‘अनहोनी की आशंका’ के दृष्टिगत ‘अमरनाथ यात्रा अचानक रद्द’

Saturday, Aug 03, 2019 - 03:11 AM (IST)

प्राचीनकाल से चली आ रही जम्मू-कश्मीर में स्थित श्री बाबा अमरनाथ जी की यात्रा करोड़ों शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है। भारत की इस सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा में देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस यात्रा में आए श्रद्धालुओं से होने वाली आय से ही यहां के लोग अपने बेटे-बेटियों के शादी-विवाह, नए मकानों का निर्माण तथा खरीदारी आदि करते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर सरकार को भी करोड़ों रुपए की आय होती है। 

इस बार यह यात्रा 1 जून को शुरू हुई तथा 15 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन तक 46 दिन चलनी थी। अब तक इस यात्रा के दौरान 21 श्रद्धालुओं की मृत्यु होने के बावजूद भक्तों का उत्साह पहले से भी अधिक था। इस साल बाबा बर्फानी की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के साथ-साथ लंगर लगाने वाली संस्थाओं और सुरक्षाबलों में भी काफी उत्साह था और वे पूरे प्रबंध कर रही थीं ताकि श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधा मिले। 

श्राइन बोर्ड ने भी यात्रा मार्ग पर रेलिंग लगाने के अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय और विश्राम स्थलों का विशेष प्रबंध किया था। इस बार यहां एक मुस्लिम एन.जी.ओ. वफा फाऊंडेशन ने खीर का लंगर लगा कर भाईचारे का सबूत पेश किया जिससे आशा बंधी थी कि पिछले कुछ वर्षों में यात्रा के दौरान हुई असुखद घटनाओं को पीछे छोड़ते हुए यह यात्रा आने वाले वर्षों में सफलता के नए आयाम तय करेगी। 

गत वर्ष इस पड़ाव पर आते-आते पवित्र हिम शिवङ्क्षलग लुप्त हो गया था परंतु इस बार यह भी यथावत है और आशा थी कि 15 अगस्त रक्षाबंधन तक ऐसे ही रहेगा और दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी 5 लाख से पार पहुंच जाएगी। यात्रियों के भारी उत्साह के चलते गत 1 अगस्त तक श्रद्धालुओं की संख्या 3,42,883 तक पहुंच गई थी और 4 वर्षों का रिकार्ड टूट गया। इस बीच खराब मौसम के कारण इसे 31 जुलाई को 4 अगस्त तक के लिए रोक दिया गया था। परंतु अचानक 2 अगस्त को राज्य के गृह सचिव शालीन काबरा द्वारा एक सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी कर श्री अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला होने की ताजा खुफिया रिपोर्टों के मद्देनजर यह सुझाव दिया गया है कि अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं और घाटी में पहुंचे पर्यटकों को अपना यात्रा कार्यक्रम रद्द करके यथाशीघ्र वापस लौट जाना चाहिए। इसके साथ ही श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने यात्रा के दौरान भंडारा लगाने वाली संस्थाओं को भी पैकिंग करके जल्दी लौट जाने के निर्देश दे दिए हैं।

इस बीच 2 अगस्त को ही पहलगाम-चंदनवाड़ी मार्ग पर बावल टॉप पर रहस्यमयी परिस्थितियों में एक धमाका हो गया जबकि एक अन्य घटना में सुरक्षाबलों ने श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर जांच के दौरान स्नाइपर राइफल तथा पाकिस्तान में बनी ‘क्लेमोर माइन’ बरामद की हैं। यात्रा बीच में ही छूट जाने से निश्चित रूप से शिवभक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं परंतु श्रद्धालुओं का कहना है कि राष्ट्र सर्वोपरि है और सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टिï से देशवासी सरकार के साथ खड़े हैं। हम आतंकी हमले के खतरे की परवाह न करते हुए अपनी आस्था के दीप जलाए रखने वाले श्रद्धालुओं, लंगर चलाने वाली संस्थाओं और सुरक्षा बलों के जवानों के साथ-साथ यहां के घोड़े, पिट्ठू व पालकी वालों को भी नमन करते हैं जिन्होंने इस यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालन में योगदान दिया।—विजय कुमार

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