‘गरीबों के मसीहा’ कहलाने वाले ‘नेताओं के शाही अंदाज’

Tuesday, Feb 24, 2015 - 03:59 AM (IST)

गत वर्ष 22 नवम्बर को उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री आजम खान ने रामपुर में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन शाही अंदाज में मनाया जिसमें 75 फुट लम्बा केक काटा गया था।

इस समारोह के लिए पूरे शहर में 300 सजावटी द्वार बनाए गए थे। लंदन से खासतौर पर विक्टोरिया बग्गी मंगवाई गई। कहा जाता है कि उस समारोह पर आने वाले 1.8 करोड़ रुपए के खर्च का भुगतान नहीं किया गया। 
 
ऐसी ही धूमधाम के साथ प्रति वर्ष मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में ‘वार्षिक सैफई महोत्सव’ भी आयोजित किया जाता है जिसमें राजनीति, उद्योग और मुम्बई के फिल्म जगत से बड़ी संख्या में कलाकार भाग लेते हैं। 
 
दिसम्बर-जनवरी 2014-15 में आयोजित 14 दिवसीय समारोह में फिल्म स्टार सलमान खान, ऋतिक रोशन, परिणीति चोपड़ा व जैकलीन फर्नांडीज  के अलावा अनेक बड़े सितारों ने भाग लिया था। 
 
और अब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के बड़े भाई के पोते तथा मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप सिंह की लालू यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी से 26 फरवरी को हो रही शादी से पूर्व 21 फरवरी को यादव परिवार के पैतृक गांव सैफई में ‘तिलक समारोह’ के लिए भव्य प्रबंध किए गए।
 
समारोह में 1.5 लाख अतिथि बुलाए गए व वी.आई.पी. अतिथियों हेतु आसपास के सारे होटल बुक करने के अलावा 500 से अधिक कॉटेज किराए पर लिए गए। जर्मन हैंगर टैंट मंगवाया गया जिस पर आग, वर्षा व तूफान का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। बिहार के मेहमानों के लिए खासतौर पर स्विस कॉटेज वाला एक अलग हिस्सा बनाया गया जिसे ‘लालू नगर’ नाम दिया गया। 
 
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, मुलायम सिंह के पूर्व साथी अमर सिंह सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे जिनके लिए पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात आदि राज्यों के लगभग 100 प्रकार के व्यंजनों का प्रबंध किया गया था। 
 
3000 से अधिक पुलिस कर्मचारी सुरक्षा बंदोबस्त के लिए तैनात करने के अलावा डेढ़ से 2 करोड़ रुपए तो केवल मिनरल वाटर पर ही खर्च किए गए जबकि आयकर विभाग को संदेह है कि समूचे समारोह पर 75 से 100 करोड़ रुपए के बीच खर्च हुआ है। 
 
सैफई हवाई अड्डा पूरी तरह व्यस्त रहा। चमचमाती एस.यू.वी. तथा लग्जरी सिडान गाडिय़ां विमानों से उतरने वाले मेहमानों को लाने-ले जाने में लगी रहीं। पुलिस वाले मेहमानों की आवभगत और ‘पैर छूने’ में जुटे रहे और एक-दूसरे को डांटते रहे कि मेहमानों की सेवा में कोई कमी न रह जाए। 
 
समारोह में जब प्रदेश के ग्रामोद्योग मंत्री नारद राय से इस सारे तामझाम के बारे में पूछा गया तो वह बोले, ‘‘अरे वो जमाने गए। अब वैसी जिंदगी नहीं जी जा सकती। जमाने के साथ चलना पड़ता है।’’ उनके पास ही खड़े एक अन्य मंत्री ने कहा, ‘‘यह सीधी-सादी शादी है। आप ऐसे सवाल न पूछें।’’
 
लालू यादव ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मेरी बेटी की शादी पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। मुलायम सिंह यादव ने शादी में दहेज के लिए हमसे एक भी पैसा नहीं मांगा।’’
 
आयकर विभाग विशेष रूप से इलाहाबाद की ‘लल्लू एंड सन्स’ के अलावा दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, लखनऊ, कानपुर, इटावा और मैनपुरी के उन ठेकेदारों की सूची बना रहा है जिन्होंने इस आयोजन को भव्य बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है परंतु इसके साथ ही आयकर विभाग के एक अधिकारी का यह भी कहना है कि मुलायम और लालू को नोटिस भेजना इतना आसान भी नहीं होगा, क्योंकि इस समारोह में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। 
 
हालांकि इस समारोह को एक गैर-राजनीतिक समारोह बताया जा रहा है परंतु जिस प्रकार समूचा यादव परिवार नरेंद्र मोदी के स्वागत को उमड़ पड़ा उससे इस समारोह के कुछ अन्य ही निहित अर्थ भी लगाए जा रहे हैं। कई कारणों से इस समय दोनों को ही एक-दूसरे की जरूरत हो सकती है।
 
स्वयं को समाजवादी, सादगी पसंद, गरीब हितचिंतक एवं राम मनोहर लोहिया के अनुयायी होने का दावा करने वाले मुलायम सिंह यादव और लालू यादव ने अपना दोहरा चेहरा उजागर कर दिया है। गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन के शिकार राज्यों के नेताओं द्वारा अपने निजी समारोहों में इस प्रकार अंधाधुंध खर्च करना किसी भी रूप में शोभा नहीं देता। 
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