आखिर इमरान ने माना कि ‘पाक में सक्रिय हैं 40 आतंकी गिरोह’

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2019 - 02:03 AM (IST)

पाकिस्तान और भारत के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेदों और टकरावों का सिलसिला तो इसके अस्तित्व में आने के समय से ही जारी है। हालांकि नवाज शरीफ ने भारत से संबंध सुधारने की दिशा में चंद कदम बढ़ाए परंतु वह इसमें सफल नहीं हुए और अब इमरान खान भी भारत से संबंध सुधारने के छोटे-छोटे संकेत अपनी सरकार के कार्यों से दे रहे हैं, हालांकि इसके पीछे उनकी मंशा क्या है, यह जानने के लिए हमें सचेत रहना होगा। 

इसी संदर्भ में उनकी सरकार द्वारा (1) भारतीय असैन्य विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलना, (2) भारत में 2008 के दंगों व अन्य हिंसक घटनाओं में संलिप्त जैश-ए-मोहम्मद के सरगना हाफिज सईद की गिरफ्तारी, (3) गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के लिए 3 एकड़  से 14 गुणा अधिक यानी 42 एकड़ जमीन अलाट करने का निर्णय आदि शामिल हैं। यही नहीं, सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों का जब्री धर्मांतरण व अपहरण रोकने के लिए सिंध असैम्बली ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने के अलावा ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। 

भारत के प्रति पाकिस्तान के रवैये में ‘बदलाव’ का एक अन्य संकेत इमरान खान ने अपनी हालिया अमरीका यात्रा के दौरान दिया जब उन्होंने ‘कांग्रेसनल पाकिस्तान कॉकस’ की अध्यक्ष ‘शीला जैक्सन ली’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि : ‘‘हमारे देश की पिछली सरकारों ने, विशेषकर पिछले 15 वर्षों में, अमरीका को यह सच कभी नहीं बताया (कि) पाकिस्तान में  40 अलग-अलग आतंकवादी गिरोह सक्रिय हैं।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि‘‘पाकिस्तान में 30,000-40,000 ‘सशस्त्र लोगों’ को ट्रेनिंग दी गई जिन्होंने अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों और कश्मीर में लड़ाई लड़ी।’’ 

‘‘दुर्भाग्यवश हमने कभी अमरीका को जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं कराया। इसके लिए मैं अपनी सरकार को जिम्मेदार ठहराता हूं। इसके साथ ही इमरान ने यह भी दावा किया कि‘‘जैश-ए-मोहम्मद गिरोह न सिर्फ पाकिस्तान में मौजूद है बल्कि कश्मीर में भी है।’’ उन्होंने इन गिरोहों को ‘नि:शस्त्र’ करने की बात भी कही लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह काम आसान नहीं होगा। इमरान खान के इस बयान से साफ है कि वह इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि पुलवामा आतंकी हमले के पीछे जैश का ही हाथ था, हालांकि इससे पहले पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने देश में जैश की मौजूदगी को नकारता रहा है। 

भारत से संबंध सुधारने के मकसद से उठाए जा रहे कदमों के अलावा इमरान द्वारा पाकिस्तान में आतंकी गिरोहों की मौजूदगी को स्वीकार करना सबसे बड़ी बात है। लिहाजा अब यह आशा की जा सकती है कि इमरान खान द्वारा उठाए जा रहे ऐसेे कदम दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने में मददगार साबित होंगे।—विजय कुमार 


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