (IST)

आम तौर पर प्रत्येक रविवार को मैं विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के निमंत्रण पर उनके कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए वहां जाता हूं। इस रविवार 3 मई को मुझे हरियाणा में जिला जींद की सफीदों मंडी में राष्ट्रीय किसान सभा के प्रधान श्री भारत प्रेम, सफीदों श्री गऊशाला सोसायटी के प्रधान श्री श्रवण गर्ग तथा कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान श्री संजय मित्तल के निमंत्रण पर वहां जाने का अवसर मिला। 

इस यात्रा के दौरान मैंने देखा कि जी.टी. रोड पर जहां-जहां कट और अंडरब्रिज बनाए गए हैं उनके सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इसी कारण घरौंडा से मुझे पानीपत- असंध रोड होते हुए सफीदों जाना पड़ा। 
 
असंध रोड पुलिस चौकी के पास सड़क की हालत खराब होने के कारण हम नहर बाईपास से होते हुए असंध रोड से पानीपत थर्मल, मडलौडा होते हुए सफीदों पहुंचे और वहां मैंने श्री गऊशाला में आयोजित समारोह में भाग लिया। 
 
इस गऊशाला में 900 गौवंश रख कर सेवा की जा रही है। यहां गौवंश की नस्ल सुधारने तथा साहीवाल नस्ल की गऊएं तैयार करने संबंधी कार्य भी किए जा रहे हैं। गऊशाला में गायों के लिए तूड़े के बड़े-बड़े गोदाम बनाए गए हैं जिनमें मशीनों से तूड़ी भरी जाती है और यहां सांडों के लिए अलग बाड़े बनाए गए हैं। 
 
गौवंश के लिए पानी एवं पंखों आदि की समुचित व्यवस्था की गई है। लंगड़ी और बीमार गायों के उपचार के लिए यहां डिस्पैंसरी भी है। गऊशाला ने बाजार से कुछ सस्ता और शुद्ध दूध व घी बेचने की प्रशंसनीय व्यवस्था भी की है। 
 
गऊशाला के प्रबंधकों ने मुझे अपनी समस्याएं बताईं और कहा कि यदि उन्हें गऊशाला के साथ लगती खाली जमीन मिल जाए तो वे यहां और बेहतर ढंग से अधिक गौवंश की सेवा कर सकते हैं। 
 
गौशाला का पूरा चक्कर लगाकर मैंने सुझाव दिया कि यदि गौशाला में गोबर गैस प्लांट की व्यवस्था हो जाए तो इससे काफी सुविधा हो जाएगी और गौशाला की बिजली सम्बन्धी आवश्यकताएं भी मुफ्त में पूरी हो जाएंगी। 
 
इसके साथ ही मैंने वहां उपस्थित सफीदों के विधायक श्री जसबीर देसवाल तथा असंध के विधायक स. बख्शीश सिंह से भी आग्रह किया कि वे इस कार्य में रुचि दिखा कर गोबर गैस प्लांट लगवाने में सरकार से सहायता दिलवाएं। 
 
इसके पश्चात हम सफीदों की पुरानी अनाज मंडी में पहुंचे। संघ के प्रतिनिधि श्री राकेश गोयल उर्फ भोला ने बताया कि यह मंडी महाराजा जींद ने 103 साल पहले 1912 में बनवाई थी और तब से लगातार बढिय़ा ढंग से चल रही है परंतु इसे हाल ही में डी-नोटीफाई कर दिया गया है।
 
भीड़भाड़ से मुक्त और रेलवे माल गोदाम के निकट होने के कारण पुरानी अनाज मंडी दूरदराज के क्षेत्रों तक अनाज पहुंचाने के लिए अत्यंत सुविधाजनक है तथा भारतीय खाद्य निगम का मुख्य गोदाम, हरियाणा वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन, खाद्य एवं आपूॢत विभाग तथा हैफेड के गोदाम भी निकट ही हैं। यहां मंडी बोर्ड द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से सांझे प्लेटफार्म आदि भी बनाए गए हैं तथा फसल रखने के लिए भी यहां काफी खुली जगह है। 
 
डी-नोटीफाई करने से इस मंडी के व्यापारियों के साथ-साथ आसपास के दुकानदारों को भी काफी नुक्सान होगा। अत: हरियाणा सरकार को चाहिए कि वह नई बनाई मंडी के साथ-साथ इस पुरानी मंडी को भी चलने दे। 
 
पुरानी मंडी में पायनियर स्कूल के चेयरमैन श्री नरेश बराड़ व श्री प्रवीण मित्तल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जरूरतमंद महिलाओं व बच्चों को राशन व स्टेशनरी वितरण किया गया। श्री नरेश ने 25 महिलाओं को राशन एवं वस्त्र दान के अलावा 25 बच्चों को कापियां व बैग इत्यादि भी प्रदान किए। 
 
वहीं मुझे मिले कुछ किसानों ने बताया कि बरसात व ओलावृष्टि के कारण खराब हुई उनकी फसल का मुआवजा उन्हें सही तरीके से नहीं दिया जा रहा और गिरदावरी में भी कहीं-कहीं भेदभाव किया गया है। 
 
मैं हरियाणा सरकार से राज्य की टूटी सड़कें बनवाने, सड़कों के अधूरे पड़े कार्य पूरे करवाने, सफीदों स्थित गऊशाला को इसके साथ लगती जमीन दिलवाने और गोबर गैस प्लांट लगवाने में सहायता देने तथा वहां की पुरानी अनाज मंडी को डी-नोटिफाई न करने का अनुरोध करूंगा ताकि गऊशाला के सुचारू कार्य संचालन में सहायता मिले और पुरानी अनाज मंडी में भी अनाज की खरीद पहले की भांति ही जारी रहे तथा टूटी सड़कों के कारण लोगों को समस्याओं से निजात मिले। 

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