प्रधानमंत्री के छोटे भाई ‘प्रह्लाद मोदी’ का नई सरकार को इच्छाशक्ति के अभाव का सर्टीफिकेट

Thursday, Mar 19, 2015 - 01:00 AM (IST)

अपने मुख्यमंत्री काल में गुजरात को ‘भ्रष्टाचारमुक्त’ और ‘विकास का मॉडल’ बनाने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्रीय भाजपा सरकार के विरुद्ध विपक्षी दल तो पहले ही आवाज उठाते और उनके दावों पर प्रश्र खड़े करते आ रहे हैं परंतु अब पहली बार उनकी सरकार के विरुद्ध उनके घर से ही आवाज उठ खड़ी हुई है।

यह आवाज बुलंद करने वाला कोई और नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी के छोटे भाई  तथा ‘ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप फैडरेशन’ के उपाध्यक्ष और ‘गुजरात फेयर प्राइस शॉप्स एंड कैरोसीन शॉप्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष ‘प्रह्लाद मोदी’ हैं।
 
फैडरेशन की ओर से इन दिनों देश भर में सभी राज्यों की राजधानियों में अपनी मांगों के समर्थन में धरने दिए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में ‘प्रह्लाद मोदी’ ने 17 मार्च को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने संघ की मांगों को लेकर आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
 
केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘यह सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकी है। आपने भाजपा को लोकसभा में बहुमत दिलाने के लिए मेहनत की लेकिन फिर भी आपको धरना देने जंतर-मंतर, दिल्ली आना पड़ता है। मुझे लगता है कि यह राजग सरकार की नाकामी है।’’ 
 
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी सरकार पर परोक्ष हमला बोलते हुए ‘प्रह्लाद मोदी’ ने आरोप लगाया कि ‘‘लगभग सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दल रिश्वत लेते हैं और अब जबकि भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष करने के संदेश के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई है, हम सड़कों पर उतरने के लिए विवश हो गए हैं।’’ 
 
उन्होंने कहा ‘‘यदि भाजपा नीत सरकार ने जन समस्याएं दूर न कीं व इस ओर से आंखें मूंदे रखीं तो दिल्ली वाली कहानी उत्तर प्रदेश और बिहार के आगामी चुनावों में भी दोहराई जा सकती है। मैं भाजपा का सदस्य हूं लेकिन मैं राष्ट्रीय दलों की गलत नीतियों का विरोध करता हूं।’’
 
उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन आने वाले दुकानदारों की समस्याएं हल करने के मामले में भी भाजपा पर इच्छाशक्ति के अभाव का आरोप लगाया और कहा ‘‘हम यह नहीं कहते कि यह सरकार निकम्मी है या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निकम्मे हैं। लेकिन इस सरकार में समस्याएं हल करने की इच्छाशक्ति नहीं है। मैं जो कर रहा हूं वह भाई के विरुद्ध भाई का विद्रोह नहीं है। मेरे लिए मेरे भाई पूजनीय हैं।’’ 
 
इससे पूर्व अहमदाबाद में एक साक्षात्कार के दौरान ‘प्रह्लाद मोदी’ ने आरोप लगाया था कि गरीबों के राशन के नाम पर राज्य में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। ‘प्रह्लाद मोदी’ के अनुसार, ‘‘गुजरात सरकार ने सस्ते राशन की दुकान में आ रही गड़बड़ी को रोकने के इरादे से ‘बार कोड’ प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन  इसमें सरकारी स्तर पर ही इतनी धांधली हुई कि गुजरात के 10 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रतिमास सस्ता राशन नहीं मिल पा रहा।’’
 
‘प्रह्लाद मोदी’ ने यह आरोप भी लगाया कि ‘‘राज्य सरकार द्वारा निजी कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बार कोड में अनेक प्रकार की गड़बड़ की गई हैं। अत: यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो हमें आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।’’ 
 
बड़े भाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छोटे भाई ‘प्रह्लाद मोदी’ दोनों में ही बचपन से अत्यधिक नजदीकी रही है और कभी कोई छिपाव, दुराव तथा विद्वेष की भावना नहीं रही। अत: निश्चित रूप से ‘प्रह्लाद मोदी’ ने बड़े भाई को एक शुभचिंतक के नाते सही सलाह और चेतावनी दी है।
 
यह कहावत भी प्रसिद्ध है कि अपने किसी भी स्नेही को उसकी त्रुटियां न बताने वाला उसका सबसे बड़ा शत्रु होता है। अत: सीधे-सीधे और साफ तौर पर बड़े भाई को उनकी सरकार और देश के राजनीतिक दलों की कमजोरियां बताकर ‘प्रह्लाद मोदी’ ने सही अर्थों में एक सच्चे शुभचिंतक की भूमिका निभाई है। अब यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर है कि वह अपने छोटे भाई की पुकार और चेतावनी सुनते हैं या नहीं।  
 
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