बलात्कार में फंसा एक और बाबा अब ‘फलाहारी बाबा’ जेल में

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 12:27 AM (IST)

हर बीतने वाले दिन के साथ कलियुग के बाबाओं की पोल खुल रही है और लोग दांतों तले उंगली दबाने को विवश हो रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी और खुल रहे राजों का सिलसिला अभी समाप्त भी नहीं हुआ कि राजस्थान के कथित संत कौशलेंद्र फलाहारी महाराज (70) पर एक 21 वर्षीय कानून की छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगा कर सनसनी फैला दी है। 

युवती के अनुसार 7 अगस्त को बाबा ने उसे विद्या और उज्ज्वल भविष्य का वरदान देने का झांसा देकर उससे बलात्कार किया जिस पर बिलासपुर पुलिस ने 11 सितम्बर को एफ.आई.आर. दर्ज कर मामला हाथ में लिया। बिलासपुर पुलिस ने पीड़िता की ओर से फलाहारी महाराज के विरुद्ध यौन शोषण की जीरो रिपोर्ट को अलवर के अरावली थाना में भेजा तथा पुलिस ने फलाहारी महाराज के खिलाफ विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद फलाहारी बाबा अलवर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया था लेकिन अस्पताल के अधिकारियों का कहना था कि बाबा की सेहत स्थिर है और वह वहां से जाने के लिए स्वतंत्र है। 

21 सितम्बर को अलवर पहुंची पीड़िता और उसके परिजनों के 2 दिनों तक बयान लिए गए और पीड़िता से मौका मुआयना की तस्दीक करवाई गई। पुलिस के अनुसार बाबा को 23 सितम्बर को अलवर के एक निजी अस्पताल से गिरफ्तार करके 6 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बाबा की गिरफ्तारी के समय अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने आश्रम स्थित आरोपी के कक्ष को भी सील कर दिया है। पुलिस के अनुसार आरोप सिद्ध होने पर ही फलाहारी बाबा को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को ‘अभियुक्त’ से अब कोई पूछताछ नहीं करनी है इसलिए रिमांड भी नहीं मांगा गया है। पुलिस जल्द ही न्यायालय में उसके विरुद्ध चालान पेश करेगी। 

एस.पी. राहुल प्रकाश के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पीड़िता का बयान दर्ज कर मैडीकल जांच भी कराई गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस की केस डायरी के आधार पर अरावली थाने में मामला दर्ज कर जांच की गई। 15 वर्षों से अध्यात्म जगत में सक्रिय बताए जाने वाले फलाहारी बाबा का पूरा नाम जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज है। वह रामानुज संप्रदाय के साधु माने जाते हैं। अलवर में इनका वेंकटेश दिव्य बालाजी धाम आश्रम है जहां हर दिन भक्तों की भीड़ रहती है और यहां वह भजन-कीर्तन और वैदिक यज्ञ करवाते हैं। वह अलवर में गौशाला भी चलाते हैं, कुंभ में शिविर लगाते हैं और संस्कृत के जानकार भी माने जाते हैं। अभी कुछ दिन पहले इन्होंने आश्रम में श्री वेंकटेश की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और विशिष्टï लोग आए थे। 

फलाहारी बाबा के रिश्ते कई राजनीतिक दलों से भी बताए जाते हैं और उन्हें भाजपा का करीबी माना जाता है। जुलाई में वह जयपुर में आयोजित भाजपा के संत समागम में भाग लेने भी गए थे। इन्होंने 7 नवम्बर, 2016 को एक रथ यात्रा भी शुरू की थी जो देश के विभिन्न राज्यों में अभी भी चल रही है और इसका समापन 2018 में होगा। समापन समारोह पर हैदराबाद में श्री राम जीवा प्रांगण में रामानुजाचार्य की प्रतिमा लगाई जानी थी। बाबा को अदालत में पेश करते समय अदालत परिसर में लोगों की काफी भीड़ थी और एहतियात के तौर पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। गिरफ्तार बाबा फलाहारी ने अदालत जाते समय मीडिया से कहा, ‘‘मैं निर्दोष हूं मुझे न्यायालय पर भरोसा है।’’ अलवर जिला भाजपा प्रधान धर्मवीर शर्मा के अनुसार यह महाराज को फंसाने की एक सोची-समझी साजिश है। 

सत्य तो जो भी हो वह जांच में सामने आ ही जाएगा। अलबत्ता एक बात अवश्य है कि इस प्रकार की घटनाओं के कारण देश में संतों और बाबाओं की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को लगातार आघात लग रहा है। अत: इस स्थिति को रोकने के लिए संत-महात्माओं को आपस में बैठ कर विचार करना चाहिए।—विजय कुमार 


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