ओबामा की ‘आगरा यात्रा क्यों हुई रद्द’

Sunday, Jan 25, 2015 - 02:01 AM (IST)

पत्नी मिशेल के साथ अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा आज प्रात: 10 बजे 3 दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंच रहे हैं। इस बार उनकी यात्रा की व्यवस्था के लिए 1600 अमरीकी स्टाफ है जबकि उनकी पिछली यात्रा पर 800 सदस्य ही आए थे।

25 जनवरी को श्री ओबामा सबसे पहले राष्ट्रपति भवन जाएंगे और उसके बाद राष्ट्रपतिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद हैदराबाद भवन जाएंगे। वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी एकांत में भेंट तथा दोपहर के भोज के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक और संयुक्त संवाददाता सम्मेलन होगा।

बराक ओबामा के लिए दिल्ली में अभूतपूर्व 7 स्तरीय सुरक्षा के प्रबंध करते हुए 50,000 सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए गए हैं। अमरीकी सीक्रेट सर्विस के 500 एजैंटों व स्पैशल फोर्स द्वारा लगातार चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।

राजपथ और होटल मौर्या शैरेटन में 20 से ज्यादा अमरीकी ‘मेलीनोवा कुत्ते’ तैनात किए गए हैं। नो फ्लाई जोन एरिया 400 कि.मी. तक बढ़ा दिया गया है, दर्जनों इमारतें बंद कर दी गई हैं व 15,000 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली को 13 भागों में बांट दिया गया है और राष्ट्रपति ओबामा के चारों ओर अमरीकी कमांडो का सुरक्षा घेरा रहेगा।

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्यातिथि के रूप में शामिल होने के अलावा दोनों नेता भारतीय और अमरीकी कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ गोलमेज बैठक में भाग लेंगे।

27 जनवरी को भारत यात्रा के तीसरे और अंतिम दिन मिशेल तथा ओबामा अमर प्रेम का प्रतीक ताजमहल देखने जाने वाले थे। इस दौरे पर उनकी सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही थीं।

अमरीकी राष्ट्रपति की हिफाजत के लिए 100 अमरीकी सुरक्षाकर्मी तथा उनके 4000 भारतीय समकक्षों को तैनात किया जाना था। इसके अलावा खेरिया हवाई अड्डे से ताजमहल के बीच करीब 11 कि.मी. के इलाके में चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए थे।

इसी बीच ओबामा के भारत दौरे के दृष्टिïगत 20 जनवरी को सीमा  सुरक्षा बल ने पाकिस्तान से लगती सीमा पर आप्रेशन अलर्ट घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि सन् 2000 में अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान आतंकवादियों ने अनंतनाग जिले में 36 सिखों की हत्या कर दी थी।

ओबामा द्वारा 21 जनवरी को पाकिस्तान से लेकर पैरिस तक की सड़कों से आतंकवादियों के सफाए और इस्लामिक स्टेट के उग्रवादियों के विरुद्ध नई युद्ध शक्तियों को स्वीकृति देने के आह्वïान से तिलमिलाए पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी दस्तों द्वारा गणतंत्र दिवस पर भारत में दिल्ली को छोड़कर अन्य स्थानों पर हमले के लिए रवाना होने की खबरों ने सुरक्षा एजैंसियों के लिए चिंता खड़ी कर दी थी।

आतंकी संगठन आई.एस. द्वारा ट्वीटर के माध्यम से बराक ओबामा को उड़ाने की धमकी देने से सुरक्षा एजैंसियों की चिंता और बढ़ गई परंतु इस सबके बावजूद दिल्ली के अलावा आगरा में बराक ओबामा के स्वागत की तैयारियां जारी रहीं और आगरा में कफ्र्यू जैसी स्थिति लागू कर दी गई थी।

यहां तक कि किसी एमरजैंसी की स्थिति में सुरक्षा एजैंसियों ने ओबामा दम्पति के आगरा जाने का गुप्त प्लान भी बना लिया था और किसी अप्रिय स्थिति में वहां के होटल अमर बिलास की बालकनी की खिड़की से ही उन्हें ताज महल का दीदार करवाने की योजना भी बनाई थी परंतु 24 जनवरी को अचानक आगरा दौरा रद्द कर दिया गया जिसके अनेक कारण माने जाते हैं :
ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में पैट्रोल या डीजल से चलने वाले किसी भी वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में ओबामा दम्पति को बैटरी कार में बैठकर ताजमहल पर जाना पड़ता लेकिन अमरीकी सुरक्षा एजैंसियां इसके लिए तैयार नहीं थीं।
आगरा हवाई अड्डे से ताज महल तक की 11 किलोमीटर की सड़क मार्ग द्वारा यात्रा भी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती थी। 
आई.एस. द्वारा बराक ओबामा को दी गई धमकी के दृष्टिïगत उन पर हमले की आशंका भी इस दौरे को रद्द करने का कारण हो सकती है।

राजनीतिक प्रेक्षकों का भी यही कहना है कि मुख्यत: ओबामा की आगरा यात्रा रद्द होने का मुख्य कारण उनकी सुरक्षा संबंधी चिंता ही है क्योंकि आतंकवादी संगठनों द्वारा धमकियां भी दी जा रही थीं और अमरीकी सुरक्षा एजैंसियां भी आगरा में सुरक्षा प्रबंधों से संतुष्टï नहीं थीं।

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