अब प्रवीण तोगडिय़ा का

Tuesday, Mar 31, 2015 - 01:55 AM (IST)

 विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा कई बार ऐसे तेज-तर्रार बयान दे देते हैं जिनसे अधिकांश लोग सहमत नहीं हो पाते। इसी कारण लोग उन्हें ‘कट्टरवादी हिन्दू’ का दर्जा देते हैं। उदाहरणार्थ :

* 19 अप्रैल, 2014  को भाव नगर में उन्होंने हिन्दू इलाके में एक मुसलमान द्वारा मकान खरीदने पर कहा, ‘‘हिन्दू बहुसंख्यक इलाके में मुसलमान न आएं। उसे 48 घंटों में घर खाली करने की चेतावनी दो। यदि ऐसा नहीं हो तो उसके आफिस पर पत्थर, टायर और टमाटर लेकर पहुंच जाओ।’’
 
* 17 दिसम्बर, 2014 को उन्होंने कहा, ‘‘देश में हिन्दू समुदाय की संख्या 100 करोड़ है जो बढ़ कर कम से कम 700 करोड़ हो जानी चाहिए।’’
 
* 5 मार्च, 2015 को सोनीपत में साध्वी प्राची के बयान के समर्थन में उन्होंने कहा, ‘‘जो 10 बच्चे पैदा करते हैं उनका विरोध तो दूर, कोई चर्चा भी नहीं करता लेकिन जब हम 4 बच्चों की बात करते हैं तो विरोध होने लगता है।’’
 
ऐसे तीखे बयानों के लिए आलोचना के पात्र बने डा. तोगडिय़ा ने अब सवर्ण हिन्दुओं को ‘‘कम से कम एक दलित परिवार से मित्रता’’  करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी यात्रा का निर्णय किया है। उनका कहना है कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य देश से छुआछूत समाप्त करना है। 
 
उन्होंने अपने इस अभियान का नाम ‘हिन्दू परिवार मित्र अभियान’ रखा है। इस बारे उनका कहना है कि ‘‘अपनी इस यात्रा के दौरान मैं सवर्ण हिन्दू परिवारों को दलित परिवारों की रसोई में भोजन करने और दलितों को अपनी रसोई में आमंत्रित करने का आह्वान करने के अलावा उन्हें अपने सुख-दुख में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का आह्वान करूंगा।’’ 
 
अपनी यात्रा के दौरान वह 56000 जातियों और उपजातियों के सदस्यों से मिलकर उनसे छुआछूत के विरुद्ध प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध करेंगे।  देर से ही सही, अब विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता डा. तोगडिय़ा का यह दूरदर्शितापूर्ण बयान आया है जिसका सभी को स्वागत करना चाहिए और उन कारणों को दूर करना चाहिए जिन कारणों से हिन्दू समाज का एक बड़ा हिस्सा अब तक उनसे उपेक्षित रहा।  
 
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