‘लापरवाह सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध’ ‘कार्रवाई में और तेजी लाई जाए’

punjabkesari.in Tuesday, Nov 16, 2021 - 04:12 AM (IST)

सरकार द्वारा निष्ठापूर्वक ड्यूटी निभाने के निर्देश देने के बावजूद अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी में लापरवाही बरतने की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं। इसी को देखते हुए 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक वर्ष में ही आयकर विभाग के 85 अधिकारियों को, जिनके विरुद्ध काम में लापरवाही बरतने और भ्रष्टाचार के मामले लंबित थे, जब्री रिटायर किया था। 

अधिकारियों एवं कर्मचारियों में यह कुप्रवृत्ति जारी रहने के दृष्टिगत अब कुछ और सरकारी विभागों द्वारा लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई हो रही है जिसके इसी महीने के मात्र 4 दिनों के चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 10 नवम्बर को मोगा के पुलिस प्रमुख ने नशा तस्करों से सांठ-गांठ के आरोप में थाना बाघापुराना के ए.एस.आई. अंग्रेज सिंह और गुरमेल सिंह को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए।
* 10 नवम्बर को एक युवती के लापता होने के सिलसिले में हिरासत में लिए गए युवक की उत्तर प्रदेश में कासगंज के एक पुलिस थाने में कथित रूप से मौत के सिलसिले में एक एस.एच.ओ. सहित 5 पुलिस कर्मचारियों को निलंबित किया गया। 

* 10 नवम्बर को ही पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा के निर्देश पर फिरोजपुर के एस.एस.पी. ने 11 पुलिस अधिकारियों को नशीले पदार्थों और भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त होने के आरोप में बर्खास्त किया। इनमें एक एस.आई., 4 ए.एस.आई., 3 हवलदार व 3 सिपाही शामिल हैं।
* 11 नवम्बर को गोरखपुर स्थित बी.आर.डी. मैडीकल कालेज और अस्पताल में आक्सीजन की कमी के चलते 70 बच्चों की मौत के सिलसिले में 2017 में निलंबित डा. कफील खान की सेवाएं समाप्त की गईं। 

* 11 नवम्बर को ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राज्य पुलिस से नाराजगी के चलते डी.जी.पी. दुर्गेश माधवराव अवस्थी को उनके पद से हटा कर ‘पुलिस अकैडमी’ में स्थानांतरित कर दिया गया।
* 12 नवम्बर को फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर 2 जूनियर इंजीनियरों को नौकरी से बर्खास्त करने के अलावा एस.डी.ओ. को निलंबित और एक्स.ई.एन. को चार्जशीट करने का आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि निगम को काम करने वाले कर्मचारियों की आवश्यकता है, लापरवाह और कामचोरों की नहीं। 

* 13 नवम्बर को जम्मू-कश्मीर सड़क परिवहन निगम (जे.के. आर.टी.सी.) के प्रबंध निदेशक अंग्रेज सिंह राणा ने 3 कर्मचारियों अब्दुल मजीद डार, शम्सुद्दीन तथा रऊफ अहमद को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए। इससे पहले अक्तूबर में राणा ने राजस्व की हेराफेरी में कथित संलिप्तता को लेकर 15 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की थीं।
* 13 नवम्बर को ओडिशा सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे 8 अधिकारियों को जब्री रिटायर करने के आदेश जारी किए। राज्य में अनैतिकता, अक्षमता और कार्य में निष्ठा की कमी के आधार पर 2019 से अब तक 130 सरकारी अधिकारियों को नौकरी से हटाया गया है। 

* 13 नवम्बर को ही अफीम तस्करों को 6.68 लाख रुपए की रिश्वत लेकर छोडऩे वाले तरनतारन के चौकी टाऊन के प्रभारी थानेदार हरपाल सिंह को नौकरी से बर्खास्त किया गया। हमारे देश में सामान्यत: सरकारी कर्मचारियों को कत्र्तव्य पालन में लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर निलंबित ही किया जाता है परंतु ज्यादातर मामलों में वे निलंबन रद्द करवा कर बहाल हो जाने में सफल हो जाते हैं। 

निलंबन के दौरान उन्हें आधा वेतन मिलता रहता है और बहाल हो जाने पर निलंबन की अवधि का बकाया आधा वेतन भी मिल जाता है जिस कारण उन्हें दंडित करने का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है और इसी बहाने वे छुट्टियां भी मना लेते हैं सो अलग। लिहाजा लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी लाई जाए तथा दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों की तत्काल जांच करके दोष सिद्ध होने पर उन्हें बर्खास्त ही किया जाना चाहिए। तभी दूसरों को नसीहत मिलेगी। 

सभी राज्यों के सभी विभागों में ऐसी कार्रवाइयां शुरू करने की तुरंत जरूरत है। इससे सरकारी कामकाज सुधरने से देश तरक्की करेगा, कर्मचारियों में दंड और नौकरी से निकाले जाने के भय से उनके कामकाज में सुधार होने तथा भ्रष्टाचार समाप्त होने से लोगों को भारी राहत मिलेगी।—विजय कुमार


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