चुनाव न लडऩे वाले राजनीतिक दलों के विरुद्ध कार्रवाई

Wednesday, Dec 14, 2016 - 12:18 AM (IST)

आयकर चोरी के मामले में राजनीतिक दल भी पीछे नहीं हैं। इन्हें आयकर कानून की धारा 13-1ए के अंतर्गत आयकर से छूट प्राप्त है तथा  विभिन्न स्रोतों से प्राप्त इनकी आय पर कोई टैक्स नहीं लगता।

पूर्व चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी का तो यहां तक कहना है कि ‘‘कई राजनीतिक दल तो ‘मनी लांड्रिंग की फैक्टरी’ बन गए हैं। ये चंदा लेते तो करोड़ों में हैं परंतु इसको पेटी कैश डिपाजिट के नाम पर दिखा कर आयकर के घेरे में आने से बच निकलते हैं।’’

भारत में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या लगभग 1900 है जो विश्व में सर्वाधिक है और इनमें से अनेक राजनीतिक दल वर्षों से काले धन को सफेद धन में बदलते आ रहे हैं। अब तो इस पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने भी कह दिया है कि :

‘‘भारत में पंजीकृत राजनीतिक दलों में से 400 से अधिक दलों ने कभी चुनाव ही नहीं लड़ा और इस बात की पूरी संभावना है कि इनका इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए किया जा रहा हो। लिहाजा अब ऐसे दलों का नाम हटाने के लिए पंजीकरण रद्द करने की तैयारियां की जा रही हैं।’’

श्री जैदी ने राज्य चुनाव आयुक्तों को उनके पास रजिस्टर्ड उन सभी राजनीतिक दलों की सूची भेजने को कहा है जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा।

इसके साथ ही इन पाॢटयों द्वारा हासिल किए गए चंदे की जानकारी भी मांगी गई है तथा कुछ पाॢटयों का पंजीकरण रद्द भी किया गया है। जैदी के अनुसार इनके नाम सूची में से काटने पर ये राजनीतिक दल होने के नाते मिलने वाली आयकर छूट पाने के अयोग्य हो जाएंगे।

इस समय जबकि देश में काला धन व इसके स्रोत समाप्त करने का अभियान चल रहा है, राजनीतिक दलों द्वारा आयकर की चोरी निश्चय ही एक अक्षम्य अपराध है। लिहाजा ऐसे दलों के विरुद्ध कार्रवाई तेज करके इनका पंजीकरण यथाशीघ्र रद्द करने और ऐसे बोगस दल खड़े करके कर चोरी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।     —विजय कुमार 

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