''एयर इंडिया’ के स्टाफ की नहीं थम रहीं ''मनमानियां’

Friday, Jun 21, 2019 - 01:48 AM (IST)

87 वर्ष पुरानी 'एयर इंडिया’ भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा है परंतु अब परिचालन की अनियमितताओं, उड़ानों में देरी, विमानों के ब्रेकडाऊन से यात्रियों की सुरक्षा को खतरा और परेशानी, पायलटों के शराब पीकर ड्यूटी पर आने आदि के कारण यह ' राष्ट्रीय गौरव’ का दर्जा खो चुकी है जिसके अनेक उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं।

इसकी ताजा मिसाल 17 जून को सामने आई। उस समय जब बेंगलूरू से कोलकाता के लिए 'एयर इंडिया’ का विमान रन-वे पर उड़ान भरने को तैयार खड़ा था तो इसके पायलट ने खाना खाने के बाद कैबिन क्रू के एक सदस्य को अपना टिफिन साफ करने का आदेश दे दिया। कैबिन क्रू के मना करने पर दोनों में तीखी झड़प हो गई जिस कारण एयर इंडिया के उच्चाधिकारियों को दोनों को नीचे उतारना पड़ा और नया स्टाफ बुलवा कर विमान को रवाना किया गया जिसमें 2 घंटे लग गए।

15 मई, 2019 को 'एयर इंडिया’ की एक महिला पायलट ने अपने विमान के कमांडर पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया कि 5 मई को हैदराबाद के एक रेस्तरां में कमांडर ने उसके निजी जीवन के बारे में आपत्तिजनक प्रश्र पूछे। महिला पायलट के अनुसार, ''पहले तो कमांडर ने मुझे 'बताया’ कि वह अपने वैवाहिक जीवन से कितना नाखुश और दुखी है और फिर पूछने लगा कि मैं अपने पति से दूर कैसे रहती हूं और क्या मुझे प्रतिदिन शारीरिक संबंध बनाने की जरूरत नहीं पड़ती? कमांडर ने मुझसे यह भी पूछा कि क्या मैं हस्तमैथुन करती हूं तथा इसके बाद कमांडर का व्यवहार और अभद्र हो गया।"

मार्च, 2019 में सान फ्रांसिस्को हवाई अड्डों पर 'एयर इंडिया’ के एक पायलट को अश्लील सामग्री देखने के आरोप में अमरीकी अधिकारियों ने गिरफ्तार करके विमान के हवाई अड्डों पर उतरते ही यात्रियों के सामने हथकड़ी पहना दी और उसका वीजा रद्द करके भारत वापस भेज दिया। दम तोड़ रही 'एयर इंडिया’ द्वारा अन्य विमान सेवाओं की तुलना में अपने स्टाफ पर अधिक खर्च करने के बावजूद इसमें कुप्रबंधन का यह हाल है। घटिया स्टाफ अनुशासन और लेट लतीफी के कारण यह विमान सेवा यात्रियों को असुविधा के लिए 'मशहूर’ हो गई है तथा इसमें नई जान फूंकने की सरकार की कोशिशें अभी तक नाकाम ही रही हैं।

लिहाजा अनियमितताओं के दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों को कठोर दंड प्रावधानों द्वारा अनुशासित करके 'एयर इंडिया’ की सेवाओं को पटरी पर लाकर इसका पहले वाला गौरव बहाल करने की जरूरत है।—विजय कुमार

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