रेलों में ‘गुंडागर्दी’ और ‘लूट-मार’ में तेजी

Saturday, Mar 21, 2015 - 01:06 AM (IST)

लगभग 14 लाख कर्मचारियों वाली भारतीय रेलवे विश्व की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक है जो प्रतिदिन लगभग सवा दो करोड़ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है और देश की आम जनता के आवागमन एवं माल की ढुलाई का सस्ता तथा सर्वसुलभ साधन है।

यात्री रेलगाडिय़ों में यात्रियों पर हमले और लूटमार व मालगाडिय़ों और माल गोदामों से सामान की चोरी आम है। रेलवे प्रशासन द्वारा रेलगाडिय़ों में सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने के दावों के बावजूद यात्री रेलगाडिय़ों और मालगाडिय़ों में लूटमार और हिंसा का सिलसिला लगातार जारी है। यहां प्रस्तुत हैं रेलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती चंद ताजा घटनाएं :
 
* 14 फरवरी रात को धूरी के निकट कालका-बाड़मेर एक्सप्रैस में आधा दर्जन से अधिक लुटेरों ने अनेक डिब्बों में यात्रा कर रहे यात्रियों से नकदी व आभूषण लूट लिए और ट्रेन की चेन खींच कर फरार हो गए। 
 
* 15 फरवरी को मथुरा व कोटा रेलवे स्टेशनों के बीच ‘गुजरात संपर्क क्रांति एक्सप्रैस’ के ए.सी. कोच में दिल्ली से अहमदाबाद जा रही युवती तरु लता को वैंडर के रूप में आए एक बदमाश ने नशीली चाय पिलाकर बेहोश कर दिया और उसके गहने, पर्स और एक लाख रुपए का मोबाइल ले उड़ा। 
 
* 25 फरवरी को झारखंड के धनबाद में लुटेरों ने रांची से दुमका जा रही ‘इंटर सिटी एक्सप्रैस’ में एक महिला का पर्स, सोने का हार व पायल लूट ली। इसके लगभग अढ़ाई घंटे बाद तड़के लगभग 5 बजे झारखंड में ही सशस्त्र बदमाशों ने ‘हावड़ा-गांधीधाम एक्सप्रैस’ में अनेक यात्री लूटे। 
 
* 8 मार्च को उत्तर प्रदेश में देवरिया के निकट ‘वैशाली एक्सप्रैस’ में यात्रा कर रहे एक यात्री व उसकी गर्भवती पत्नी पर बर्थ के विवाद में आर.पी.एफ. के जवानों ने हमला कर दिया और मानवता को लज्जित करते हुए गर्भवती महिला से छेड़छाड़ व मारपीट की। 
 
* 16 मार्च रात को जंडियाला स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 पर खड़ी गेहूं से लदी मालगाड़ी को कुछ लुटेरों ने डिब्बों की सीलें तोड़ कर लूटने की कोशिश की। उन्होंने एक डिब्बे से 32 और दूसरे डिब्बे से 24 बोरी गेहूं नीचे फैंक भी दिया लेकिन शोर मच जाने पर भाग खड़े हुए। 
 
* 16 मार्च को ही जबलपुर से भोपाल आ रही ‘नर्मदा एक्सप्रैस’ में तड़के साढ़े 3 बजे सिविल जज की परीक्षा देकर लौट रहे 3 वकीलों ने 10 वर्षीय नाबालिगा से इटारसी स्टेशन के निकट बलात्कार करने की कोशिश की। आरोपियों में से एक पीयूष दुबे का पिता खंडवा में परिवार न्यायालय में जज है। 
 
* 18 मार्च को मध्य प्रदेश में ‘मननपुर रेलवे स्टेशन’ के शंटिंग यार्ड में खड़ी मालगाड़ी के चालक की खिड़की खुलवाकर अपराधियों ने उसे लूट लिया। 
 
और अब तो हद ही हो गई जब 19 मार्च को तड़के मथुरा के निकट ‘जबलपुर-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रैस’ में 5 सशस्त्र अपराधियों ने प्रथम श्रेणी वातानुकूलित कोच के कूपे में घुस कर उसमें यात्रा कर रहे मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया तथा उनकी पत्नी के अलावा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के दो वकीलों सहित दर्जन भर यात्रियों को चाकू की नोक पर लूट लिया।
 
श्री मलैया और उनकी पत्नी से लुटेरों ने 50 हजार रुपए नकद, श्रीमती मलैया के गले में पड़ी सोने की चेन एवं उंगलियों की अंगुठियां लूटने के अलावा श्रीमती मलैया के हाथ से एक अंगूठी उतारने में कठिनाई होने पर उन्होंने उंगली काटने तक की धमकी दी । रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दे रहे टीटी को लुटेरों ने बंधक बना लिया। लुटेरों में से एक ने स्वयं को टिकट चैकर बताकर कूपे में प्रवेश किया था। 
 
इसी दिन दिल्ली से हैदराबाद जा रही दक्षिण एक्सप्रैस में भी आधा दर्जन से अधिक सशस्त्र बदमाशों ने ‘फरह स्टेशन’ के निकट ए.सी. कोच में धावा बोल कर अनेक यात्रियों को लूट लिया और फरार हो गए। 
 
हालांकि रेल मंत्रालय द्वारा रेलगाडिय़ों में सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने व डिब्बों में सुरक्षा कर्मी तैनात करने की बात कही जाती है परंतु परिणाम शून्य ही है और यह बात रेलगाड़ी में मध्य प्रदेश के मंत्री को लूटे जाने से सिद्ध हो गई है और यहां जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है उनमें या तो डिब्बों में तैनात सुरक्षा कर्मी नदारद थे और यदि थे भी तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। 
 
संसद में अनेक बार यह मामला उठ चुका है और हर बार रेल मंत्री सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने की बात कहते हैं पर नतीजा वही ‘ढाक के तीन पात’ ही रहा है। अब आशा करनी चाहिए कि मंत्री के साथ हुई घटना के बाद रेल मंत्रालय शायद हरकत में आएगा और रेल यात्रियों की सुरक्षा के प्रभावी पग उठाए जाएंगे।  
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